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नवरात्रि विशेष : सप्तमी को पूजा पंडालों में माँ के दरबार दर्शन हेतु जाएंगे खुल

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  नवरात्रि विशेष : सप्तमी को पूजा पंडालों में माँ के दरबार दर्शन हेतु जाएंगे खुल जनक्रांति कार्यालय रिपोर्ट यह ध्यान रहे चाहे वो पंडित ही क्यों न हो,पंडित द्वारा आप अपने आँचल में सामग्री न रखवाऐं। आप किसी अन्य श्रेष्ठ महिला से ही अपने आँचल मे सामग्री रखवा सकते है। माता के आँचल मे दिए गए सिंदूर से कुछ सिंदूर उस आँचल मे लगा कर अपने पास प्रसाद रूप मे रख लें जरूर : पंकज झा शास्त्री अध्यात्म डेस्क/दरभंगा/मधुबनी/समस्तीपुर,बिहार ( 02 अक्टूबर,2022 ) ।  आज सप्तमी को पूजा पंडालों में माँ के दरबार दर्शन हेतु खुल जाएंगे । सुहागिन महिलायें कुछ सप्तमी, कुछ अष्टमी, कुछ नवमी तो कुछ दशमी को माता का आँचल (खोईछ) भरेगी। परंतु यह ध्यान रहे आँचल भरने के उपरांत आँचल से मिठाई फल निकाल दे, इसके बाद ही आँचल(खोइछ) मे गांठ बांधे। कारण आँचल में फल, मिठाई के साथ गांठ मारने पर यह जल्दी सर कर बदबू देने लगता है जो उचित नहीं। कई बार देखा जाता है कि महिलाएं आँचल भरने के उपरांत उस आँचल से अपने आँचल मे पंडितों द्वारा कुछ प्रसाद रूप मे श्रृंगार  सामाग्री रखवाते है। यह ध्यान रहे चाहे वो पंडित ही क्यों न हो,पंडित द्

क्या है नवपत्रिका, नवपत्रिका पूजा का विशेष महत्त्व : देवी दुर्गा के अनुष्ठानों में से एक नाम है नवपत्रिका :शास्त्री

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  क्या है नवपत्रिका, नवपत्रिका पूजा का विशेष महत्त्व : देवी दुर्गा के अनुष्ठानों में से एक नाम है नवपत्रिका :पंकज झा शास्त्री  दुर्गा पूजा के दौरान इसकी पूजा की जाती है और इसके बिना मां दुर्गा की पूजा मानी जाती है अधूरी: पंकज झा शास्त्री जनक्रांति कार्यालय रिपोर्ट नव पत्रिका यानी नौ तरह के पत्तियों को संगठित कर बेल वृक्ष रख षष्ठी  तिथि को विधिवत पूजा कर देवी महाशक्ति  को आवाहृन किया जाता है : पंकज झा शास्त्री नवपत्रिका पूजा सप्तमी की सुबह शुरू होती है, एक बार जब नवपत्रिका पूजा की जाती है, तभी सप्तमी की रस्में शुरू की जाती हैं : पंकज झा शास्त्री अध्यात्म डेस्क/दरभंगा/मधुबनी/समस्तीपुर, बिहार ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय ०१ अक्टूबर,२०२२)। देवी दुर्गा के अनुष्ठानों में से एक नाम है नवपत्रिका । दुर्गा पूजा के दौरान इसकी पूजा की जाती है और इसके बिना मां दुर्गा की पूजा अधूरी मानी जाती है। नव पत्रिका यानी नौ तरह के पत्तियों  को संगठित कर बेल वृक्ष रख षष्ठी  तिथि को विधिवत पूजा कर देवी महा सक्ति  को अवाहन  किया जाता है। बेल में भगवती दुर्गा का ज्योति माना गया है। सप्तमी की