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समाजवादी पार्टी के मुख्य कर्ता - धर्ता अखिलेश यादव और कार्यकर्ता के भेष में उनके गुर्गों द्वारा पत्रकारों के ऊपर हमले की हो रही कड़ी भर्तसना

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  समाजवादी पार्टी के मुख्य कर्ता - धर्ता अखिलेश यादव और कार्यकर्ता के भेष में उनके गुर्गों द्वारा पत्रकारों के ऊपर हमले की हो रही कड़ी भर्तसना   जनक्रान्ति कार्यालय रिपोर्ट  अखिलेश यादव होश में रहें, पत्रकारों पर हमले बर्दाश्त के काबिल नहीं - अजीत सिन्हा मीडिया लोकतंत्र की तीसरी आँख और प्रजातंत्र की चौथी स्तंभ है और पत्रकारों पर हमला लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला  राँची,बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 13 मार्च, 2021) । निष्पक्ष मीडिया फाउंडेशन के संरक्षक सह महाप्रमुख, अमर तनाव साप्ताहिक समाचार पत्र के संरक्षक और किसान मजदूर भावना दैनिक समाचार पत्र के झारखंड प्रभारी अजीत सिन्हा ने उत्तरप्रदेश के मुरादाबाद में समाजवादी पार्टी के मुख्य कर्ता - धर्ता  अखिलेश यादव और कार्यकर्ता के भेष में उनके गुर्गों द्वारा पत्रकारों के ऊपर हमले के प्रकरण पर कड़ी और रोषपूर्ण प्रतिक्रिया जारी करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के विपक्ष के नेता लगता है कि अपनी मानसिक संतुलन को खो बैठे हैं और पत्रकारों के द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब में उन पर हमले कर रहे हैं जो कि अति निंदनीय और शर्मनाक

नीतीश जी जेल की जगह बढ़ा लो, बिहार के लोग और मजबूती से भ्रष्टाचारी मंत्री, अफसर, सरकार और अपराधी के खिलाफ बोलेंगे- नजरे आलम

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  नीतीश जी जेल की जगह बढ़ा लो, बिहार के लोग और मजबूती से भ्रष्टाचारी मंत्री, अफसर, सरकार और अपराधी के खिलाफ बोलेंगे- नजरे आलम सरकार और पदाधिकारियों के द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार पर बोलने वालों की आवाज नहीं दबा सकते नीतीश कुमार- बेदारी कारवाँ बेदारी कारवाँ, नेता प्रतिपक्ष और विपक्ष की पार्टीयों से घबराई बिहार सरकार, लोकतंत्र के खिलाफ पुलिसिया पत्र जारी कर जनता को धमका रहे नीतीश कुमार जनक्रान्ति कार्यालय रिपोर्ट  दरभंगा,बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 22 जनवरी, 2021 ) । बिहार की हालत इन दिनों बद से बदतर बनी हुई है। बिहार लूट, हत्या, गैंगरेप, डकैती जैसी घटनाओं का सेंटर बन चुका है। सरकार अपराध पर काबू पाने में हर स्तर पर विफल हो चुकी है। सरकार आवाज उठाने वालों की आवाज दबाने के लिए दिनांक - 21 जनवरी 2021 को एक पुलिसिया पत्र जारी कर बिहार की भोली भाली जनता को धमकाने का काम कर रही है। जबकि पूर्व में सोशल मीडिया पर भ्रष्टाचार, अपराध और सरकार के द्वारा गलत काम किए जाने के खिलाफ आवाज उठाने पर सुप्रिम कोर्ट ने भी रोक लगाने से साफ इंकार  कर दिया था । फिर नीतीश कुमार ने