असल में समाज का असली विकलांग व्यक्ति वह है जो दिव्यांग लोगों के गुणों से नहीं वरण उनके ऊपर पूर्वाग्रह रख कर भेदभाव करता है : डॉ० मनोज कुमार
असल में समाज का असली विकलांग व्यक्ति वह है जो दिव्यांग लोगों के गुणों से नहीं वरण उनके ऊपर पूर्वाग्रह रख कर भेदभाव करता है : डॉ० मनोज कुमार जनक्रांति कार्यालय रिपोर्ट शारीरिक या मानसिक रूप से दिव्यांग लोगों को उचित रूप से समझने की दरकार है : डॉ० मनोज कुमार पटना, बिहार ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 03 दिसंबर, 2021 ) । दिव्यांगता कोई भी हो उसपर समाज के लोगों को समान्य नजरिया प्रस्तुत करना चाहिए ।शारीरिक रूप से असक्षम लोगों को उनके मानसिक सक्षमता को दरकिनार नही करनी चाहिए ।इसी प्रकार मानसिक दिव्यांग लोगों में अनेकों प्रतिभाएं हो सकती हैं। उनकी भावनाएँ जरूर कुंद हो सकती है पर उनके विचारो को सुसज्जित करने पर समाज और परिवार में उनका महत्व बढाया जा सकता है। असमायिक दुर्घटना से उत्पन्न होने वाले दिव्यांगता विगत कुछ वर्षों से बढ रहें हैं। हम समाज के लोगों को इनसे भेदभाद नहीं करने और सोसाइटी की अगली पंक्ति में दिव्यांगजनों को लाने की कोशिश करनी चाहिए । मिडिया और जनप्रतिनिधियों को समाज में उन लोगों का बहिष्कार करना है जो दिव्यांग जनों को उनकी क्षमता से न जान उनके शारीरिक-मानस