🔥ओ३म्🔥 🌷 पुरुष - स्त्री 🌷 पुरूष और स्त्री गृहस्थ की गाड़ी के दो बराबर के पहिये: गुलशन कुमार
🔥 ओ३म् 🔥 🌷 पुरुष - स्त्री 🌷 पुरूष और स्त्री गृहस्थ की गाड़ी के दो बराबर के पहिये: गुलशन कुमार 🔥ओ३म्🔥 🌷 पुरुष - स्त्री 🌷 पुरूष और स्त्री गृहस्थ की गाड़ी के दो बराबर के पहिये: गुलशन कुमार समस्तीपुर, बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 26 सितंबर, 2020 ) । 👉🌷🗣️समाज के निर्माण में पुरूष और स्त्री का दोनों का बराबर का स्थान है ।पुरूष और स्त्री गृहस्थ की गाड़ी के दो बराबर के पहिये है। गृहस्थ की उन्नति के लिए आवश्यक है कि ये दोनों ठीक प्रकार से एक दुसरे को सहयोग देते चलें। पुरूष और स्त्री दोनों के अपने गुण है, अपने अपने क्षेत्र तथा अधिकार है। दोनों एक दुसरे के प्रतिद्वन्दी नहीं है अपितु सहयोगी तथा पूरक है। पुरूष इसलिए पुरूष है कि उसमें पौरूष अर्थात् बल और पराक्रम है, दुष्ट का दमन तथा श्रेष्ठ की रक्षा में समर्थ है । माता निर्मात्री भवति " माता " इसलिए इसका नाम है क्योंकि वह सन्तानों का निर्माण करती है। उन्हें जन्म देकर प