शब्द की महिमा काव्य रचनाकार : प्रमोद कुमार सिन्हा, बेगूसराय
शब्द की महिमा काव्य रचनाकार : प्रमोद कुमार सिन्हा, बेगूसराय शब्द की महिमा शब्द - शब्द में भेद बहुत है , शब्द - शब्द में है बहुत जान , सोच- समझ कर शब्द बोलिये , शब्द से है व्यक्तित्व पहचान , शब्द से ही कुर्सी मिले , शब्द से कुर्सी जाय छीन , शब्द से इज़्ज़त पाइये , शब्द बिना दीन- हीन- मलिन , शब्द से जगत उपजाया , शब्द में ही जाये समाय , शब्द का करिश्मा है बहुत , शब्द ही कोलाहल मचाये , शब्द से ही है धरती , शब्द से ही बना आकाश , शब्द - शब्द में है उलझन , शब्द बिना ना दिखे प्रकाश, शब्द का है खेल निराला , शब्द ही है मधुर संगीत , शब्द से सुर - नर - मुनि मोहे , शब्द ही है ब्रह्म प्रतीत , शब्द को जो कोई बुझे , सो ही है संत फकीर , शब्द की महिमा क्या बतावें , हनुमान दिखाया कलेजा चीर। - जेपी सेनानी प्रमोद सिन्हा जनक्रांति प्रधान कार्यालय से प्रकाशक/सम्पादक राजेश कुमार वर्मा द्वारा प्रकाशित व प्रसारित।