ये संसार पांच पचीस का ही खेला , अर्थ जो बताबे ओ गुरु है मैं चेला ..।।

              ये संसार पांच पचीस का ही खेला , 
             अर्थ जो बताबे ओ गुरु है मैं चेला ..।।

                                            प्रमोद कुमार सिन्हा

                        बेगूसराय, बिहार 

बेगूसराय, बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 20 जुलाई,2020 ) । 

ये संसार पांच पचीस का ही खेला , 
अर्थ जो बताबे ओ गुरु है मैं चेला  , 

ये संसार पांच पचीस का ही खेला , 
अर्थ जो बताबे ओ गुरु है मैं चेला..
प पर पहुंचे मिट जाये जग झमेला , 
ना पहुंचे नरक में भी ठेलम ठेला  , 
ये संसार पांच......... ।।
दिन रात जो पानी में मरता प्यासा , 
पांच के चक्कर में मस्त जगत आशा  , 
पांच का खेल से उबर कोई हो पाता  , 
उबर गया जग में ओ मस्त अलबेला  , 
ये संसार पांच.......... ।।
कलि समान युग नाही करो विश्वास  , 
गाई राम गुण जो भव तरे बिन प्रयास , 
योग जप तप नियम ब्रत ना है करना  , 
 सुलभ समय भव उतरे बन जन मेला  , 
ये संसार पांच......... ।।
माता पिता सेवा नहीं बृद्धाश्रम बिताये , राजा प्रजा दोनों लोभी लोभ फल पाए, 
धर्म के चारों खम्भ धराशायी हो जाये , 
कहे प्रमोद राम नाम भव तारे अकेला  ,..।।

समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा प्रमोद कुमार सिन्हा की रचना प्रकाशित । Published by Rajesh kumar verma

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