Posts

Showing posts with the label काव्य संग्रह

चाहना नहीं हैं दिल में लोग मुझें जाने...?? चाहना

शब्द की महिमा काव्य रचनाकार : प्रमोद कुमार सिन्हा, बेगूसराय

काव्य रचना : मैं

बुढ़ापा दहलीज पर आगे बढ़ते कदम

मानव जीवन : जीवन में फूलों की तरह महका करो

खुदा महफूज रखे हर बला से........

🌹👉 जुदाई👈🌹

नफरतों की भेंट

ग्रुप नहीं परिवार है ये.....

हर कोशिश एक इतिहास लिखती है :- डॉ॰ मनोज कुमार, मनोवैज्ञानिक

बिहार में सरकार होए नीतिशे कुमार

👩‍🏫 मॉं का घर... 👩‍🏫

*ऐ "सुख" तू कहाँ मिलता है*

👉🗣️मैं ही हूं,...🌹👈

👫कन्यादान...👫

आज का इतिहास .... 29 अगस्त,...... *विद्रोही कवि* काजी नज़रुल इस्लाम की ४४वीं पुण्यतिथि

जगत है केवल नर नारी का खेला , एक दूजे बिन जिंदगी रहता अकेला ,

ये संसार पांच पचीस का ही खेला , अर्थ जो बताबे ओ गुरु है मैं चेला ..।।

हमसे दूर दूर क्यों नजर आती हो तुम , नज़रें झुका कर गुजर जाती हो तुम ,

मेरे प्यार का तुम अब इम्तिहान ना लो, यकीन ना हो गर तो खुदा से पूछ लो..!!