मौसम की थपेड़ों ने आम जन जीवन को किया अस्त व्यस्त

 मौसम की थपेड़ों ने आम जन जीवन को किया अस्त व्यस्त


जनक्रांति कार्यालय से अशोक कुमार



सुबह में ठंड दिन में धूप प्रचंड मौसम के  बदलते रूप से आम आवाम हो रहे बीमार

समाचार डेस्क/भारत,बिहार ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 28 अप्रैल, 2022)। प्रकृति अपना रूप जिस तरह से बदल रहीं हैं यह किसी को पता नहीं चल पाता है कि कब क्या होने वाला है। वर्तमान समय में जो बदलाव देखने को मिल रही है यह प्रकृति का बहुरूपिया होने का प्रतीक है।

अमूमन अभी के समय में सुबह को काफी ठंड जैसा मौसम बन रहता है, लेकिन ज्यों-ज्यों दिन ढ़लते जाते हैं त्यों-त्यों सूर्य अपना प्रचंड रूप दिखाने लग जाते हैं और धूप अपने चरमोत्कर्ष तक पहुंच जाता है। जिसके कारण प्रकृति में अनेक विसंगतियां देखने को मिल रही है । दिनों-दिन अप्रैल के महीना में गर्मी तथा उमस बढ़ते जा रहे हैं।

प्रकृति के इस बदलते स्वरूप के कारण आम आवाम् व बच्चे तेजी से बीमार पड़ रहे हैं।आए दिन किसी को बुखार, किसी को सर्दी-खांसी तो किसी को उल्टी-दस्त जैसे बीमारी बड़ी आसानी से होते जा रहे हैं।


बताते चलें कि मौसम के बदलते स्वरूप के कारण किसान व पशु पक्षी सभी त्राहिमाम-त्राहिमाम कर रहे हैं। बिहार के किसान जहां अपने खेतों को लेकर चिंतित हैं वहीं पशु-पक्षी भी अपने जान बचाने के लिए व्याकुल रहते हैं।

मौसम के इस बदलाव ने प्रकृति के समस्त जीव समुदाय के दैनिक क्रियाकलाप को काफी प्रभावित कर दिया है। अब सभी नजर लगाए हैं कि बिहार तथा केंद्र सरकार इस बदलते मौसम के प्रति क्या सोच रहे हैं।

मौसम के इस बदलाव के कारण खासकर के ग्रामीण इलाकों में लगभग 70-80% बच्चे बीमार पड़ रहे हैं वहीं 50-60% युवा और बुजुर्ग भी बीमार पड़ रहे हैं। मौसम के इस बदलाव ने सिर्फ मानव जीवन को ही नहीं बल्कि कृषि कार्य व पशु-पक्षियों के जीवन को भी प्रभावित किया है।


जनक्रांति प्रधान कार्यालय से प्रकाशक/सम्पादक राजेश कुमार वर्मा द्वारा अशोक कुमार की रिपोर्ट प्रकाशित व प्रसारित।

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