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🔥ओ३म् ....! 👉🙏🏿🌹आजका दिन मंगलमय हो....🌹🙏🏿

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🔥ओ३म् ...!👉🙏🏿🌹आजका दिन मंगलमय हो...🌹🙏🏿 🔥ओ३म् ....! 👉🙏🏿🌹आजका दिन मंगलमय हो....🌹🙏🏿   जनक्रान्ति कार्यालय से गुलशन कुमार की अध्यात्मिक विचार समस्तीपुर, बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 10 नवंबर, 2020 ) ।        🌷जीवन संघर्ष का नाम है और संघर्ष ही जीवन है अत: इससे घबराना या मुंह मोड़ना उचित नहीं। दुनिया में आये है तो जीना ही पड़ेगा लेकिन सही जीवन वही जी सकता है जिसके पास स्वस्थ, निरोगी और शक्तिशाली शरीर होगा। स्वस्थ रहना हमारा जन्म सिद्ध स्वरूप है। इसे बिगड़ने न दे।                        🍀🍁🍀🍁🍀🍁🍀🍁🍀🍁🍀                🕉️🚩आज का वेद मंत्र 🕉️🚩   🌷ओ३म् स बोधि सूरिर्मघवा वसुपते वसुदावन।युयोध्यस्मद् द्वेषांसि ।।(ऋग्वेद २|६|४) 💐 अर्थ:- ( वसुपते वसुदावन ! स: मघवा सूरि: बोधि) हे वसुपति- धन आदि पदार्थों के स्वामी तथा धन आदि पदार्थों के प्रदान करने वाले परमेश्वर! वह तू ऐश्वर्यशाली, विद्वान हुआ- हुआ हमारे भीतर- बाहर के सर्वविध व्यवहारों को जानता है ।इसलिए तू- (अस्मत् द्वेषांसि युयोधि)   हमसे द्वेषयुक्त व्यवहारोंको पृथक कर ।  ऐश्वर्य के स्वामी और ऐश्वर्य

🔥ओ३म्.....! 🌹🙏🏿सुप्रभात्🌹🙏🏿 🗣️🙏🏿🌹आजका दिन मंगलमय हो...

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            🔥ओ३म्.....! 🌹🙏🏿सुप्रभात्🌹🙏🏿             🗣️🙏🏿🌹आजका दिन मंगलमय हो.. . ✍️🌹गुलशन कुमार  जनक्रान्ति कार्यालय रिपोर्ट  समस्तीपुर, बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 09 नवंबर, 2020 ) ।  🌷 बहुत परिश्रम और कम खुराक, बहुत काम करना और कम विश्राम  , बहुत चिन्ता करना और कम निद्रा, बहुत आहार करना और कमजोर पाचन शक्ति , बहुत खर्च करना और कम आय  , बहुत भोग विलास करना और कम़जोर शरीर  - ये सब दुखद संयोग है अर्थात् ऐसी स्थिति दुख देने वाली ही होती है।                          🍀🍁🍀🍁🍀🍁🍀🍁🍀🍁🍀                                         🕉️🚩आज का वेद मंत्र 🕉️🚩 🌷 ओ३म् सखाय आ नि सविता स्तोम्यो नु न:।दाता राधांसि शुम्भति ।।(ऋग्वेद १|२२|८) 💐 अर्थ:- (सखाय:! आनिषीदत) हे समान ज्ञान और समान कर्मों वाले साधक मित्रों! आओ मिलकर बैठो, और स्तुति करों उसकी कि जो    ( सविता नु न: स्तोम्य:)   सर्वोत्पादक, सर्वप्रेरक, सविता देव निश्चयपूर्वक हम सबके लिए स्तुत्य है, प्रशंसनीय हैं ।  ( दाता राधांसि शुम्भति) वह दानशील परमेश्वर, सभी कार्यों को सिद्ध करने वाले धन- धान्यों को प्रदान क

🔥 ओ३म् .....! 👉🙏🏿सुप्रभात्🙏🏿👈

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          🔥 ओ३म् .....! 👉🙏🏿सुप्रभात्🙏🏿👈                             🔥 ओ३म् .....!                            👉🙏🏿सुप्रभात्🙏🏿👈 🗣️✍️  जनक्रान्ति कार्यालय से  गुलशन कुमार की अध्यात्मिक विचार समस्तीपुर, बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 08 नवंबर, 2020 ) ।     🌷विपत्तियों, बाधाओं और असफलताओं से घबराना और निराश होना उचित नहीं क्योंकि इनसे हमारी क्षमता और योग्यता की परीक्षा होती है। जैसे कसौटी पर कसने, घिसने काटने और आग में तपा कर हथौड़ी से कूटने पर सोने की परीक्षा होती है वैसे ही संघर्ष, पराक्रम, धैर्य, साहस और शील- चरित्र से हमारी परीक्षा होती है।                                          🍁🍀🍀🍀🍁🍀🍁🍀🍁🍀🍁                   ⛳🕉️आज का वेद मंत्र 🕉️ ⛳ 🌷 ओ३म् यस्मादृते न सिध्यति यज्ञों विपश्चितश्चन ।स धीनां योगमिन्वति।। 💐 अर्थ:- ( यस्मात् विपश्चित; ऋते यज्ञ: चन न सिध्यति) जिस ज्ञानी, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के बिना संसार रूप यज्ञ भी नहीं सिद्ध हो सकता । ( स: धीनां योगमार्ग इन्वति)  वह जगदीश्वर सब मनुष्यों की बुद्धि और कर्मों के संयोग को व्याप्त करता है वा जानत

🔥 ओ३म् ....!

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                            🔥 ओ३म् ....!                              🔥 ओ३म् ....! ✍️👉 जनक्रान्ति कार्यालय से गुलशन कुमार  समस्तीपुर, बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 07 नवंबर, 2020 ) ।    🌷हमारी भलाई चाहने वाला पराया भी हो, तो भी अपना हो जाता है जबकि हानि करने वाला अपना भी अपना नही होता बल्कि शत्रु होता है। देखिए न ! रोग और विकार आखिर तो अपने शरीर में ही पैदा होते है, इसी में रहते और पनपते हैं फिर भी शरीर को कष्ट देते है और नष्ट करते हैं जबकि दूर जंगल में पैदा हुई जड़ी बूटी शरीर के कष्ट मिटाती है और प्राण - रक्षा करती है ।                                               🍀🍁🍀🍁🍀🍁🍀🍁🍀🍁🍀                               🕉️🚩 आज का वेद मंत्र 🕉️🚩 🌷 ओ३भ् सख्ये त इन्द्र वाजिनो मा भेम शवसस्पते ।त्वामभि प्र णोनुमो जेतारमपराजितम्।। ( ऋग्वेद १|११|२) 💐 अर्थ:- ( इन्द्र ! ते सख्ये वाजिन: मा भेम )   हे ! सर्व ऐश्वर्य के भण्डार परमेश्वर! तेरी मित्रता में अन्न और बल से सम्पन्न हुए हम किसी से भयभीत न हो,हम किसी से डरे नही ।   (शवसस्पते! जेतारम् अपराजितं त्वाम् अभि प्रणोनुम:)

🔥 ओ३म् .... ! 👉🌹हिन्दू पंचाग🌹👈

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                        🔥  ओ३म् .... !                     👉🌹हिन्दू पंचाग🌹👈                           🔥  ओ३म् .... !                     👉🌹हिन्दू पंचाग🌹👈 ✍️🙏🏿गुलशन कुमार  जनक्रान्ति कार्यालय रिपोर्ट  समस्तीपुर, बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 27 अक्टूबर, 2020 ) ।   🌷 अति करना अच्छा नही होता  और न ही किसी भी तरह की अति होना अच्छा है। अति सुन्दरता के कारण सीता का हरण हुआ, अति घमंड के कारण रावण का नाश हुआ, अति दान से बलि को बंधना पड़ा  : ' अति सर्वत्र वर्जयेत ' के अनुसार अति करना या अति होना कहीं भी उचित नहीं होता। न ज्यादा चुप रहना अच्छा होता है और न ही ज्यादा बोलना ही अच्छा होता है जैसे न ज्यादा धूप अच्छी होती है और न ज्यादा बरसना ही अच्छा होता है ।                                           🍁🍀🍁🍀🍁🍀🍁🍀🍁🍀🍁                            🕉️🙏 ओ३म् सादर नमस्ते जी 🕉️🙏                              🌷🍃 आपका दिन शुभ हो 🌷🍃 दिनांक  - - २७ अक्तूबर २०२० दिन  - -  मंगलवार     तिथि  - - एकादशी ( ११:४६ तक एकादशी तत्पश्चात द्वादशी)   नक्षत्र  - -  शतभिष

🔥 ओ३म्.....!

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         🔥 ओ३म्.....! ✍️🤳 गुलशन कुमार  समस्तीपुर, बिहार ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 26 अक्टूबर, 2020 ) ।                  🔥 ओ३म्.....!     🌷भोजन करके सोना, चिन्ता करते हुए भोजन करना, भोजन करते ही शौच जाना या शौच से आते ही भोजन करना, भोजन के अन्त में जल पीना, भूख लगने पर भोजन न करना,भूख मर जाए तब भोजन करना, ठीक से चबाए बिना ही निगल जाना, भोजन करके स्नान करना, तीन घंटे के अन्दर दोबारा भोजन करना और आठ घंटे से ज्यादा भूखे रहना, मात्रा से अधिक भोजन करना  -  ये सब काम अपने स्वास्थ्य से दुश्मनी करने के बराबर है। 🍁🍀🍁🍀🍁🍀🍁🍀🍁🍀🍁 🕉️🙏 ओ३म् सादर नमस्ते जी 🕉️🙏 🌷🍃 आपका दिन शुभ हो 🌷🍃 दिनांक  - - २६ अक्तूबर २०२० दिन  - -  सोमवार    तिथि  - -  दशमी  ( प्रातः ०९ :०० तक तत्पश्चात एकादशी ) नक्षत्र  - -  शतभिषा ( पूरी रात ) पक्ष  - - शुक्ल  माह  - - आश्विन  ऋतु  - - शरद्   सूर्य  - - दक्षिणायण   सूर्योदय  - - ( प्रातः ०६: २९ पर ) सूर्यास्त  - - ( सायं ०५: ४१ पर ) सृष्टि संवत्  - - १,९६,०८,५३,१२१ कलयुगाब्द  - - ५१२१ विक्रम संवत्  - - २०७७ शक संवत्  - - १९४२ दयानंदाब्द  - -

🕉️🙏🌹 ओ३म् ....!🌹🙏 👉🙏🗣️आजका शुभ विचार🌹✍️👈

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                   🕉️🙏🌹 ओ३म् ....!🌹🙏                     🕉️🙏🌹 ओ३म् ....!🌹🙏 ✍️🙏जनक्रान्ति कार्यालय से गुलशन कुमार  समस्तीपुर, बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 22 अक्टूबर, 2020 ) । 👉💥दिन में निकला हुआ चन्द्रमा शोभायमान नहीं होता भले ही पूर्ण चन्द्र हो, यौवन के बिना नारी का रूप शोभायमान नहीं होता भले ही कितनी सुन्दर हो, कमल पुष्पों के बिना सरोवर सूना लगता है भले ही कितना बड़ा हो, इसी प्रकार धनवान यदि कंजूस हो तो शोभायमान नहीं होता, सुन्दर पुरूष मूर्ख हो, सुन्दर नारी दुष्टा हो तो शोभायमान नहीं होते और बेरोजगार पति तथा चरित्रहीन पत्नी  - ये दोनों भी शोभायमान नहीं होते।                                          🍁🍀🍁🍀🍁🍀🍁🍀🍁🍀🍁                🕉️⛳आज का वेद मंत्र⛳ 🕉️ 🌷 ओ३म् हिरण्मयेन पात्रेण सत्यस्यापिहितं मुखम्। योऽसावादित्ये पुरूष: सऽ सावहम्। ओ३म् खं ब्रह्म ।।( यजुर्वेद ४०|१७ ) 💐 अर्थ:- सब मनुष्यों को ईश्वर उपदेश करता हूँ कि । हे मनुष्यों  ! जो मै यहाँ हूँ,  वह अनयत्र सूर्य आदि में भी हूँ,  और जो अन्यत्र सूर्य आदि में हूँ, वही यहाँ हूँ ।मैं सर्वत्र परिपू

🔥🗣️ 🕉️ओ३म् ....🌹! 👉🕉️आजका शुभ विचार 🌹🙏🕉️👈

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                                   🔥🗣️ 🕉️ ओ३म् ....🌹!             👉🕉️आजका शुभ विचार 🌹🙏🕉️👈                     🔥🗣️ 🕉️ओ३म् ....🌹!             👉🕉️आजका शुभ विचार 🌹🙏🕉️👈 🗣️✍️जनक्रान्ति कार्यालय से गुलशन कुमार  समस्तीपुर,बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 20 अक्टूबर, 2020 ) ।  🌷जिस मामले में सही जानकारी न हो उस विषय में चुप रहना ही अच्छा होता है, बुरा बोलने से न बोलना ही अच्छा होता है।विद्वान की विद्वता और मूर्ख की मूर्खता बोलने से ही प्रकट होती है जैसे कौआ और कोयल का भेद बोलने पर ही प्रकट होता है। इसलिए विद्वान का बल वाणी और मूर्ख का बल मौन रहना होता है। या तो बुद्धिमान की तरह बोलों अन्यथा चुप रहों जैसे विवेक और एवं विचार से शून्य होने से पशु चुप रहते है।                                 🍁🍀🍁🍀🍁🍀🍁🍀🍁🍀🍁                             🕉️🙏 ओ३म् सादर नमस्ते जी 🕉️🙏                              🌷🍃 आपका दिन शुभ हो 🌷🍃 दिनांक  - - २० अक्तूबर २०२० दिन  - -  मंगलवार    तिथि  - -  चतुर्थी  ( पूर्वाह्न ११ बजकर १८ मिनट तक तत्पश्चात पंचमी) नक्षत्र - -  ज्येष्

🕉️🌹🙏🏿 ओ३म्....!

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                                            🕉️🌹🙏🏿 ओ३म्....!                                          🕉️🌹🙏🏿 ओ३म्....! ✍️ 🗣️ Gulshan kumar  समस्तीपुर, बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय  15 अक्टूबर, 2020 ) । 🌷 कहीं आग लग जाए तो पानी से बुझाई जा सकती है, शरीर में कोई रोग हो तो उचित चिकित्सा से उसे दूर किया जा सकता है, छाता लगाकर धूप और वर्षा से बचाव किया जा सकता है, बलवान हाथी को भी महावत अंकुश से वश में कर लेता है, उचित मात्रा में युक्तिपूर्वक विष को भी औषधि की तरह प्रयोग किया जा सकता है, सोये हुए को जगाया जा सकता है पर जो जाग कर भी सोने का नाटक कर रहा हो उसे जगाना मुश्किल है ।                            🍁🍀🍁🍀🍁🍀🍁🍀🍁🍀🍁                               🕉️🚩 आज का वेद मंत्र 🕉️🚩 🌷 सर्वेषामेव शोचानामर्थशोंचं परं स्मृतम् । योऽर्ये शुचिर्हि स शुर्चिन मृद्वारिशुचि: शुचि:।। ( मनुस्मृति ) 💐 अर्थ:- सभी प्रकार की शुद्धियों में अर्थ से सम्बद्व शुद्धि ही परम शुद्धि है । जो धर्म ( न्याय ) ही से पदार्थो का संचय करना है वही सब पवित्रताओं में उत्तम पवित्रता है अर्थात जो

🔥 ओ३म् ....! 🌷महर्षि दयानन्द सरस्वती के अनुयायी क्यों बनें...?

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                            🔥 ओ३म् ....! 🌷महर्षि दयानन्द सरस्वती के अनुयायी क्यों बनें...?                                                       🔥 ओ३म् ....! 🌷महर्षि दयानन्द सरस्वती के अनुयायी क्यों बनें...? ✍️गुलशन कुमार  समस्तीपुर, बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 12 अक्टूबर, 2020 ) ।  🌷( १) दयानन्द का सच्चा अनुयायी भूत-प्रेत, पिशाच, डाकिनी, शाकिनी आदि कल्पित पदार्थों से कभी भयभीत नहीं होता । 🌷(२ ) आप फलित ज्योतिष, जन्म-पत्र, मुहूर्त, दिशा-शूल, शुभाशुभ ग्रहों के फल, झूठे वास्तु शास्त्र आदि धनापहरण के अनेक मिथ्या जाल से स्वयं को बचा लेंगें । 🌷 ( ३) कोई पाखण्डी साधु, पुजारी, गंगा पुत्र आपको बहका कर आपसे दान-पुण्य के बहाने अपनी जेब गरम नहीं कर सकेगा । 🌷 ( ४ ) शीतला, भैरव, काली, कराली, शनैश्चर आदि अप-देवता, जिनका वस्तुतः कोई अस्तित्व  ही नहीं है, आपका कुछ भी अनिष्ट नहीं कर सकेंगे । जब वे हैं ही नहीं तो बेचारे करेंगे क्या ? 🌷( ५ )  आप मदिरापान, धूम्रपान, विभिन्न प्रकार के मादक से बचे रह कर अपने स्वास्थ्य और धन की हानि से बच जायेंगे । 🌷( ६ ) बाल-विवाह, वृद्ध-विवाह

🔥 ओ३म....। 🌷आर्ष ज्ञान के स्त्रोत।🌷 =============

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                                      🔥 ओ३म....।                  🌷आर्ष ज्ञान के स्त्रोत।🌷                       =============                                           🔥 ओ३म....।                     🌷आर्ष ज्ञान के स्त्रोत।🌷                         ============= ✍️जनक्रान्ति कार्यालय से  गुलशन कुमार की रिपोर्ट  समस्तीपुर, बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 07 अक्टूबर, 2020 ) । प्रश्न  –   वेद कितने हैं..?  उत्तर  – वेद चार हैं । प्रश्न  – कौन – कौन से..? उत्तर  – ऋग्वेद , यजुर्वेद , सामवेद , अथर्ववेद । प्रश्न  – वेदांग कौन – कौन से हैं..? उत्तर  – शिक्षा , कल्प , व्याकरण , निरुक्त , छन्द , ज्योतिष – ये वेद के 6 अंग है ।  प्रश्न  –  वेद के उपांग कौन – कौन से है..?  उत्तर  – न्याय , वैशेषिक , सांख्य , योग , मीमांसा , वेदान्त – ये वेद के उपांग है । इन्हीं को 6 शास्त्र और दर्शन भी कहते हैं ।  प्रश्न  – क्या वेदांगों से ही ज्ञान हो जायेगा..?  उत्तर  – इनके अतिरिक्त उपवेद, ब्राह्मण ग्रंथ तथा उपनिषदों के पढ़ने की भी आवश्यकता है । प्रश्न  – उपवेद कितने है..