नीतीश जी जेल की जगह बढ़ा लो, बिहार के लोग और मजबूती से भ्रष्टाचारी मंत्री, अफसर, सरकार और अपराधी के खिलाफ बोलेंगे- नजरे आलम

 नीतीश जी जेल की जगह बढ़ा लो, बिहार के लोग और मजबूती से भ्रष्टाचारी मंत्री, अफसर, सरकार और अपराधी के खिलाफ बोलेंगे- नजरे आलम

सरकार और पदाधिकारियों के द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार पर बोलने वालों की आवाज नहीं दबा सकते नीतीश कुमार- बेदारी कारवाँ

बेदारी कारवाँ, नेता प्रतिपक्ष और विपक्ष की पार्टीयों से घबराई बिहार सरकार, लोकतंत्र के खिलाफ पुलिसिया पत्र जारी कर जनता को धमका रहे नीतीश कुमार

जनक्रान्ति कार्यालय रिपोर्ट 

दरभंगा,बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 22 जनवरी, 2021 ) । बिहार की हालत इन दिनों बद से बदतर बनी हुई है। बिहार लूट, हत्या, गैंगरेप, डकैती जैसी घटनाओं का सेंटर बन चुका है। सरकार अपराध पर काबू पाने में हर स्तर पर विफल हो चुकी है।

सरकार आवाज उठाने वालों की आवाज दबाने के लिए दिनांक - 21 जनवरी 2021 को एक पुलिसिया पत्र जारी कर बिहार की भोली भाली जनता को धमकाने का काम कर रही है। जबकि पूर्व में सोशल मीडिया पर भ्रष्टाचार, अपराध और सरकार के द्वारा गलत काम किए जाने के खिलाफ आवाज उठाने पर सुप्रिम कोर्ट ने भी रोक लगाने से साफ इंकार  कर दिया था । फिर नीतीश कुमार ने ऐसा पत्र क्यों जारी किया..???
अगर बिहार की जनता को भ्रष्टाचार, अपराध के खिलाफ बोलने पर नीतीश कुमार धमकाना या डराना चाहते है तो कानून बनाए। आर०टी०आई का सिस्टम बंद कर दें। ऐसे भी आर०टी०आई पर अब आपके बेईमान-भ्रष्ट पदाधिकारी जवाब देने से भागते नजर आते हैं। जो काम सरकार और प्रशासन के करने का है अगर नहीं करेगी तो उसपर जनता तो बोलेगी ही। अगर जनता बोलेगी तो आप उसकी आवाज को दबा नहीं सकते। बिहार की जनता भ्रष्टाचार, भ्रष्ट मंत्री, नेता, अपराधी एवं पदाधिकारियों के खिलाफ पहले से और मजबूती के साथ आवाज उठाएगी। देखते हैं आपके जेल में कितनी जगह है। नीतीश जी आप जेल में जगह बढ़ा लो, हम ऐसे किसी पुलिसिया पत्र से डरने वाले नहीं हैं। उक्त बातें ऑल इंडिया मुस्लिम बेदारी कारवाँ के अध्यक्ष नजरे आलम ने प्रेस-कान्फ्रेंस में कही। श्री आलम ने आगे कहा कि नीतीश सरकार जो चोर दरवाजे से बनी है वह मुस्लिम बेदारी कारवाँ, नेता प्रतिपक्ष एवं विपक्ष की पार्टीयों के द्वारा आवाज उठाने से घबरा गई है, इसलिए नेता प्रतिपक्ष से मिलने वालों को इनकी पुलिस रोक रही है, जब सरकार आम जनता की नहीं सुनेगी तो नेता प्रतिपक्ष के पास तो लोग जाएंगे ही। सरकार और सरकार के मुखिया नीतीश कुमार नहीं चाहते के उनके भ्रष्ट मंत्री, विधायक, पदाधिकारियों का काला चिठ्ठा जनता के बीच जाए इसलिए आवाज दबाने के लिए पुलिसिया पत्र जारी कर जनता, बेदारी कारवाँ के लोगों, नेता प्रतिपक्ष एवं सभी विपक्ष की पार्टीयों को डराना धमकाना चाहते हैं इसमें वह कभी सफल नहीं हो पायेंगे। श्री आलम में बताया के बिहार सरकार में भ्रष्टाचार भी बड़े पैमाने पर चल रहा है जिसका उदाहरण है के वर्तमान बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष अब्दुल कयूम अंसारी के संरक्षण में लाॅकडाउन की अवधी में दरभंगा एवं मधुबनी जिला के शिक्षा पदाधिकारी के द्वारा 100 से अधिक मदरसों का मोटी राशि लेकर फर्जी तरीके से जांच रिपोर्ट बना दिया गया। ऐसे सभी फर्जी मदरसों की फाईल मदरसा बोर्ड और सचिवालय में जमा है उसे सरकार रद्द क्यों नहीं करती..??? एक ही व्यक्ति जो शिक्षक भी है वह दो दर्जन से अधिक मदरसों का ट्रस्टी कैसे बना। सरकार को अपनी जवाबदेही तय करनी होगी, जनता की आवाज दबाने से बिहार आगे नहीं बढ़ सकता। नीतीश जी अगर आपसे बिहार नहीं संभल रहा है तो जनता के जनादेश का सम्मान करते हुए सत्ता छोड़ दें। 


जनक्रान्ति प्रधान कार्यालय से प्रकाशक/सम्पादक राजेश कुमार वर्मा द्वारा कार्यालय रिपोर्ट प्रकाशित व प्रसारित ।

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