🔥ओ३म् सुप्रभातम् 🔥 🔥यज्ञ की महिमा : ✍️गुलशन कुमार
🔥 ओ३म् सुप्रभातम् 🔥 🔥 यज्ञ की महिमा : ✍️ गुलशन कुमार शिक्षक दिवस जनक्रान्ति कार्यालय समस्तीपुर, बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 05 सितंबर, 2020) । 🌷मानव की शारीरिक, मानसिक और आत्मिक शान्ति के लिए प्राचीन ऋषि-मुनियों ने अनेक विधानों की व्यवस्था की थी, जिनका पालन करते हुए मानव अपनी आत्मशुद्धि, आत्मबल-वृद्धि और आरोग्य की रक्षा कर सकता है, इन्हीं विधि-विधानों में से एक है यज्ञ। वैदिक विधान से हवन, पूजन, मंत्रोच्चारण से युक्त, लोकहित के विचार से की गई पूजा को ही यज्ञ कहते हैं। यज्ञ मनुष्य तथा देवताओं के बीच संतुलन व सम्बंध स्थापित करने वाला माध्यम है। यज्ञ विष्णु का स्वरूप है और विष्णु व्यापक हैं। ज्ञान, ध्यान, आराधना और चिंतन यज्ञ हैं, सेवा भी यज्ञ है और देश सेवा सबसे बड़ा यज्ञ है। प्रत्येक श्रेष्ठ कार्य जो परोपकार व हित की भावना से युक्त हो वह यज्ञ है। ऋषि दयानंद जी यज्ञ की परिभाषा देते हुए बोलते हैं कि धात्वर्थ के