👫कन्यादान...👫
👫कन्यादान...👫 साभार काव्य जनक्रान्ति कार्यालय से अनील कुमार यादव खगड़िया, बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 09 दिसम्बर,2020 ) । 👫कन्यादान...👫 🎅 पिता :- कन्यादान नहीं करूंगा जाओ , मैं नहीं मानता इसे , क्योंकि मेरी बेटी कोई चीज़ नहीं ,जिसको दान में दे दूँ ; मैं बांधता हूँ बेटी तुम्हें एक पवित्र बंधन में , पति के साथ मिलकर निभाना तुम , मैं तुम्हें अलविदा नहीं कह रहा , आज से तुम्हारे दो घर ,जब जी चाहे आना तुम , जहाँ जा रही हो ,खूब प्यार बरसाना तुम , सब को अपना बनाना तुम ,पर कभी भी न मर मर के जीना ,न जी जी के मरना तुम , तुम अन्नपूर्णा , शक्ति , रति सब तुम , ज़िंदगी को भरपूर जीना तुम , न तुम बेचारी , न अबला , खुद को असहाय कभी न समझना तुम , मैं दान नहीं कर रहा तुम्हें , मोहब्बत के एक और बंधन में बाँध रहा हूँ , उसे बखूबी निभाना तुम ................. * एक नयी सोच एक नयी पहल * सभी बेटियां के लिए 🔰🚥🚥🔰