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साहित्यिक रचना..... जीवन प्रसंग निर्विकार व्यक्तित्व विद्वान प्रखर ईश्वर चंद्र विधासागर

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  साहित्यिक रचना..... जीवन प्रसंग निर्विकार व्यक्तित्व विद्वान प्रखर ईश्वर चंद्र विधासागर साभार प्रस्तुति : आलेख प्रमोद कुमार सिन्हा बड़े ही निर्विकार भाव से वे आगंतुक को बोले श्रीमान जी विद्वता बाद में सबसे पहले लोगों के दुखों का कष्टों का निवारण करने मनुष्यता का पहला और चरम लक्षण है । आप स्टेशन पर बड़े परेशान थे आपकी परेशानी दूर करना दूर करना मनुष्य होने के नाते यह पहला कर्तव्य था जिसे मैंने किया विद्वता अपनी जगह है ऐसे महान थे भारत के संस्कृत और व्याकरण के विद्वान ईश्वर चंद्र विद्या सागर , साहित्य मंच,भारत ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 16 अक्टूबर, 2021 )। निर्विकार शब्द एक कौतुहल के साथ हृदय में प्रविष्ट तो होता है, परन्तु मन में कोई अवधारणा बन नहीं पाता है ।  मैं लेखक हूँ, कवि हूँ,, साहित्यकार हूँ, पत्रकार हूँ, मंत्री हूँ, विधायक हूँ, उच्च पदाधिकारी हूँ, कर्मचारी हूँ, समाज सेवी हूँ, त्यागी हूँ, सन्यासी हूँ , गुरु हूँ मेरे करोड़ों शिष्य हैं, इत्यादि इत्यादि मन में नाना प्रकार भाव-कुभाव का अनवरत आना जाना लगा ही रहता है। नाना प्रकार के संकल्पों  - विकल्पों के उधेरबुन म

अध्यात्म विचार : पर्व,व्रत-त्यौहार जीवित्पुत्रिका ( जितिया) व्रत जीवित्पुत्रिका व्रत शुभ मुहूर्त 2021

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  अध्यात्म विचार : पर्व,व्रत-त्यौहार                जीवित्पुत्रिका ( जितिया) व्रत           जीवित्पुत्रिका व्रत शुभ मुहूर्त 2021 जनक्रांति कार्यालय से नागेन्द्र कुमार सिन्हा अध्यात्म डेस्क/भारत ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 24 सितंबर, 2021 ) । जनक्रांति ज्योतिष अध्यात्म विचार अनुसार जानते है जीवित्पुत्रिका व्रत कब और कैसे मनाई जाएं । जीवित्पुत्रिका व्रत- 29 सितंबर 2021 अष्टमी तिथि प्रारंभ- 28 सितंबर, 6:16 pm अष्टमी तिथि समाप्त- 29 सितंबर 8:29 pm शास्त्र पंचांग के अनुसार, प्रतिवर्ष आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को जितिया व्रत रखा जाता है। यह पर्व लगातार तीन दिनों तक मनाया जाता है। जीवित्पुत्रिका व्रत को जिउतिया या जितिया व्रत के नाम से भी जाना जाता हैं। वर्ष 2021 में जीवित्पुत्रिका व्रत 28-30 सितंबर तक मनाया जाएगा। 28 सितंबर को नहाए-खाए के साथ यह पर्व प्रारम्भ होगा। 29 सितंबर को निर्जला व्रत रखा जाएगा,तथा 30 सितंबर को व्रत का पारण किया जाएगा। जितिया व्रत पर भी छठ पूजा की तरह ही नहाए-खाए की परंपरा होती है। छठ पर्व की तरह ही यह व्रत प्रमुख रूप से उत्तर प्रदेश, बिहार

अध्यात्म विचार : श्राद्ध का महत्व जानिए पुराणों के अनुसार श्राद्ध का महत्व

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  अध्यात्म विचार :       श्राद्ध का महत्व जानिए पुराणों के अनुसार श्राद्ध का महत्व जनक्रांति कार्यालय से नागेंद्र कुमार सिन्हा अध्यात्म डेस्क/भारत ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 23 सितंबर, 2021)। जानिए पुराणों के अनुसार श्राद्ध का महत्व क्या हैं..?? कर्मपुराण : कर्मपुराण में कहा गया है कि 'जो प्राणी जिस किसी भी विधि से एकाग्रचित होकर श्राद्ध करता है, वह समस्त पापों से रहित होकर मुक्त हो जाता है और पुनः संसार चक्र में नहीं आता।' गरुड़ पुराण : इस पुराण के अनुसार 'पितृ पूजन (श्राद्धकर्म) से संतुष्ट होकर पितर मनुष्यों के लिए आयु, पुत्र, यश, स्वर्ग, कीर्ति, पुष्टि, बल, वैभव, सुख, धन और धान्य देते हैं। मार्कण्डेय पुराण : इसके अनुसार 'श्राद्ध से तृप्त होकर पितृगण श्राद्धकर्ता को दीर्घायु, सन्तति, धन, विद्या सुख, राज्य, स्वर्ग और मोक्ष प्रदान करते हैं। ब्रह्मपुराण : इसके अनुसार 'जो व्यक्ति श्रद्धा-भक्ति से श्राद्ध करता है, उसके कुल में कोई भी दुःखी नहीं होता।' साथ ही ब्रह्मपुराण में वर्णन है कि 'श्रद्धा एवं विश्वास पूर्वक किए हुए श्राद्ध में पिण्डो

मानव जीवन : जीवन में फूलों की तरह महका करो

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  मानव जीवन                               रचनाकार प्रमोद कुमार सिन्हा  मानव जीवन  👉🙋जीवन में फूलों की तरह महका करो, चिड़ियों की तरह हरदम चहका करो. राष्ट्र को कुछ ना दे सका तो सब बेकार, ज्योति बनकर समाज में लहका करो. जीवन में फूलों की........ आए हो जग में इसका कुछ तो उपयोग हो, हर जन के लिए तुम्हारा कुछ तो सहयोग हो. दुखी जन के लिए कुछ कर चलो, मानव जीवन में तुम्हारा ऐसा प्रयोग हो, देश और समाज के प्रति वफादार बनो, समर्पित हो राष्ट्र के प्रति आयशा समझदार बनो, पीछे कुछ ना देखो कर्म करते चलो, अपने कर्म के प्रति पूरी ईमानदार बनो, यही कर्म तेरा सदा साथ निभाएगा. जैसा करोगे कर्म वैसा ही फल पाएगा, अंत समय कोई कुछ लेकर नहीं जाता है, तेरा कर्म ही हमेशा तेरे साथ जाएगा, प्रमोद की सुन लो अब सबों से विनती. कर लो अपने शुभ कर्मों की गिनती, भलाई कर चलो जग में तेरा भी भला होगा, नहीं तो पड़ेंगे तेरे सर परभी लोहे की खंती. 👉✍️रचनाकार प्रमोद कुमार सिन्हा 

दीनबंधु दीनानाथ..... विश्वाश के साथ तुझे ही पुकारा....

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  दीनबंधु दीनानाथ..... विश्वाश के साथ तुझे ही पुकारा.... रचनाकार प्रमोद कुमार सिन्हा जनक्रांति कार्यालय रिपोर्ट दीनबंधु दीनानाथ..... विश्वाश के साथ तुझे ही पुकारा..... दीनबंधु दीनानाथ तुम कहाते हो , ह्रदय में आने से क्यों कतराते हो  , दीनबंधु दीनानाथ......! क्या तुम्हें दीनबंधु लोग कहना छोड़ दे , या तुम्हारे तरफ से लोग मुँह मोड़ ले , पुकारने पर भी इतना तुम इतराते हो , दीनबंधु दीनानाथ......!! क्या दिन की तरफ तेरा ध्यान नहीं , या दिन के रहे अब तू भगवान नहीं , लोगों की फरियाद से अब घबराते हो  दीनबंधु दीनानाथ.....!!! हे नाथ सबों का अंतिम है तेरा सहारा अति विश्वाश के साथ तुझे ही पुकारा प्रमोद के विश्वाश को क्यों ठुकराते हो दीनबंधु दीनानाथ.....!!!! जनक्रांति प्रधान कार्यालय से प्रकाशक/सम्पादक राजेश कुमार वर्मा द्वारा कार्यालय से रचनाकार प्रमोद कुमार सिन्हा की रचना प्रकाशित व प्रसारित ।

आज प्रजातंत्र शासन प्रणाली की चाभी कारपोरेट घराने के हाथों में हैं

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  आज प्रजातंत्र शासन प्रणाली की चाभी कारपोरेट घराने के हाथों में हैं जनक्रांति कार्यालय रिपोर्ट प्रजा के लिये प्रजा के मत से निर्मित शासन प्रणाली को प्रजा तंत्र कहा जाता है :प्रमोद कुमार सिन्हा "ना गगन बदला है, ना चमन बदला है, लाश वही है सिर्फ कफन बदला है  " समाचार डेस्क,भारत ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 21 सितंबर, 2021 )। प्रजातंत्र की परिभाषा यूँ दी जाती रही है की प्रजा से प्रजा के द्वारा और प्रजा के लिये प्रजा के मत से निर्मित शासन प्रणाली को प्रजा तंत्र कहा जाता है, परन्तु वास्तविकता इससे कोसों दूर होता है ना तो यह शासन प्रजा के हित के लिये कोई काम करती है और ना भविष्य में ऐसा ही कोई गुंजाईश है । आइये हम सब मिलजुलकर इस बिन्दु पर गहन चिंतन - मनन करें । प्रथम बात है कि ये शासन प्रणाली की चाभी प्रजा के हाथों में बतायी जाती है जबकि वास्तविकता कुछ और होती है हकीकत ये है इसकी चाभी प्रजा के हाथों ना होकर कारपोरेट घराने की हाथों में होता है कैसे ..? विश्लेषण और तर्क संगत बात यहीं से उत्पन्न होता है जब कोई उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतरता है तो सबसे पहले उसे जमान

अध्यात्म विचार : - अनंत चतुर्दशी व्रत - 2021 अनंत चतुर्दशी व्रत कथा

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  अध्यात्म विचार : - अनंत चतुर्दशी व्रत - 2021                           अनंत चतुर्दशी व्रत कथा  इस दिन अनन्त भगवान की पूजा करके संकटों से रक्षा करने वाला अनन्तसूत्र बांधा जाता है। जनक्रांति कार्यालय रिपोर्ट अध्यात्म डेस्क,भारत ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 19 सितंबर, 2021 ) । 19 सितंबर आज मनाई जाएगी अनंत चतुर्दशी व्रत। कब और कैसे मनाये और इससे क्या लाभ होता है। साल 2021 में कब है अनंत पूजा का पावन पर्व और इसका महत्व। अनंत चतुर्दशी 19 सितम्बर 2021 आज रविवार को अंनत चतुर्दशी है । भाद्रपद मास के शुक्लपक्ष की चतुर्दशी को अनन्त चतुर्दशी कहा जाता है। इस दिन अनन्त भगवान की पूजा करके संकटों से रक्षा करने वाला अनन्तसूत्र बांधा जाता है। कहा जाता है कि जब पाण्डव जुएं में अपना सारा राज-पाट हारकर वन में कष्ट भोग रहे थे, तब भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें अनन्तचतुर्दशी का व्रत करने की सलाह दी थी। धर्मराज युधिष्ठिर ने अपने भाइयों तथा द्रौपदी के साथ पूरे विधि-विधान से यह व्रत किया तथा अनन्तसूत्रधारण किया। अनन्तचतुर्दशी-व्रत के प्रभाव से पाण्डव सब संकटों से मुक्त हो गए। व्रत-विधान-व्रतकर्

दहेज प्रथा : दहेज़ प्रथा एक सामाजिक कुरुतियाँ : प्रमोद कुमार सिन्हा

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  दहेज प्रथा : दहेज़ प्रथा एक सामाजिक कुरुतियाँ : प्रमोद कुमार सिन्हा कहावत है कलम बड़ी या तलवार, कहना सत्य है संसार में कलम की ताक़त सबसे बड़ी हैं इसके सामने सारे ताक़त फेल हैं : प्रमोद कुमार सिन्हा  जनक्रांति कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा समाचार डेस्क, भारत ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 17 सितंबर, 2021 ) । दहेज़ प्रथा उन्मूलन हेतु चाहे जितना भी कानून बना है। लेकिन इस कुरुतियों में सफलीभूत दिखता कुछ भी नहीं है। वैसे तो यह प्रथा समाज के सभी वर्णों में अपना पैर मजबूती से जमाये हुए है। लेकिन खासकर कायस्थ परिवार में इसकी भूमिका बहुत अहम् रोल अदा कर रही है । हम कायस्थों को एकजुट करने की यथा संभव प्रयास कर लें , परन्तु यहाँ आते आते हमारे पैर शिथिल हो जाते हैं और वहाँ पर हमारे सारे प्रयास निरर्थक ही नज़र आता है । एक तो कायस्थों के पास जीविका का एकमात्र साधन कलम ही है जो हमें अपने पुरखे भगवान श्री चित्रगुप्त से प्राप्त है जिसके बदौलत ही हम समाज में अपना सर उठाये अपना प्रतिष्ठा कायम किये हुए हैं । अब कहावत है कलम बड़ी या तलवार , कहना सत्य है है संसार में कलम की ताक़त सबसे बड़ी इसके सामने सा

आपराधिक एवं शरारती तत्वों ने शिऊर, ग्रामीण औरंगाबाद, महाराष्ट्र स्थित पर ब्रह्म स्वरुप श्री चित्रगुप्त के मंदिर में तोड़-फोड़ कर किया सनातन धर्म के देवों को खण्डित

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  आपराधिक एवं शरारती तत्वों ने शिऊर, ग्रामीण औरंगाबाद, महाराष्ट्र स्थित पर ब्रह्म स्वरुप श्री चित्रगुप्त के मंदिर में तोड़-फोड़ कर किया सनातन धर्म के देवों को खण्डित श्री चित्रगुप्त मंदिर, शिऊर में तोड़ - फोड़ निंदनीय, दोषियों की अविलम्ब गिरफ्तारी हो - कायस्थ समाज जनक्रांति कार्यालय से प्रकाशक राजेश कुमार वर्मा समाचार डेस्क,भारत ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 14 सितंबर, 2021)। इंजीनियर प्रवीण सक्सेना, अध्यक्ष, कायस्थ हेल्पलाइन इंटरनेशनल से मिली सूचना एवं प्रमाण के अनुसार विगत 13 सितंबर को आपराधिक एवं शरारती तत्वों ने शिऊर, ग्रामीण औरंगाबाद, महाराष्ट्र स्थित पर ब्रह्म स्वरुप श्री चित्रगुप्त के मंदिर में तोड़ - फोड़ कर सनातन धर्म के देवों को खण्डित एवं सनातन धर्मावलंबियों को अपमानित कर माहौल खराब करने की कुत्सित एवं निंदनीय कारवाई की । अजीत कुमार सिन्हा ने कड़ी भर्त्सना करते हुये दोषियों की अविलम्ब गिरफ्तारी की माँग की है। उन्होंने आगे कहा की जिस तरह से मूर्तियों को खण्डित किया गया है यह समझने के लिए काफी है कि इसमें सनातन धर्म विरोधी तत्वों का हाथ अवश्य ही है । जो कि प

हिन्दी को राष्ट्रभाषा घोषित करने के साथ ही हिन्दी को वैश्विक स्तर पर स्थापित करने हेतु अजीत सिन्हा ने कसी कमर उठाया बीड़ा

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  हिन्दी को राष्ट्रभाषा घोषित करने के साथ ही हिन्दी को वैश्विक स्तर पर स्थापित करने हेतु अजीत सिन्हा ने कसी कमर उठाया बीड़ा  जनक्रांति कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा विद्यार्थी काल में मैंने अंग्रेजीयत से प्रभावित होकर अंग्रेजी में ही स्नातकोत्तर की है लेकिन सुख की बात यह है कि यह भाषा मेरे हृदय के कभी भी करीब नहीं रही और ज्ञान होने मैंने एक तरह से अंग्रेज़ी का बाॅयकाट ही अपने दैनिक जीवन में किया है : अजीत सिन्हा  समाचार डेस्क, भारत ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 14 सितंबर, 2021 ) । हिन्दी को राष्ट्रभाषा घोषित करने इसके प्रचार - प्रसार के साथ ही हिंदी को वैश्विक स्तर पर स्थापित करने हेतु अजीत सिन्हा ने कसी कमर उठाया बीड़ा । अजीत सिन्हा ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कहा की मित्रों, आज हिन्दी दिवस है और सौभाग्य से मेरी जन्मदिन भी और यह दिवस इसलिये भी ख़ास है कि अँग्रेजीयत के प्रभाव को कम करने के लिए हम सभी ने हिन्दी को राष्ट्रभाषा घोषित कर इसके प्रचार - प्रसार तथा हिन्दी को वैश्विक स्तर पर स्थापित करने हेतु हम सभी ने बीड़ा उठाया है और अँग्रेजीयत की गुलामी से मुक्ति ह

जाति गत जनगणना समाज के लिये घातक : प्रमोद कुमार सिन्हा

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  जाति गत जनगणना समाज के लिये घातक : प्रमोद कुमार सिन्हा  जनक्रांति कार्यालय से  राजेश कुमार वर्मा  समाज में इस प्रकार की जनगणना से बिद्वेष की भावना बढ़ने से इनकार नहीं की जा सकती है । जातिगत जनगणना का एक ही मकसद हो सकता है, जाति - जाति में विद्वेष की भावना पैदा करो , फुट डालो और राज करो , यही तो मुख्य उद्देश्य नज़र दृष्टिगोचर हो रहा है समाचार डेस्क,भारत ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 13 सितंबर, 2021 )। आजकल जातिगत जनगणना की माँग जोड़ पकड़ने लगी, खासकर बिहार विपक्षी नेता राजद के तेजस्वी यादव के कंधे से कंधे मिलाकर  मुख्यमंत्री नितीश जी सहित अन्य दस राजनीतिक पार्टियों सहित इस विन्दु पर माननीय प्रधान मंत्री से मुलाक़ात इस विन्दु पर मुखालात करना सोची समझी राजनीति का हिस्सा है । अब इसी विन्दु पर झारखण्ड के मुख्यमंत्री  हेमंत शोरेन के अतिरिक्त अन्य दलों द्वारा उठाया जाना या अन्य अन्य प्रदेशों से इस प्रकार की जनगणना की माँग तूल पकड़ने से ना तो समाज को कोई भलाई होने जा रहा है और ना ही किसी जाति का ।  हाँ दीगर बात है की समाज में इस प्रकार की जनगणना से बिद्वेष की भावना बढ़ने से इनका

अध्यात्म विचार : विश्वकर्मा जयंती 2021 पर विशेष

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  अध्यात्म विचार :   विश्वकर्मा जयंती 2021 पर विशेष जनक्रांति कार्यालय से ज्योतिष पंकज झा शास्त्री 9576281913 भगवान विश्वकर्मा पूजा हर साल कन्या संक्रांति के दिन मनाई जाती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन भगवान विश्वकर्मा का जन्म हुआ था, इसलिए इसे विश्वकर्मा जयंती भी कहा जाता है : पंकज झा शास्त्री अध्यात्म डेस्क,भारत ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 12 सितंबर, 2021)। 17 सितंबर को मनाई जाएगी विश्वकर्मा जयंती कब और कैसे मनाये और इससे क्या लाभ होता है। साल 2021 में कब है विश्वकर्मा पूजा का पावन पर्व और इसका महत्व। जनक्रांति अध्यात्म डेस्क पर अध्यात्मिक विचार से जानते है । भगवान विश्वकर्मा पूजा हर साल कन्या संक्रांति के दिन मनाई जाती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन भगवान विश्वकर्मा का जन्म हुआ था, इसलिए इसे विश्वकर्मा जयंती भी कहा जाता है। मान्‍यता है क‍ि इस दिन विधि विधान से भगवान विश्वकर्मा की पूजा अर्चना करने से व्यापार में बढ़ोत्तरी और मुनाफा होता है। विश्वकर्मा को दुनिया का सबसे पहला इंजीनियर और वास्तुकार माना जाता है, जिन्होंने ब्रह्मा जी के साथ मिलकर इस सृष्ट

खुदा महफूज रखे हर बला से........

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  खुदा महफूज रखे हर बला से........                               हरि बोल हरि मुझसे दूर भी तू ना जा  ,                मेरे पास भी तू ना आ.  याद बन सदा तेरे पास रहूं  ,              तू भी याद बन दिल में रहो  , दूर रहने में मज़ा है  ,              साथ रहने में ओ सजा है  , तू दूर से देखा करो  ,               मैं दूर से मज़ा लिया करूँ , बाह रे दुनियां के खेल निराले  ,                काजल के कोठरी में उजाले   उजाले का मज़ा लिया करो  ,              काजल कोठरी में जिया करूँ आफताब भी महताब बन जाये ,       महताब भी आफताब हो जाये  , चैन से तू जिया करो,           बेचैन मैं गुज़ारा करूँ , अफसाना दुनियां लिखा करे ,         फ़साना में मैं लिपटा करूँ  , हर हसरत हो तुम्हारी पूरी  ,           मेरी चाहे जो हो मजबूरी , तुझ पर जान मैं लुटाया करूँ ,       चाहे जो इलज़ाम तुम लगाया करो खुदा महफूज रखे हर बला से ,        बला फटकने ना पाए हर गिला से मंजूरे खुदा से है इनायत मेरी       रब से शिकायत ना हो तेरी , खुदा महफूज रखे हर बला से........ काव्य रचनाकार : प्रमोद कुमार सिन्हा जनक्रांति प

अध्यात्म विचार : हरितालिका तीज व्रत हरितालिका तीज - 2021

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  अध्यात्म विचार :     हरितालिका तीज व्रत                           हरितालिका तीज - 2021 जनक्रांति कार्यालय से नागेंद्र कुमार सिन्हा                                               हरि ऊं हरि अध्यात्म डेस्क,भारत ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 09 सितंबर,2021)। आज मनाई जाएगी हरितालिका तीज व्रत कब और कैसे मनाये और इससे क्या लाभ होता है। जनक्रांति अध्यात्म डेस्क पर अध्यात्मिक विचार से जानते है । 09 सितंबर2021 को मनाई जाने वाली हरतालिका तीज पर 14 वर्ष बाद रवियोग बन रहा है । ज्योतिषाचार्य के अनुसार इस अद्भुत योग में व्रत और पूजन से सुहागिन महिलाओं की सभी मुरादें पूरी होगीं । भगवान शिव और माता पार्वती का होता है पूजन । पति की लंबी आयु के लिए महिलायेंं रखती हैं ये व्रत । हरतालिका तीज  भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाई जाती है. इस बार 09 सितंबर को मनाई जाने वाली हरतालिका तीज पर 14 वर्ष बाद रवियोग बन रहा है । ज्योतिषाचार्य के अनुसार इस अद्भुत योग में व्रत और पूजन से सुहागिन महिलाओं की सभी मुरादें पूरी होगीं । हरतालिका तीज पर भगवान शिव और माता पार्वती के पूजन का विशेष महत्व

अध्यात्म विचार : हरितालिका तीज व्रत हरितालिका तीज 09 सितंबर को मनाई जाऐगी

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     अध्यात्म विचार :     हरितालिका तीज व्रत       हरितालिका तीज 09 सितंबर को मनाई जाऐगी जनक्रांति कार्यालय से नागेंद्र कुमार सिन्हा                                                         उमापति  अध्यात्म डेस्क,भारत ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 08 सितंबर,2021)। आज मनाई जाएगी हरितालिका तीज व्रत कब और कैसे मनाये और इससे क्या लाभ होता है। जनक्रांति अध्यात्म डेस्क पर अध्यात्मिक विचार से जानते है । भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरितालिका तीज का व्रत किया जाता है। इस बार ये व्रत 09 सितम्बर, गुरुवार को है। विधि-विधान से हरितालिका तीज का व्रत करने से कुंवारी कन्याओं को मनचाहे वर की प्राप्ति होती है, वहीं विवाहित महिलाओं को अखंड सौभाग्य मिलता है। इस व्रत की विधि इस प्रकार है : व्रत विधि इस दिन महिलाएं निर्जल (बिना कुछ खाए-पिए) रहकर व्रत करती हैं। इस व्रत में बालूरेत से भगवान शंकर व माता पार्वती का मूर्ति बनाकर पूजन किया जाता है। घर को साफ-स्वच्छ कर तोरण-मंडप आदि से सजाएं। एक पवित्र चौकी पर शुद्ध मिट्टी में गंगाजल मिलाकर शिवलिंग, रिद्धि-सिद्धि सहित गणेश, पार्वत

अध्यात्म विचार : कुशोत्पाटिनी अमावस्या आज मनाई जाएगी कुशोत्पाटिनी अमावस्या व्रत

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  अध्यात्म विचार :  कुशोत्पाटिनी अमावस्या            आज मनाई जाएगी कुशोत्पाटिनी अमावस्या व्रत जनक्रांति कार्यालय से नागेंद्र कुमार सिन्हा की अध्यात्मिक विचार अध्यात्म डेस्क,भारत ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 07 सितंबर, 2021 )। आज मनाई जाएगी कुशोत्पाटिनी अमावस्या व्रत कब और कैसे मनाये और इससे क्या लाभ होता है। जनक्रांति अध्यात्म डेस्क पर अध्यात्मिक विचार से जानते है । जादू टोने व बुरी नजऱ से बचाएगा आज घर लाया कुश आज यानी 07 सितम्बर को कुशोत्पाटिनी या कुशाग्रहणी अमावस्या है। भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अमावस्या को शास्त्रों में कुशाग्रहणी या कुशोत्पाटिनी अमावस्या कहा जाता है। आज घर लाया कुश जादू-टोने व बुरी नजऱ से बचाता है। जादू-टोने का कोई भी असर घर परिवार पर नहीं पड़ता है। ऐसे दें कुश को निमंत्रण कुश के पास जाएं और श्रद्धापूर्वक उससे प्रार्थना करें, कि हे कुश कल मैं किसी कारण से आआज मनाई जाएगी कुशोत्पाटिनी अमावस्या व्रत पको आमंत्रित नहीं कर पाया था जिसकी मैं क्षमा चाहता हूं। लेकिन आज आप मेरे निमंत्रण को स्वीकार करें और मेरे साथ मेरे घर चलें। फिर आपको ऊं ह्रूं फट् स्वाहा इस मं

बलात्कार की शिकार पीड़िता को न्याय दिलवाने के प्रयास हुए विफल शासन प्रशासन पर सवालिया निशान : जगदीश सक्सेना

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  बलात्कार की शिकार पीड़िता को न्याय दिलवाने के प्रयास हुए विफल शासन प्रशासन पर सवालिया निशान : जगदीश सक्सेना समाचार डेस्क/नई दिल्ली(जनक्रांति हिन्दू न्यूज़ बुलेटिन कार्यालय 04 सितंबर 2021 ) । स्वतंत्रता सेनानी परिवार के सदस्य जगदीश सक्सेना ने प्रेस रिलीज जारी करते हुए  कहा कांग्रेस शासनकाल में किसी मासूम बच्ची के साथ जबरन बलात्कार करने वाले तांत्रिक क्रियाओं के माहिर डॉ० श्रीमाली अपने आपको भगवान श्रीकृष्ण जी का अवतार बताने वाले रसूखदार ने लिंग स्त्रोंत के मंत्रों का जाप करते हुए राष्ट्रपति निवास में 21 कि० का लिंग स्थापित करने वाले डॉ० श्रीमाली के चंगुल से निकलने वाली प्रीति मेहता ने अपनी दुखभरी दास्तान स्वतंत्रता सेनानी परिवार के सदस्य नागरिक अधिकार चेतना परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदीश सक्सेना को सुनाने के उपरांत उनके सलाह-मशविरे से दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से कानूनी कार्यवाही के लिए आशा व्यक्त करते हुए शिकायत तो की लेकिन उस पीड़िता की आशा निराशा में बदल गई सदैव आपके साथ आपकी सहायता के लिए ढिंढोरा पीटने वाले वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने पीड़िता की कोई मदद नही की जिसे लेकर स

अध्यात्म विचार : एकादशी वर्त अजा एकादशी वर्त कथा

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  अध्यात्म विचार :  अजा एकादशी वर्त                          अजा एकादशी वर्त कथा जनक्रांति कार्यालय से नागेंद्र कुमार सिन्हा की अध्यात्मिक विचार                                                        श्री हरि अध्यात्म डेस्क, भारत ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 03 सितंबर, 2021 ) । जनक्रांति अध्यात्म डेस्क पर अध्यात्मिक विचार से जानते है आज अजा एकादशी व्रत है कब और कैसे मनाये और इससे क्या लाभ होता है। अजा एकादशी व्रत आज 03 सितम्बर 2021,शुक्रवार को एकादशी का व्रत { उपवास } रखें । युधिष्ठिर ने पूछा : जनार्दन ! अब मैं यह सुनना चाहता हूँ कि भाद्रपद (गुजरात महाराष्ट्र के अनुसार श्रावण) मास के कृष्णपक्ष में कौन सी एकादशी होती है...?? कृपया बताइये । भगवान श्रीकृष्ण बोले : राजन् ! एकचित्त होकर सुनो । भाद्रपद मास के कृष्णपक्ष की एकादशी का नाम ‘अजा’ है । वह सब पापों का नाश करनेवाली बतायी गयी है । भगवान ह्रषीकेश का पूजन करके जो इसका व्रत करता है उसके सारे पाप नष्ट हो जाते हैं । पूर्वकाल में हरिश्चन्द्र नामक एक विख्यात चक्रवर्ती राजा हो गये हैं, जो समस्त भूमण्डल के स्वामी और सत्य