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गुनाहगार सच

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  गुनाहगार सच                       रचनाकार : प्रमोद कुमार सिन्हा,बेगूसराय  गुनाहगार सच  जगत में मैं रहूँ ना रहूँ ,        पर ये फ़साना तो रहेगा ही , सब कुछ चला जाये यहाँ से ,        लेकिन ये जमाना तो रहेगा ही , रहना तो किसी को नहीं है ,        पर किये कर्म की गवाही होता है , सत्य कभी मरता नहीं है ,          झूठ की कोताही होता ही है , लोग जो कहे अमर नहीं कोई ,         पर अमर वाणी अभी भी है , राजा गये महाराजा संत फ़क़ीर  ,         उनकी गवाही अभी भी है  , लड़ रहे हैँ आज एक दूजे से ,         हम सही हैँ तो हम सही , गलत है कौन यहाँ पर ,         पता कौन कैसे करे कभी  , हम हम का ही बोल यहाँ पर ,         हम हम का ही है ललकार  , ताने दिये ही फिरते हैँ सभी  ,        मिलता है निष्कासन - फटकार , समझ समझ कर समझ रहे हैँ ,        गलत गलत गलत नहीं कोई , ऊँगुली पर ढूंढ़न जो चलन है  ,        सत्य सत्य जो है वही गलत होई , काशी मथुरा पे मत जाओ यारों ,        नूरे ईलाही हर दिल में मिलेगा , झाँकना है घट भीतर उस रब को ,        कांकर पत्थर नहीं प्रेम में मिलेगा कहता खड़ा है तो कोई पड़ा है,       अड़ा खड़ा में झगड़ा है

भगवतीचरण वोहरा की शहादत: इतिहास के पन्नों से

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  भगवतीचरण वोहरा की शहादत: इतिहास के पन्नों से जनक्रांति कार्यालय से कल्पना पांडे भगवती चरण के दादाजी के बारे में एक मजेदार कहानी है। उस समय वह एक रुपया प्रतिदिन कमाते थे, और एक रुपया कमाने के बाद वह काम करना बंद कर दिया करते थे :कल्पना पांडे शेष भाग....   शव के पास कोई जंगली जानवर नहीं पहुंचा लेकिन खून में बड़ी-बड़ी चींटियां जमा हो गईं। उनके पास फावड़ा या कुदाल नहीं था, इसलिए शव को खोदकर दफन भी नहीं कर सकते थे। शव जलाते तो धुंए और दुर्गंध से पुलिस को खतरा है। कुछ बाल काटकर स्मृति के रूप मे रख लिया गया। अंत में कोई रास्ता न देख लाश को एक चादर मे बांधकर लाश को नदी के बहा दिया गया, लाश ऊपर तैरे नहीं इसके लिए चादर को भरी पत्थरों से भर कर पानी मे डुबा दिया गया। और भगवती चरण को जल समाधि दी गई। सभी लोग घर लौट आए और जोर-जोर से अपने प्रिय क्रांतिकारी को श्रद्धांजलि दी। इस घटना को लेकर यशपाल आजन्म खुद को ही दोषी ठहराते रहे। भगवतीचरण की मृत्यु पर, चंद्रशेखर आज़ाद ने कहा कि उनका दाहिना हाथ कट गया है। इसके बाद इन क्रांतिकारियों ने कई दिनों तक जेल परिसर अध्ययन किया और योजना को पुख्ता बनाया। कुछ दि

भगतसिंह के साथी और क्रांतिकारी भगवतीचरण वोहरा के शहादत पर लेख

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भगतसिंह के साथी और क्रांतिकारी भगवतीचरण वोहरा के शहादत पर लेख जनक्रांति कार्यालय से कल्पना पांडे भगवतीचरण वोहरा की शहादत: इतिहास के पन्नों से भगवती चरण के दादाजी के बारे में एक मजेदार कहानी है। उस समय वह एक रुपया प्रतिदिन कमाते थे, और एक रुपया कमाने के बाद वह काम करना बंद कर दिया करते थे :कल्पना पांडे                                                           समाचार डेस्क/भारत ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 22 मई, 2022)। भगत सिंह के महत्वपूर्ण साथी भगवतीचरण वोहरा का जन्म 4 नवंबर, 1903 को लाहौर में हुआ था, जो अब पाकिस्तान में है। वे एक गुजराती ब्राह्मण थे। उनके पिता पंडित शिवचरण वोहरा रेलवे में एक उच्च पदस्थ अधिकारी थे। उन्हें अंग्रेजों द्वारा 'रायसाहब' की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया था। चूंकि उस समय टाइपराइटर नहीं था, इसलिए भगवती चरण के दादाजी आगरा को जीवन निर्वाह के लिए लिखते (किताबत) थे। उनके पूर्वज गुजरात से आगरा और आगरा से लाहौर चले गए। उपनाम वोहरा (संस्कृत मूल: व्यूह) का अर्थ उर्दू में व्यापारी भी है। माना जाता है कि भगवतीचरण के परिवार ने अपना अंतिम नाम खो द

जीवन प्रसंग : आत्मा से शरीर..... : पंकज झा शास्त्री

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  जीवन प्रसंग : आत्मा से शरीर..... : पंकज झा शास्त्री जनक्रांति कार्यालय से पंकज झा शास्त्री की रिपोर्ट आधुनिक मनोविज्ञान मानव की चार मूल प्रवृत्तियाँ मानता है- भय, भूख, यौन व सुरक्षा। भय पर शनि व केतु का आधिपत्य है : पंकज झा शास्त्री अध्यात्म डेस्क/भारत ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 04 मई, 2022 )। मानवजीवन में कुछ गुण मूल प्रकृति के रूप में मौजूद होते हैं। प्रत्येक मनुष्य में प्राकृतिक रूप से आत्मा, मन, बल, वाणी, ज्ञान, काम तथा दुःख विद्यमान होते हैं। यह ग्रहों पर निर्भर करता है कि मानव जीवन में इनकी मात्रा कितनी है, विशेष रूप से प्रथम दो तत्वों को छोड़कर, क्योंकि आत्मा से ही शरीर है, यह रवि का अधिकार क्षेत्र है। मन चंद्रमा का है। मंगल- बल, वाणी- बुध, ज्ञान- बृहस्पति, काम- शुक्र तथा दुःख पर शनि का आधिपत्य है। आधुनिक मनोविज्ञान मानव की चार मूल प्रवृत्तियाँ मानता है- भय, भूख, यौन व सुरक्षा। भय पर शनि व केतु का आधिपत्य है। भूख पर रवि एवं बृहस्पति, यौन पर शुक्र तथा सुरक्षा पर चंद्र, मंगल तथा बुध का आधिपत्य है। मानव शरीर के विभिन्ना धातु तत्वों का भी ब्रह्मांड के ग्रह

मौसम की थपेड़ों ने आम जन जीवन को किया अस्त व्यस्त

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  मौसम की थपेड़ों ने आम जन जीवन को किया अस्त व्यस्त जनक्रांति कार्यालय से अशोक कुमार सुबह में ठंड दिन में धूप प्रचंड मौसम के  बदलते रूप से आम आवाम हो रहे बीमार समाचार डेस्क/भारत,बिहार ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 28 अप्रैल, 2022)। प्रकृति अपना रूप जिस तरह से बदल रहीं हैं यह किसी को पता नहीं चल पाता है कि कब क्या होने वाला है। वर्तमान समय में जो बदलाव देखने को मिल रही है यह प्रकृति का बहुरूपिया होने का प्रतीक है। अमूमन अभी के समय में सुबह को काफी ठंड जैसा मौसम बन रहता है, लेकिन ज्यों-ज्यों दिन ढ़लते जाते हैं त्यों-त्यों सूर्य अपना प्रचंड रूप दिखाने लग जाते हैं और धूप अपने चरमोत्कर्ष तक पहुंच जाता है। जिसके कारण प्रकृति में अनेक विसंगतियां देखने को मिल रही है । दिनों-दिन अप्रैल के महीना में गर्मी तथा उमस बढ़ते जा रहे हैं। प्रकृति के इस बदलते स्वरूप के कारण आम आवाम् व बच्चे तेजी से बीमार पड़ रहे हैं।आए दिन किसी को बुखार, किसी को सर्दी-खांसी तो किसी को उल्टी-दस्त जैसे बीमारी बड़ी आसानी से होते जा रहे हैं। बताते चलें कि मौसम के बदलते स्वरूप के कारण किसान व पशु पक्

राज्य के झोला छाप थौक भाव में बने दलाल पत्रकारों पर लगाम कब लगाएगा राज्य प्रशासन....या केन्द्र प्रशासन....????

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  राज्य के झोला छाप थौक भाव में बने दलाल पत्रकारों पर लगाम कब लगाएगा राज्य प्रशासन....या केन्द्र प्रशासन.... ???? जनक्रांति कार्यालय रिपोर्ट                          आज हो रहा है बदनाम पत्रकारिता  समाचार डेस्क, भारत ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 08 मार्च, 2022 ) । आजकल राज्य के विभिन्न जिलों में बेरोजगारी चरमसीमा पर है और युवा पीढ़ी काम ढुंढते फिर रहे है । इसी क्रम में कुछ बेरोजगारी को कुछ हद तक कम करने का काम थोक भाव में पत्रकार जैसे काम कर रोजी रोजगार में लग जाते हैं । लेकिन उन्हें ऐ मालूम नहीं होता है कि पत्रकारिता कितना कठिन है और इसमें आमदनी कहीं से भी नहीं आ सकता है । ऐ सेठ धन्नाराम की तिजोरी की तरह है जो की अपना धन छूपा कर रखते है और धीरे धीरे तिजोरी खाली हो जाता है । इसमें  आमदनी उसी समय पत्रकार को है जब वो विज्ञापन लेते है । अन्यथा आमदनी नहीं ।  लेकिन आजकल के युवा बेरोजगारी क़ो दूर करने और लोगों के बीच पत्रकारिता की गरीमा को बदनाम करने के साथ ही इसकी गरीमा की खरीद-फरोख्त करने में लगे हुऐ है । इसी कारणवश आज राज्य में ही नहीं जिले में अनेकों युवा जिन्हें चन्द

मकर संक्रांति पर्व विशेष-2022 मकर संक्रांति अकेला ही पश्चिम और अरब के सभी पर्वों पर भारी है: नागेंद्र कुमार सिन्हा

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  मकर संक्रांति पर्व विशेष-2022 मकर संक्रांति अकेला ही पश्चिम और अरब के सभी पर्वों पर भारी है: नागेंद्र कुमार सिन्हा सूर्य की गति पर आधारित यह उत्सव भारत के लाखों वर्षों से खगोल विज्ञान का ज्ञाता होने का प्रमाण है। जनक्रांति कार्यालय रिपोर्ट (सबसे अंतिम पैराग्राफ में पढ़ें किस राज्य में किस नाम से मनाया जाता है यह उत्सव? और क्या क्या खाया जाता है इस मकर संक्रांति में..?) समाचार डेस्क/भारत ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 14 जनवरी, 2022)। मकर संक्रांति में मकर शब्द आकाश में स्थित तारामंडल का नाम है, जिसके सामने सूर्य के आने के दिन ही पूरे दिवस मकर संक्रांति मनाया जाता है। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली में लोहड़ी के नाम से यह उत्सव मनाया जाता है सूर्य के मकर राशी में प्रवेश से एक दिन पूर्व। यह उत्सव सूर्य का उत्तरायण में स्वागत का उत्सव है। उत्तरायण का अर्थ है पृथ्वी के उत्तरी ध्रुव के सापेक्ष में स्थित आकाश का भाग अर्थात उत्तरी अयन। जब सूर्य उत्तरायण में आता है तो इसकी किरणें पृथ्वी पर क्रमशः सीधी होने लगती है। जिससे धीरे धीरे गर्मी बढ़ने लगती है। यह सर्दी के ऋतु का अंतकाल माना

सुप्रभात् मित्रों

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  आजका सूविचार  सुप्रभात् मित्रों.....                                                                      कभी-कभी जीवन में सबसे बड़ी परीक्षा तब होती है, जब किसी दूसरे को आशीर्वाद देना हो और आप खुद एक तूफ़ान से गुज़र रहे हों।         जनक्रांति प्रकाशन परिवार

सुप्रभात् मित्रों, आजका सूविचार

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  आजका सूविचार..... सुप्रभात् मित्रों.... जीवन के अध्यन के लिए, दो ही अध्याय श्रेष्ठ हैं.. एक, ' हरि कृपा ' ,और , दूसरा, ' हरि इच्छा '...! मन के अनुकूल हो,तो हरि कृपा...और मन के प्रतिकूल हो,तो हरि इच्छा...! 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻 जय जय श्री राधे .!!

सुप्रभात् मित्रों,

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  सुप्रभात् मित्रों,  आजका दिन मंगलमय हो... जनक्रांति प्रकाशन परिवार

विश्व की सबसे बड़ी आबादी वाली 05 इकाइयों में से एक उत्तरप्रदेश के विधानसभा चुनाव,2022 अगले 100 दिनों में संभावित है : पंकज कुमार श्रीवास्तव

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  विश्व की सबसे बड़ी आबादी वाली 05 इकाइयों में से एक  उत्तरप्रदेश के विधानसभा चुनाव, 2022 अगले 100 दिनों में संभावित है : पंकज कुमार श्रीवास्तव जनक्रांति कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा दुनिया की सबसे बड़ी राजनैतिक पार्टी-भारतीय जनता पार्टी-के लिए सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा हिन्दू-मुसलमान, कब्रगाह- श्मसान,जिन्ना-तालिबान है।ऐसे में,मुल्क में साम्प्रदायिकता की चुनौती को गंभीरता से देखने-सुनने, जानने-समझने की जरूरत है...... साम्प्रदायिकता:एक चुनौती: कुछ आयाम समाचार डेस्क,भारत ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 20 नवंबर, 2021 ) । हिन्दू पूरब की तरफ मुँह कर पूजा करते हैं तो मुसलमान पश्चिम की तरफ मुँह कर नमाज अदा करते हैं। कुछ हिन्दु साकार ब्रह्मकी पूजा करते हैं तो मुसलमानोंको बुतपरस्ती गवांरा नहीं।(वह तो मोहम्मद पैगम्बर साहब का रेखाचित्र बनाये जाने पर भी भड़क जाते हैं ) हिन्दुओंके लिए गाय माता है और गो हत्या उन्हें उद्वेलित करती है,तो मुसलमान गोवध पर पाबंदी स्वीकार नहीं कर पाते। हिन्दू काली पूजा से लेकर शिव अराधना तक के लिए मदिरा चढा़ते हैं तो मुसलमान शराब को सार्वजनिक तौर पर छूते भी नह

♨️ आजका जनक्रांति सुविचार ♨️ सुप्रभात् मित्रों

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  ♨️ आजका जनक्रांति सुविचार   ♨️ 🔜ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्यः धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्🔚 🕉️ऊं यमाये श्री धर्मराजाये श्री चित्रगुप्ताय वै नम:...🕉️ 💈💈 29 अक्टूबर 2021 💈💈          🕉️☦️☪️⚛️ आज का विचार ☪️🕉️☸️✝️    🚹 किसी के "अकेलेपन" का,        मजाक कभी मत बनाओ, 👨‍👨‍👧‍👦 आपके  पास  जो "भीड़"        खड़ी है वो....................      💎 जरुर  किसी  "मतलब" से*        खड़ी है.....................!!                🙏🏿🌹 शुभ प्रभात् मित्रों 🌹🙏🏿 आज (शुक्रवार ) का दिन संतोषी माता की कृपादृष्टि से               आपका और आपके परिवार शुभ  हो.. 💰 दान करने से रुपया जाता है.. "लक्ष्मी" नहीं.. 💰 🕙 घड़ी बंद करने से घड़ी बंद होती है. "समय" नहीं.. 🕚 🔜 झूठ छुपाने से झूठ छुपता है.. "सच" नहीं.. 🔚 आपका दिन शुभ हो..... जय जय श्री चित्रगुप्त महाराज की जय हो.... जनक्रांति प्रकाशन परिवार

सुप्रभात् मित्रों, आजका शुभ विचार

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  आजका सुविचार.. सुप्रभात् मित्रों..🌹🙏🏿 प्रभू श्री राम की दया से आप सबों का दिन मंगलमयी हों .. इसी आशाओं के साथ ...आजका शुभ विचार  जरुरत से ज्यादा मिले     उसको कहते हैं......"           नसीब"..... सबकुछ है फिर भी रोता है..       उसको कहते हैं...          "बदनसीब" और जिंदगी में थोड़ा कम    पाकर भी हमेशा खुश रहता है... उसको कहते हैं...   "खुशनसीब"............... 🙏🌹 good morning🌹🙏  जय जय श्री राम..  प्रकाशक 

सुप्रभात् मित्रों

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  सुप्रभात् मित्रों,  माता लक्ष्मी रानी की कृपा आप सबों पर सदा बना रहे.. इसी आशा और विश्वास के साथ सुबह सुबह का नमस्कार.. प्रकाशक

सुप्रभात् मित्रों

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  सुप्रभात् मित्रों, आजका दिन मॉं संतोषी की कृपा दृष्टि से मंगलमयी हो.. इसी आशा और विश्वास के साथ सुबह सुबह का राम-राम.. जय माता दी.. प्रकाशक