आज प्रजातंत्र शासन प्रणाली की चाभी कारपोरेट घराने के हाथों में हैं
आज प्रजातंत्र शासन प्रणाली की चाभी कारपोरेट घराने के हाथों में हैं जनक्रांति कार्यालय रिपोर्ट प्रजा के लिये प्रजा के मत से निर्मित शासन प्रणाली को प्रजा तंत्र कहा जाता है :प्रमोद कुमार सिन्हा "ना गगन बदला है, ना चमन बदला है, लाश वही है सिर्फ कफन बदला है " समाचार डेस्क,भारत ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 21 सितंबर, 2021 )। प्रजातंत्र की परिभाषा यूँ दी जाती रही है की प्रजा से प्रजा के द्वारा और प्रजा के लिये प्रजा के मत से निर्मित शासन प्रणाली को प्रजा तंत्र कहा जाता है, परन्तु वास्तविकता इससे कोसों दूर होता है ना तो यह शासन प्रजा के हित के लिये कोई काम करती है और ना भविष्य में ऐसा ही कोई गुंजाईश है । आइये हम सब मिलजुलकर इस बिन्दु पर गहन चिंतन - मनन करें । प्रथम बात है कि ये शासन प्रणाली की चाभी प्रजा के हाथों में बतायी जाती है जबकि वास्तविकता कुछ और होती है हकीकत ये है इसकी चाभी प्रजा के हाथों ना होकर कारपोरेट घराने की हाथों में होता है कैसे ..? विश्लेषण और तर्क संगत बात यहीं से उत्पन्न होता है जब कोई उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतरता है तो सबसे पहले उसे जमान