अध्यात्म विचार : 🌷 चैत्र मास🌷 चित्रा नक्षत्रयुक्त पूर्णिमा होने के कारण इसका नाम पड़ा चैत्र
अध्यात्म विचार : 🌷 चैत्र मास🌷 चित्रा नक्षत्रयुक्त पूर्णिमा होने के कारण इसका नाम पड़ा चैत्र जनक्रान्ति कार्यालय रिपोर्ट नारद पुराण में भी कहा गया है की चैत्रमास के शुक्लपक्ष में प्रथमदिं सूर्योदय काल में ब्रह्माजी ने सम्पूर्ण जगत की सृष्टि की थी। अध्यात्म डेस्क ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 30 मार्च, 2021 ) । होली के तुरंत बाद चैत्र मास का प्रारंभ हो जाता है। चैत्र हिन्दू धर्म का प्रथम महीना है। चित्रा नक्षत्रयुक्त पूर्णिमा होने के कारण इसका नाम चैत्र पड़ा (चित्रानक्षत्रयुक्ता पौर्णमासी यत्र सः)। ➡ इस वर्ष 29 मार्च 2020 (उत्तर भारत हिन्दू पञ्चाङ्ग के अनुसार) चैत्र का आरम्भ हो गया है। चैत्र मास को मधु मास के नाम से जाना जाता है। 👉🏻 इस मास में बसंत ऋतु का यौवन पृथ्वी पर देखने को मिलता है। 👉🏻 चैत्र में रोहिणी और अश्विनी शून्य नक्षत्र हैं इनमें कार्य करने से धन का नाश होता है। महाभारत अनुशासन पर्व अध्याय 106 के अनुसार “चैत्रं तु नियतो मासमेकभक्तेन यः क्षिपेत्। सुवर्णमणिमुक्ताढ्ये कुले महति जायते।।” जो नियम पूर्वक रहकर चैत्रमास को एक समय भोज