लाल बहादुर शास्त्री की 118 वीं जयंती के उपलक्ष्य में एक स्मृति..
लाल बहादुर शास्त्री की 118 वीं जयंती के उपलक्ष्य में एक स्मृति.. जनक्रांति कार्यालय से आलेख : प्रमोद कुमार सिन्हा कश्मीर विवाद को लेकर पाकिस्तान से दो दो हाथ करना पड़ा और पाकिस्तान को बुरी तरह पराजित करते हुए भारतीय सैनिक पाकिस्तान के लाहौर तक पहुँच गयी थी । उस समय इन्होंने जवान का मनोबल धरती से उठकर चाँद सूरज तक पहुँचाया। उसी समय इनका उदघोष "जय जवान जय किसान " आज भी लोगों को बरबस उनकी ओर खीच लेता है । मुगलसराय में जन्में लाल बहादुर शास्त्री एक सच्चे देश भक्त और प्रशासनिक क्षमता से युक्त स्वतंत्र भारत के दूसरे प्रधान मंत्री के रूप में इनका कार्यकलाप स्वर्णिम अक्षरों लिखे जाने में कोई अतिश्योक्ति नहीं । साहित्य मंच ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 03 अक्टूबर, 2021 )। वाराणसी के मुगलसराय में जन्में लाल बहादुर शास्त्री एक सच्चे देश भक्त और प्रशासनिक क्षमता से युक्त स्वतंत्र भारत के दूसरे प्रधान मंत्री के रूप में इनका कार्यकलाप स्वर्णिम अक्षरों लिखे जाने में कोई अतिश्योक्ति नहीं है । अति अभावों के बीच तथा पिता के साये से वंचित श्री शास्त्री को बच्चे में प्यार