हजार रूपये के रसोई गैस सिलेंडर ने किचेन का बिगाड़ा जायका बिगाड़ा : बंदना सिंह
हजार रूपये के रसोई गैस सिलेंडर ने किचेन का बिगाड़ा जायका बिगाड़ा : बंदना सिंह महंगाई की सरकार को उखाड़ फेंकने के अलावे अब कोई चारा नहीं- ऐपवा जनक्रांति कार्यालय रिपोर्ट समस्तीपुर,बिहार ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन 02 सिंतबर 2021 )। रसोई गैस की कीमत हजार रूपये पर पहुंचने पर महिला अधिकार कार्यकर्ता सह ऐपवा जिला अध्यक्ष बंदना सिंह ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि महंगाई घटाने के नाम पर सत्ता में आई मोदी सरकार आज महंगाई बढ़ाकर लोगों को जीना मुहाल कर दिया है । 02 सौ रूपये सरसों तेल, 105 रूपये पेट्रोल समेत तमाम आवश्यक वस्तुओं के लिए लोगों को दोगुना से भी अधिक कीमत चुकाना पड़ रहा है । रसोई गैस की कीमत हजार रुपये पर पहुंचने पर बाकी का कसर भी पूरा हो गया. डॉ० प्रभात कुमार की एक कविता की चर्चित पंक्ति " जाड़े की धूप फिसल गई करेंसी नोट की तरह- फटा हुआ गुलबंद पर एक और टूकड़ा जुड़ गया" को कोट करते हुए उन्होंने कहा कि वैसे परिवार जो दो जून की रोटी का जुगाड़ जैसे- तैसे कर लेते थे, हजार रूपये के रसोई गैस ने उनकी रही- सही कमर तोड़ दी है । श्रीमती बंदना ने कहा कि