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शास्त्रीजी की जयंती पर विशेष: परीक्षा के तीन पल

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  शास्त्रीजी की जयंती पर विशेष:                   परीक्षा के तीन पल   जनक्रांति कार्यालय से - डॉ० परमानन्द लाभ शास्त्री जेल-जीवन बीता रहे थे और घर में उनका बेटा हरि टायफाइड से पीड़ित था। बच्चे की सुश्रूषा के लिए इन्हें जेल से एक सप्ताह के लिए घर जाने की छुट्टी मिली। वे घर गए।सप्ताह के दिन पूरे हुए, बच्चे का बुखार १०५ डिग्री पर था और बेटा हरि तड़प रहा था। ऐसी परिस्थिति में भी शास्त्री पुत्र-मोह से मुंह मोड़ जेल की ओर रवाना हो गए। ऐसे थे वे दृढ़निश्चयी और कर्तव्यपरायण। : डॉ० परमानंद लाभ साहित्य मंच,भारत ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 03 अक्टूबर, 2021 ) ।  छोटा कद,कृषकाय शरीर और सीधी-सादी वेशभूषा का महान् व्यक्तित्व लाल बहादुर शास्त्री, जिन्हें कभी किसीने ' मुर्गे का दिलवाला' कहा, के जेल- जीवन में आये तीन विषम एवं संवेदनशील पलों, जिनमें सामान्य लोगों के लिए दृढ़ रहना कठिन होता है, में घटित घटना जो आज भी एक भारतीय के लिए श्लाघ्य,वरेण्य एवं अनुकरणीय है,की चर्चा करना चाहूंगा। परीक्षा के इन पलों में अडिग रहकर उन्होंने सहज रूप से देश और दुनिया को बता दिया कि उनमें अहं

लाल बहादुर शास्त्री की 118 वीं जयंती के उपलक्ष्य में एक स्मृति..

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  लाल बहादुर शास्त्री की 118 वीं जयंती के उपलक्ष्य में एक स्मृति.. जनक्रांति कार्यालय से आलेख : प्रमोद कुमार सिन्हा कश्मीर विवाद को लेकर पाकिस्तान से दो दो हाथ करना पड़ा और पाकिस्तान को बुरी तरह पराजित करते हुए भारतीय सैनिक पाकिस्तान के लाहौर तक पहुँच गयी थी । उस समय इन्होंने जवान का मनोबल धरती से उठकर चाँद सूरज तक पहुँचाया।  उसी समय इनका उदघोष   "जय जवान जय किसान " आज भी लोगों को बरबस उनकी ओर खीच लेता है । मुगलसराय में जन्में लाल बहादुर शास्त्री एक सच्चे देश भक्त और प्रशासनिक क्षमता से युक्त स्वतंत्र भारत के दूसरे प्रधान मंत्री के रूप में इनका कार्यकलाप स्वर्णिम अक्षरों लिखे जाने में कोई अतिश्योक्ति नहीं । साहित्य मंच ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 03 अक्टूबर, 2021 )। वाराणसी के मुगलसराय में जन्में लाल बहादुर शास्त्री एक सच्चे देश भक्त और प्रशासनिक क्षमता से युक्त स्वतंत्र भारत के दूसरे प्रधान मंत्री के रूप में इनका कार्यकलाप स्वर्णिम अक्षरों लिखे जाने में कोई अतिश्योक्ति नहीं है । अति अभावों के बीच तथा पिता के साये से वंचित श्री शास्त्री को बच्चे में प्यार