अध्यात्म विचार : पर्व,व्रत-त्यौहार जीवित्पुत्रिका ( जितिया) व्रत जीवित्पुत्रिका व्रत शुभ मुहूर्त 2021

 अध्यात्म विचार : पर्व,व्रत-त्यौहार

              जीवित्पुत्रिका ( जितिया) व्रत
          जीवित्पुत्रिका व्रत शुभ मुहूर्त 2021


जनक्रांति कार्यालय से नागेन्द्र कुमार सिन्हा


अध्यात्म डेस्क/भारत ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 24 सितंबर, 2021 ) । जनक्रांति ज्योतिष अध्यात्म विचार अनुसार जानते है जीवित्पुत्रिका व्रत कब और कैसे मनाई जाएं ।
जीवित्पुत्रिका व्रत- 29 सितंबर 2021
अष्टमी तिथि प्रारंभ- 28 सितंबर, 6:16 pm
अष्टमी तिथि समाप्त- 29 सितंबर 8:29 pm
शास्त्र पंचांग के अनुसार, प्रतिवर्ष आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को जितिया व्रत रखा जाता है।


यह पर्व लगातार तीन दिनों तक मनाया जाता है। जीवित्पुत्रिका व्रत को जिउतिया या जितिया व्रत के नाम से भी जाना जाता हैं।
वर्ष 2021 में जीवित्पुत्रिका व्रत 28-30 सितंबर तक मनाया जाएगा। 28 सितंबर को नहाए-खाए के साथ यह पर्व प्रारम्भ होगा। 29 सितंबर को निर्जला व्रत रखा जाएगा,तथा 30 सितंबर को व्रत का पारण किया जाएगा।
जितिया व्रत पर भी छठ पूजा की तरह ही नहाए-खाए की परंपरा होती है। छठ पर्व की तरह ही यह व्रत प्रमुख रूप से उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है।
जितिया व्रत का महत्व:-
पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस व्रत का महत्व महाभारत काल से जुड़ा है। अर्जुन की पुत्रवधु उत्तरा के गर्भ में पल रहे पांडव पुत्र की रक्षा के लिए श्रीकृष्ण ने अपने आर्शीवाद से उसे पुनर्जीवित कर दिया था।
उसी समय से स्त्रियां आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को निर्जला व्रत रखती हैं। हिन्दू शास्त्रों मे कहा गया है कि इस व्रत के प्रभाव से भगवान श्रीकृष्ण व्रती महिलाओं के संतान की रक्षा करते हैं।इस व्रत को सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है।
अतः इस व्रत को संतान प्राप्ति और उसकी लंबी आयु के लिए माताएं रखती हैं। हिंदू धर्म में संतान प्राप्ति, उनके दीर्घायु होने तथा सुखमय जीवन के लिए माताओं द्वारा रखे जाने वाले व्रतों में से एक प्रमुख व्रत जीवित्पुत्रिका या जितिया व्रत भी है
इस दिन महिलाएं अपनी संतान के दीर्घायु, आरोग्य और सुखमय जीवन के लिए निर्जला व्रत रखकर भगवान की पूजा और प्रार्थना करती है।
जीवित्पुत्रिका व्रत पूजन विधि:-
01. इस व्रत को करने के लिए महिलाएं सप्तमी तिथि को खाना और जल ग्रहण करने के उपरांत उस दिन रात्रि में ही शुद्धि पूर्वक रहते हुए भोजन तथा जल ग्रहण नही करती।
02. अगले दिन यानि अष्टमी तिथि को जीवित्पुत्रिका व्रत के दिन महिलाएं नित्यकर्म, स्नान आदि करके साफ़ वस्त्र धारण करती है।
03. इसके बाद पूजा स्थल पर सूर्य नारायण की प्रतिमा को स्नान कराकर स्थापित किया जाता है।
04.अब भगवान के समक्ष सामर्थ्य के अनुसार पूजाकरते हुए व्रत का संकल्प लिया जाता है। 
05.  अंत मेधूप, दीप आदि से आरती करते हुए मिठाई का भोग लगाया जाता है।
06. इस प्रकार अष्टमी तिथि को पूरे दिन निराहार तथा निर्जला रहते हुए व्रत का पालन किया जाता हैं।
07. इसके उपरांत अगले दिन यानी नवमी तिथि को व्रत का पारण का करते हुए उसका समापन किया जाता हैं।
सितंबर शुभ दिन:-
24 (सवेरे 8 उपरांत), 25 (दोपहर 12 तक), 26 (दोपहर 3 उपरांत), 27 (दोपहर 4 तक), 28 (सायंकाल 6 उपरांत), 29, 30.
सितंबर अशुभ दिन:-
गंडमूल:- (रेवती) गंडमूल नक्षत्र 22 सित० 5:06 am से लेकर 24 सित० 8:54 am, (अश्विनी) तक रहेगें।
गंडमूल नक्षत्रों मे जन्म लेने वाले बच्चो का मूलशांति पूजन आवश्यक है।
पंचक:- पंचक प्रारंभ 18 सित० 3:26 pm से लेकर 23 सित० 6:44 am तक।
पंचक नक्षत्रों  मे निम्नलिखित काम नही करने चाहिए, 01.छत बनाना या स्तंभ बनाना( lantern  or Pillar ) 02. लकड़ी  या  तिनके तोड़ना , 03.चूल्हा लेना या बनाना, 04. दाह संस्कार करना (cremation) 5.पंलग चारपाई, खाट , चटाई  बुनना या बनाना 06.बैठक का सोफा या गद्दियाँ बनाना । 07 लकड़ी ,तांबा ,पीतल को जमा करना ।(इन कामो के सिवा अन्य सभी शुभ  काम पंचको मे किए जा सकते है।
सर्वार्थ सिद्ध योग :- 24 सित० 6:28 am to 24 सित० 8:54 am तक (यह एक शुभयोग है, इसमे कोई व्यापारिक या कि राजकीय अनुबन्ध (कान्ट्रेक्ट) करना, परीक्षा, नौकरी अथवा चुनाव आदि के लिए आवेदन करना, क्रय-विक्रय करना, यात्रा या मुकद्दमा करना, भूमि , सवारी, वस्त्र आभूषणादि का क्रय करने के लिए शीघ्रतावश गुरु-शुक्रास्त, अधिमास एवं वेधादि का विचार सम्भव न हो, तो ये सर्वार्थसिद्धि योग ग्रहण किए जा सकते हैं।
विशेष:- जो व्यक्ति दिल्ली से बाहर अथवा देश से बाहर रहते हो, वह ज्योतिषीय परामर्श हेतु paytm या Bank transfer द्वारा परामर्श फीस अदा करके, फोन द्वारा ज्योतिषीय परामर्श प्राप्त कर सकतें है ।

उपरोक्त विचार आचार्य राजेश (रोहिणी, दिल्ली) ! 9810449333, 7982803848 का है। संप्रेषित नागेंद्र कुमार सिन्हा जनक्रांति प्रधान कार्यालय से प्रकाशक/सम्पादक राजेश कुमार वर्मा द्वारा कार्यालय रिपोर्ट प्रकाशित व प्रसारित ।

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