अन्न और द्रव्य से असमर्थ व्यक्ति भी जल और वचन से कर सकते है अपने दिवंगत पूर्वजों की आत्माओं की तृप्ति
अन्न और द्रव्य से असमर्थ व्यक्ति भी जल और वचन से कर सकते है अपने दिवंगत पूर्वजों की आत्माओं की तृप्ति जनक्रांति कार्यालय रिपोर्ट पितृ पक्ष में पितरों की आत्म तृप्ति के लिए जो भी कर्म श्रद्धा से किया जाता है, वह श्राद्ध कहलाता है : पंकज झा शास्त्री स्थान और वहां की परिस्थिति के अनुसार जौ, काला तिल, कुश आदि से मंत्रोच्चार के साथ जो भी कर्म श्रद्धा से करते हैं, वहीं श्राद्ध कहलाता है।श्राद्ध से पितर प्रसन्न होते हैं तो वे अपने वंश को सुख, समृद्धि, संतान सुख आदि का आशीर्वाद देते हैं : परासर ऋषि अध्यात्म डेस्क/मधुबनी, बिहार ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 10 सितंबर, 2022)। भाद्रपद मास पूर्णिमा को अगस्त्य मुनी को अर्घ दान के साथ ही आश्विन कृष्ण पक्ष प्रतिपदा यानि आज से हुआ महालया आरम्भ। लोगों ने नदियों तालाबों मे स्नान कर अगस्त्य मुनी को दिया फल,फुल से अर्घ दान। जो तालाब या नदी जाने मे असमर्थ हुए उन्होंने अपने घर पर ही स्नान कर अगस्त्य मुनी को अर्घ दान किया। जिसके उपरांत आज कृष्ण पक्ष प्रतिपदा से अपने दिवंगत पितरों के प्रति कृतज्ञता निभाने हेतु यह अवसर महालया आरम्भ हुआ ज