पौराणिक कथा... कायस्थो का ननिहाल : नागवंश
पौराणिक कथा... कायस्थो का ननिहाल : नागवंश 💲🙋आरती कुमारी वर्मा जनक्रान्ति कार्यालय से समस्तीपुर, बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 25 दिसम्बर, 2020 ) । भगवान चित्रगुप्त की दो शादियाँ हुईं, । जिनसे 12 पुत्र थे । और पुत्रों का विवाह नागराज बासुकी की बारह कन्याओं से सम्पन्न हुआ, जिससे कि कायस्थों की ननिहाल नागवंश मानी जाती है। उनकी *पहली पत्नी सूर्यदक्षिणा* /नंदनी जो ब्राह्मण कन्या थी, इनसे 04 पुत्र हुए जो भानू, विभानू, विश्वभानू और वीर्यभानू कहलाए। *दूसरी पत्नी एरावती* /शोभावति नागवन्शी क्षत्रिय कन्या थी, इनसे 08 पुत्र हुए जो चारु, चितचारु, मतिभान, सुचारु, चारुण, हिमवान, चित्र,और अतिन्द्रिय कहलाए। जिसका उल्लेख अहिल्या, कामधेनु, धर्मशास्त्र एवं पुराणों में भी दिया गया है । श्री चित्रगुप्तजी महाराज के बारह पुत्रों का विवाह नागराज बासुकी की बारह कन्याओं से सम्पन्न हुआ, जिससे कि कायस्थों की ननिहाल नागवंश मानी जाती है और नागपंचमी के दिन नाग पूजा की जाती है । *माता सूर्यदक्षिणा / नंदिनी* ( श्राद्धदेव की कन्या ) के चार पुत्र काश्मीर के आस -पास जाकर बसे तथा ऐरावत