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बिहार-झारखंड सेल्स रिप्रेजेंटेटिव्स यूनियन जिला इकाई समस्तीपुर द्वारा श्रमिक विरोधी श्रम संहिता के साथ ही किसान विरोधी कृषि कानून के विरोध में श्रम अधीक्षक कार्यालय के सामने नियम की जलाया प्रतिलिपि

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बिहार-झारखंड सेल्स रिप्रेजेंटेटिव्स यूनियन जिला इकाई समस्तीपुर द्वारा श्रमिक विरोधी श्रम संहिता के साथ ही किसान विरोधी कृषि कानून के विरोध में श्रम अधीक्षक कार्यालय के सामने नियम की जलाया प्रतिलिपि  जनक्रान्ति कार्यालय रिपोर्ट  समस्तीपुर, बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 04 फरवरी, 2021 ) । बिहार-झारखंड सेल्स रिप्रेजेंटेटिव्स यूनियन जिला इकाई समस्तीपुर द्वारा श्रमिक विरोधी श्रम संहिता के साथ ही किसान विरोधी कृषि कानून के विरोध में श्रम अधीक्षक कार्यालय के सामने नियम की जलाया प्रतिलिपि । मालूम हो की बुधवार को बिहार झारखंड सेल्स रिप्रेजेंटेटिव यूनियन तथा सी.आई.टी.यू. के सभी संबद्ध  श्रमिक संगठनों  के द्वारा श्रम नियमों पर चर्चा करने के लिए श्रम मंत्रालय द्वारा बुलाई गई त्रिपक्षीय बैठक में सरकार द्वारा दिखाये गये अड़ियल रवैये की निंदा की गई। सरकार ने ट्रेड यूनियनों के साथ श्रम संहिताओं और मसौदा नियमों पर विस्तृत चर्चा होने तक श्रम संहिताओं के कार्यान्वयन को रोकने की ट्रेड यूनियनों की माँग को पूरी तरह से नकार दिया, सरकार के अड़ियल रवैया के खिलाफ विरोध प्रदर्शन तथा श्रमिक

किसान विरोधी नई कृषि कानून को वापस लेने हेतू भारत बंद का बी.एस.एस.आर. युनियन ने बंद को दिया समर्थन : श्याम सुंदर

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  किसान विरोधी नई कृषि कानून को वापस लेने हेतू भारत बंद का बी.एस.एस.आर. युनियन ने बंद को दिया समर्थन : श्याम सुंदर  श्याम सुंदर, सचिव बी.एस.एस.आर. यूनियन - समस्तीपुर   जनक्रान्ति कार्यालय रिपोर्ट  समस्तीपुर,बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 07 दिसम्बर, 2020 ) । भारत सरकार की किसान विरोधी नई कृषि कानून के वापस हेतु भारत बंद का बी. एस. एस. आर. यूनियन ने दिया समर्थन । उपरोक्त जानकारी  बिहार झारखंड सेल्स रिप्रेजेंटेटिव्स यूनियन के समस्तीपुर जिला सचिव श्याम सुंदर ने प्रेस को देते हुऐ कहा की 08 दिसंबर 2020 के भारत बंद का किसानों के आंदोलन का युनियन समर्थन करता है  । उन्होंने कहा कि 1. द फार्मर्स प्रोड्यूस ट्रेड एंड कमर्स  (प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन) एक्ट - 2020 के प्रतिकूल प्रभाव :- । नई कृषि कानून के नकारात्मक प्रभाव यह होंगे कि 86% से अधिक छोटे एवं सीमांत किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए बिचौलिए या कारपोरेट के सामने आत्मसमर्पण करने को मजबूर होना पड़ेगा l जल्द खराब होने वाली कृषि उत्पाद तथा प्राकृतिक कारण, जोखिम - गहन खेती संबंधित नुकसान के लिए सुरक्षा उपायों के कोई प्रावधान