प्राचीन मेसोपोटामिया और ग्रीक सभ्यताओं में संभ्रांत परिवारों की महिलाएं हिजाब पहनती थीं और यह उनके ऊंचे ओहदे का प्रतीक होता था : पंडित पंकज झा शास्त्री
प्राचीन मेसोपोटामिया और ग्रीक सभ्यताओं में संभ्रांत परिवारों की महिलाएं हिजाब पहनती थीं और यह उनके ऊंचे ओहदे का प्रतीक होता था : पंडित पंकज झा शास्त्री जनक्रांति कार्यालय रिपोर्ट इस्लाम के प्रादुर्भाव से पहले से ही हिजाब प्रचलन में था। इसी तरह बुरका, निकाब, अबाया जैसे शब्द कुरान में कहीं नहीं हैं : पंडित पंकज झा शास्त्री कट्टर इस्लामिक देश ईरान और अफगानिस्तान में हिजाब अनिवार्य है। कुछ देशों में अनिवार्य नहीं है । समाचार डेस्क/मधुबनी,बिहार ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 16 फरवरी, 2022)। अभी पूरे देश में हिजाव को लेकर बबाल मचा हुआ है, इस पर हमने एक अध्यन से जानने का प्रयत्न किया है। हिजाब को लेकर एक धारणा है कि इसकी शुरुआत इस्लाम से हुई है। ऐसा नहीं है। प्राचीन मेसोपोटामिया और ग्रीक सभ्यताओं में संभ्रांत परिवारों की महिलाएं हिजाब पहनती थीं और यह उनके ऊंचे ओहदे का प्रतीक होता था। मेसोपोटामिया में विधिवत व्यवस्था थी कि कौन सी महिलाएं हिजाब पहन सकती हैं और कौन नहीं। स्पष्ट है कि इस्लाम के प्रादुर्भाव से पहले से ही हिजाब प्रचलन में था। इसी तरह बुरका, निकाब, अबाया जैसे शब्द