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🌹🌹सुप्रभात🌹🌹

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                                 🌹🌹सुप्रभात🌹🌹                                 🌹🌹सुप्रभात🌹🌹 ✍️🙏नागेन्द्र कुमार सिन्हा जनक्रान्ति कार्यालय  समस्तीपुर, बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 29 अगस्त, 2020 ) ।                  👉🌹🌵शुभ शनिवार🌵🌹🙏👈 ⛅ दिनांक 29 अगस्त 2020 ⛅ दिन - शनिवार ⛅ विक्रम संवत - 2077  ⛅ शक संवत - 1942 ⛅ ऋतु - शरद ⛅ मास - भाद्रपद ⛅ पक्ष - शुक्ल ⛅ तिथि - एकादशी सुबह 08:17 तक तत्पश्चात दुदशी ⛅ सूर्योदय - 06:22 ⛅ सूर्यास्त - 18:56        ⛅ व्रत पर्व विवरण - पद्मा-परिवर्तिनी एकादशी, वामन जयंती 💥 एकादशी को चावल व साबूदाना खाना वर्जित है ।                              🌷 ज्योतिष शास्त्र🌷 🙏🏻 🕉️01 सितंबर, मंगलवार को भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, इस दिन 10 दिवसीय गणेशोत्सव का समापन होता है व घरों व सार्वजनिक स्थानों पर स्थापित गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि इस दिन विसर्जन से पहले नीचे बताए गए छोटे-छोटे उपाय किए जाएं तो सभी की मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं। ➡ पैसा

🔥 प्रश्न - क्या वैदिक धर्म में छुआ-छूत, जातिभेद, जादूटोना, डोराधागा, ताबीज़, शकुन , फलित ज्योतिष, जन्मकुण्डली, हस्तरेखा, नवग्रह पूजा, नदी स्नान , बलिप्रथा सतीप्रथा, मांसाहार, मद्यपान, बहुविवाह, भूत- प्रेत , मृत श्राद्ध, पिण्डदान, भविष्यवाणी आदि का विधान हैं....?

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  🔥 प्रश्न  - क्या वैदिक धर्म में छुआ-छूत, जातिभेद, जादूटोना, डोराधागा, ताबीज़, शकुन , फलित ज्योतिष, जन्मकुण्डली, हस्तरेखा, नवग्रह पूजा, नदी स्नान  , बलिप्रथा सतीप्रथा, मांसाहार, मद्यपान, बहुविवाह, भूत- प्रेत , मृत श्राद्ध, पिण्डदान, भविष्यवाणी आदि का विधान हैं....? जनक्रान्ति कार्यालय से गुलशन कुमार                                       महर्षि दयानंद सरस्वती वाणी समस्तीपुर, बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 28 अगस्त,2020 ) । क्या वैदिक धर्म में छुआ-छूत, जातिभेद, जादूटोना, डोराधागा, ताबीज़, शकुन , फलित ज्योतिष, जन्मकुण्डली, हस्तरेखा, नवग्रह पूजा, नदी स्नान  , बलिप्रथा सतीप्रथा, मांसाहार, मद्यपान, बहुविवाह, भूत- प्रेत , मृत श्राद्ध, पिण्डदान, भविष्यवाणी आदि का विधान हैं...? 💐🙏👉✍️उत्तर  - वैदिक धर्म में उपरोक्त   अंधविश्वासों, पाखंडो, अंधश्रद्धा और  आडम्बरों का कोई विधान नहीं हैं।       🌹अंधविश्वास और अंधश्रद्धा के कारण जब मनुष्य की बुद्धि काम नहीं करती तो वह जो कुछ नहीं करना चाहिए वह करता है। जहां अल्पज्ञता होती है वहां भ्रान्तियाँ भी होती है और श्रद्धा प्रेम

🔥ओ३म्🔥 🌹🌷स्वास्थय व स्नान🌷🌹

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                          🔥 ओ३म्🔥                🌹🌷स्वास्थय व स्नान 🌷🌹 प्रतिदिन स्नान करना भी वैदिक दिनचर्या का एक आवश्यक अंग है :गुलशन कुमार        वेद में जल को जीवन और अमृत का नाम दिया है- जनक्रान्ति कार्यालय रिपोर्ट  समस्तीपुर, बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 08 अगस्त, 2020 ) ।  👉✍️    प्रतिदिन स्नान करना भी वैदिक दिनचर्या का एक आवश्यक अंग है।स्नान करने से शरीर शुद्ध हो जाता है,पाचन शक्ति त्रीव होकर बल और आरोग्य की प्राप्ति होती है।   वेद में जल को जीवन और अमृत का नाम दिया है- आप इद्वा उ भेषजीरापो अमीवचातनीः । आपः सर्वस्व भेषजीस्तास्ते कृण्वन्तु भेषजम् ।।-(ऋ० १०/१३७/६)  जल ही ओषधि है,जल रोगों का शत्रु है।यह सभी रोगों का नाश करता है।अतः तुम्हारे रोगों को भी यह नष्ट करेगा।   अप्स्वन्तरमृतमप्सु भेषजमपामुत प्रशस्यते । देवा भवत वाजिनः ।। -(ऋ० (१\२३\१९)   जलों में अमृत (आरोग्यता) प्रदान करने की शक्ति है।जलों में हर प्रकार के रोगों को दूर करने की शक्ति है।जल कल्याण करने वाले हैं।जल का ठीक प्रयोग करके अर्थात् इसके उचित पान से और इसमें स्नान से बलवान् बनो।   वेद में

🌹🙏🌹सुप्रभात🌹🙏🌹

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                       🌹🙏🌹सुप्रभात🌹🙏🌹                           🌹🙏🌹जय श्रीराम 🌹🙏🌹 जनक्रान्ति कार्यालय समस्तीपुर, बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज कार्यालय 05 अगस्त, 2020 ) ॥  ⛅ दिनांक 05 अगस्त 2020 ⛅ दिन - बुधवार ⛅ विक्रम संवत - 2077 ⛅ शक संवत - 1942 ⛅ अयन - दक्षिणायन ⛅ ऋतु - वर्षा ⛅ मास - भाद्रपद  ⛅ पक्ष - कृष्ण ⛅ तिथि - द्वितीया रात्रि 10:50 तक तत्पश्चात तृतीया ⛅ नक्षत्र - धनिष्ठा सुबह 09:31 तक तत्पश्चात शतभिषा ⛅ योग - शोभन 06 अगस्त प्रातः 05:08 तक तत्पश्चात अतिगण्ड ⛅ राहुकाल - दोपहर 12:33 से दोपहर 02:10 तक*  ⛅ सूर्योदय - 06:15  ⛅ सूर्यास्त - 19:13                       👉🌹🙏आजका शुभ विचार 🙏🌹👈 ⛅ व्रत पर्व विवरण - हिंडोला समाप्त                                🌷 स्वस्तिक से सुरक्षा 🌷 卐 *जिन के घर में क्लेश हो , वे अपने घर में ९ /९ (९ इंच लंबा -९ इंच चौड़ा) का स्वस्तिक बना के दीवार पे लगाए... ....उस के घर में अशुभ और अमंगल नही होता। 🌷 कार्य में सफलता पाने के लिए🌷 🙏🏻 पूज्य बापूजी कहते हैं कोई भी शुभ काम करना हो...घर में कोई मांगलिक प्रसंग हो तो १०८ बार "

🔥ओ३म्🔥 🌷🌷शंका समाधान..!!??🌷🌷

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                                                        🔥ओ३म्🔥                 🌷🌷 शंका समाधान..!!?? 🌷🌷                                     🔥🌵ओ३म🌵🔥                                                                                 ✍️☝️गुलशन कुमार जनक्रान्ति कार्यालय  समस्तीपुर, बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 04 अगस्त, 2020 ) ।   👉🌵☝️वेद प्रश्नोत्तरी🌵☝️👈 प्रश्न : वेदों  में कितने ईश्वर हैं ?  हमने सुना है कि वेदों में  अनेक ईश्वर हैं ।   उत्तर : आपने गलत स्थानों से  सुना है । वेदों में स्पष्ट कहा है  कि एक और केवल एक ईश्वर   है । और वेद में एक भी ऐसा  मंत्र नहीं है  जिसका कि यह  अर्थ  निकाला जा सके कि ईश्वर  अनेक हैं । और सिर्फ इतना  ही नहीं वेद इस बात का भी  खंडन करते हैं कि आपके  और ईश्वर के बीच में  अभिकर्ता (एजेंट) की तरह  काम करने के लिए पैगम्बर,  मसीहा या  अवतार की जरूरत होती है । 👉☝️   प्रश्न: वेदों में वर्णित विभिन्न देवताओं या ईश्वरों के बारे में आप क्या कहेंगे ? ३३ करोड़ देवताओं के बारे में क्या? उत्तर:    १. जैसा कि पहले भी कहा जा चु

🌷अनमोल मोती🌷✍️ Gulshan kumar

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                                           🌷अनमोल मोती🌷                                                                     ✍️ Gulshan kumar Jankranti office Samastipur,Bihar ( Jankranti hindi news bulletin 31 july 2020 ) !    👉🌹मनुष्य का यही मुख्य आचार है कि जो इन्द्रियां चित्त का हरण करने वाले विषयों में प्रवृत्त कराती हैं उन को रोकने में प्रयत्न करें। जैसे घोड़े को सारथि रोक कर शुद्ध मार्ग में चलाता है उसी प्रकार इन्द्रियों को अपने वश में करके अधर्म मार्ग से हटा कर धर्म मार्ग में सदा चलाया करे॥१॥    क्योंकि इन्द्रियों को विषयासक्ति और अधर्म में चलाने से मनुष्य निश्चित दोष को प्राप्त होता है और जब इन को जीत कर धर्म में चलाता है तभी अभीष्ट सिद्धि को प्राप्त होता है॥२॥   यह निश्चय है कि जैसे अग्नि में इन्धन और घी डालने से बढ़ता जाता है वैसे ही कामों के उपभोग से काम शान्त कभी नहीं होता किन्तु बढ़ता ही जाता है। इसलिये मनुष्य को विषयासक्त कभी न होना चाहिये॥३॥    जो अजितेन्द्रिय पुरुष है उसको ‘विप्रदुष्ट’ कहते हैं। उस के करने से न वेदज्ञान, न त्याग, न यज्ञ, न नियम और न धर्माचरण

👉 🗣️🌷🕉️ आचमन 🌷🕉️⛳👈

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                    👉 🗣️🌷🕉️ आचमन 🌷🕉️⛳👈                                        🔥ओ३म्🔥 @Samastipur office  Samastipur,Bihar ( Jankranti hindi news bulletin office 26 july,2020 ) !                   👉 🗣️🌷🕉️ आचमन 🌷🕉️⛳👈     हवन की प्रथम क्रिया आचमन पवित्रीकरण के लिए आचमन है ।तांबा, चांदी या सोने के कटोरीनुमा बर्तन में पहले से रखे हुए जल में से दाहिने हाथ की हथेली में तर्जनी अंगुली को अंगुठे के मूल में लगाकर बनाये ब्रह्म तीर्थ में कुछ बूंदे लेकर नीचे के ओंठ से लगाकर हवा के साथ पानी को पी लेना आचमन कहा जाता है ।       यौगिक दृष्टि से शारीरिक निरोगता तथा मानसिक शक्ति की प्राप्ति के लिए जल को चूस कर पीना लाभप्रद है क्योंकि उस जल में मस्तिष्क की अमृत ग्रंथि ( पिटयूटरी ग्लैण्ड) में से रस का स्राव काक  - तालु मार्ग से कंठ में आकर मिल जाता है, जो कंठ कूप में अवस्थित विशुद्धिचक्र को प्रभावित करता है जिससे सात्विकता विकसित होती है ।आचमन रीति से जल को पीना रक्त पुष्टि का कारण बनता है । शतपथ ब्राह्मणकार महर्षि याज्ञवल्क्य कहते हैं कि  ( तने पूतिरन्तरत:) आचमन से आंतरिक पवित्रता

सावन महीने में वर्षा ऋतु का होता है और इसके स्वामी चन्द्रमा को माना जाता है : ज्योतिष पंकज झा शास्त्री

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सावन महीने में वर्षा ऋतु का होता है और इसके स्वामी चन्द्रमा को माना जाता है : ज्योतिष पंकज झा शास्त्री   समस्तीपुर कार्यालय रिपोर्ट    चन्द्रमा की हर शक्ति के नियंत्रक भगवान शिव होते हैं : ज्योतिष पंकज झा शास्त्री दरभंगा/मधुबनी, बिहार( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 20 जुलाई,2020 ) । सावन के महीने में वर्षा ऋतु का प्रभाव होता है।इस ऋतु का स्वामी चन्द्रमा को माना जाता है.सोमवार के दिन का स्वामी भी चन्द्रमा ही होता है। चन्द्रमा की हर शक्ति के नियंत्रक भगवान शिव होते हैं और भगवान शिव ही चन्द्रमा की समस्या को दूर कर सकते हैं।यही वजह है कि सावन के सोमवार में भगवान शिव और चन्द्रमा की उपासना करने से चन्द्रमा से जुड़ी हर समस्या को दूर किया जा सकता है। सावन के सोमवार की रात्रि को चंद्रमा और शिव जी की उपासना करना विशेष फलदायी होता है। क्या करें अगर कुंडली में चन्द्रमा संबंधी कोई समस्या हो तो- - सबसे पहले स्नान करने के बाद भगवान शिव के समक्ष बैठें. - भगवान शिव को अपनी उम्र के बराबर बेल पत्र अर्पित करें। - भगवान शिव को चांदी का अर्ध चन्द्र अर्पण करने के बाद प्रसाद रूपी इसे अपने

शनि से घबराने की जरुरत नही ,शनि कर्म फल दाता है :पंकज झा शास्त्री

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शनि से घबराने की जरुरत नही ,शनि कर्म फल दाता है :पंकज झा शास्त्री                                       ज्योतिष पंकज झा शास्त्री दरभंगा/मधुबनी,बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 04 जुलाई,2020 ) । शनि से घबराने की जरुरत नही ,शनि कर्म फल दाता है ।  ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि एक पापी ग्रह होता है, किसी भी जातक की कुंडली में इसकी उपस्थिति अशुभ और व्यक्ति को नुकसान पहुँचाने वाली मानी जाती है। शनि साढ़े साती की गणना चंद्र राशि पर आधारित होती है। शनिदेव को 'कर्मफल दाता' रूप में माना गया है। ऐसा कहा जाता है मनुष्य जो भी कर्म करेगा उसका फल शनिदेव उसे देते हैं। इसलिए हर किसी को शनि से डरने की जरूरत नहीं है।जिन जातकों की कुंडली में शनि शुभ होता है, उन लोगों के लिए साढ़े साती का समय काफी फलदायक होती है और इस दौरान वैसे लोग बहुत तरक्की करते हैं। साढ़े साती के समय अगर आपके काम रुकने लगे और लाख परिश्रम के बाद भी सफलता नहीं प्राप्त हो, तो इसका मतलब है कि यह शनिदेव का प्रकोप है जो आपको पीड़ित कर रहा है। ऐसी स्थिति में जातक शनिदेव को खुश करने के उपाय करके अपने नुकसान और हो रह

लॉकडाउन में बिहार के विद्यार्थियों खासतौर से बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ा है: मनोवैज्ञानिक चिकित्सक डॉ० मनोज कुमार

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लॉकडाउन में बिहार के विद्यार्थियों खासतौर से बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ा है: मनोवैज्ञानिक चिकित्सक डॉ० मनोज कुमार समस्तीपुर कार्यालय  डॉ० मनोज कुमार से बच्चों के स्वास्थ्य पर खास बातचीत  जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन के प्रधान सम्पादक राजेश कुमार वर्मा के साथ पटना, बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 29 जून,2020 )। लॉकडाउन में बिहार के विद्यार्थियों खासतौर से बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ा है।इस संदर्भ में जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन के प्रधान सम्पादक राजेश कुमार वर्मा समस्तीपुर ने किया बातचीत । प्रख्यात मनोवैज्ञानिक(मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ) डॉ॰ मनोज कुमार से प्रस्तुत है साझात्कार के प्रमुख अंश:- सबसे पहला सवाल ::-  1-लॉकडाउन और बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को लेकर आप क्या कहना चाहेंगे..?? @जवाब-इस बंदी के हालात में बच्चों के कोमल मन आहत हुए हैं। बच्चे अपने स्वभाव के अनुकूल व्यवहार नहीं कर पा रहें जिससे उनमें एक अनावश्यक दबाव बढा है। मसलन खेलकूद आदि में प्रतिबंध होने से उनका शारीरिक और मानसिक विकास रूक सा गया है। उनकी भावनात्मक

जिंदगी में मुश्किलें तमाम हैँ , फिर भी इन ओठों पर मुस्कान है

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जिंदगी में मुश्किलें तमाम हैँ , फिर भी इन ओठों पर मुस्कान है   प्रमोद कुमार सिन्हा  बेगूसराय, बिहार  बेगूसराय, बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 24 जून,2020 ) । जिंदगी में मुश्किलें तमाम हैँ , फिर भी इन ओठों पर मुस्कान है  ,  जीना जब हर हाल में है  , फिर मुस्कुराकर जीने में क्या नुकसान है ,  बुजदिल होते हैँ जो  , रो रोकर जीवन अपना व्यतीत करते हैँ  ,  बरे से बरे संकट में भी , हंसकर जीवन जीनेवाले इंसान हैँ  ,  जिंदगी में मुश्किलें..........  नदियों की धारा पत्थरों से टकराकर ही  , आगे आगे रास्ता पकड़ती है  ,  पत्थरों के अहम् चकनाचूर करके ही  ,  धारा सरपट निकलती है  ,  हौसले बुलंद होते हैँ जिनके , पग बढ़ाने में करते नहीं कोताही ,  मंजिलें अति सुलभ होते हैँ उनको  , जो लक्ष्य के लिये कुर्बान हैँ  ,  जिंदगी में मुश्किलें...........  दुख आना और जाना होता है हरदम , जानकर भी हम परेशान हैँ  ,  इस जग में ही मिलते हैँ कोई  साधु  , और कोई कोई शैतान भी हैँ  ,        जीना उसका जीना है जगत में  , जिसने जीने का है मर्म जान लिया  ,  होती हैँ चर्चाएं उनकी पग पग पर  , और

🌹🙏🌹सुप्रभात🌹🙏🌹. 👉🌹🙏 आज का शुभ विचार 👈🌹🙏

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                                        🌹🙏🌹 सुप्रभात 🌹🙏🌹 समस्तीपुर, बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 20 जून,2020 ) ।                       👉🌹🙏 आज का शुभ विचार 👈🌹🙏 ⛅  दिनांक 20 जून 2020 ⛅ दिन - शनिवार ⛅ विक्रम संवत - 2077 ⛅ शक संवत - 1942 ⛅ ऋतु - वर्षा ⛅ मास - आषाढ ⛅ पक्ष - कृष्ण ⛅ तिथि - चतुर्दशी दोपहर 11:52 तक तत्पश्चात अमावस्या ⛅ सूर्योदय - 05:58 ⛅ दिशाशूल - पूर्व दिशा में ⛅ व्रत पर्व विवरण - दर्श अमावस्या, दक्षिणायन आरंभ (पुण्यकाल सूर्योदय से सूर्यास् तक 🌷 सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण मंत्र🌷 ➡ 21 जून 2020 रविवार को कंकणाकृति सूर्यग्रहण (सुरत में ग्रहण-समय सुबह 10:01 से दोपहर 01बजकर 33 मिनट तक  भारत मे दिखेगा नियम पालनीय 🌷 ग्रहण दर्शन ना करें 🌷 🌗 कोई-कोई TV Channel वाले नादान होते हैं.. ग्रहण का दृश्य लाईव दिखाते हैं .. ये नहीं देखना चाहिए और ग्रहण की छाया भी हम पर न पड़े इसका ध्यान रखना चाहिए। 🌷 ग्रहण के समय उसके देवता का मंत्र जप* 🌷 🌔 ग्रहण का समय हो तो उस समय ग्रहण के देव का नाम जप करने से उस ग्रह का माने सूर्य या चन्द्र का विशेष आशीवार्द प्रा

🙏🌹सुप्रभात्🌹🙏 👉🌹आज का शुभ विचार 🌹👈

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                                            🙏🌹सुप्रभात्🌹🙏                      ऊं श्री चित्रगुप्ताय वै नम: समस्तीपुर, बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 18 जून,2020 ) ।                   👉🌹 आज का शुभ विचार 🌹👈               🌞 ~आज का हिन्दू पंचांग~ 🌞 ⛅  दिनांक 18 जून 2020 ⛅ दिन - गुरुवार ⛅ विक्रम संवत - 2077 (गुजरात - 2076) ⛅ शक संवत - 1942* ⛅ अयन - उत्तरायण ⛅ ऋतु - ग्रीष्म ⛅ मास - आषाढ़ (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार ज्येष्ठ) ⛅ पक्ष - कृष्ण ⛅ तिथि - द्वादशी सुबह 09:39 तक तत्पश्चात त्रयोदशी ⛅ नक्षत्र - भरणी सुबह 08:31 तक तत्पश्चात कृत्तिका ⛅ योग - सुकर्मा दोपहर 02:50 तक तत्पश्चात धृति ⛅ राहुकाल - दोपहर 02:09 से शाम 03:50 तक  ⛅ सूर्योदय - 05:58 ⛅ सूर्यास्त - 19:21 ⛅ दिशाशूल - दक्षिण दिशा में ⛅ व्रत पर्व विवरण - प्रदोष व्रत 💥 विशेष - द्वादशी को पूतिका(पोई) अथवा त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)                                      🌞~हिन्दू पंचांग ~🌞 🌷 बारिश की सर्दी मिटाने के लिए🌷 😪 बारिश की सर्दी

धर्म के सकारात्मक और नकारात्मक पहलू लेखक : अक्षय कुमार वत्स -4/1ब्रह्मपुरी ,मुज़फ्फरनगर धर्म इस संसार को जानने व समझने वाले मार्ग की ओर ले जाता है। व्यक्ति की पहचान उसके धर्म से नहीं अपितु कर्म से होती है परंतु धर्म ही कर्म का निर्धारण करता है यदि धर्म को व्यापक रूप में समझें तो धर्म शक्ति संपन्न लोगों के हाथ में ताकतवर हथियार बन गया है तथा इसका प्रयोग वे सांप्रदायिक संबंधों को बनाने बिगाड़ने में कर रहे हैं

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धर्म के सकारात्मक और नकारात्मक  पहलू                                                        लेखक : अक्षय कुमार वत्स                                                     4/1ब्रह्मपुरी ,मुज़फ्फरनगर धर्म इस संसार को जानने व समझने वाले मार्ग की ओर ले जाता है। व्यक्ति की पहचान उसके धर्म से नहीं अपितु कर्म से होती है परंतु धर्म ही कर्म का निर्धारण करता है  यदि धर्म को व्यापक रूप में समझें  तो धर्म शक्ति संपन्न लोगों के हाथ में ताकतवर हथियार बन गया है तथा इसका प्रयोग वे सांप्रदायिक संबंधों को बनाने बिगाड़ने में कर रहे हैं यदि व्यक्ति किसी धर्म में आस्था रखता है तो संकटकाल में चाहे अनचाहे रूप में उसे एक मनोवैज्ञानिक आश्रय मिल जाता है।। श्री कृष्ण के अनुसार कर्म करो फल की इच्छा ना करें अर्थात फल मनुष्य के नियंत्रण में नहीं हैं श्री कृष्ण के अनुसार कर्म करो फल की इच्छा ना करें अर्थात फल मनुष्य के नियंत्रण में नहीं हैं।। धर्म व्यक्ति को अवसाद मुक्त रखता है और इससे लोग आत्महत्या नहीं करेंगे  राजेश कुमार वर्मा की रिपोर्ट  मुजफ्फरनगर, उत्तरप्रदेश ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय