शहरी क्षेत्रों में कबूतरों की बढ़ती संख्या और उनसे फैलने वाली बीमारियों पर विस्तृत चर्चा
शहरी क्षेत्रों में कबूतरों की बढ़ती संख्या और उनसे फैलने वाली बीमारियों पर विस्तृत चर्चा जनक्रांति कार्यालय रिपोर्ट कबूतरों की अनियंत्रित वृद्धि अप्राकृतिक और परेशानियाँ बढ़ानेवाली : संजय पांडे समाचार डेस्क/भारत ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 02 अगस्त, 2022)। कई हाऊसिंग सोसायटियों के परिसरों में खुले स्थानों पर बड़ी संख्या में कबूतर घूमते हैं और गंदगी फैलाते हैं। बिल्डिंग के कुछ लोग उन्हें खाना खिलाकर प्रोत्साहित करते हैं। देश में सबसे आम पक्षियों में सबसे पहले कबूतर और उसके बाद कौवा आता है। इसका कारण भोजन और शहरीकरण की प्रचुरता और आसान उपलब्धता है। लोग विभिन्न कारणों से कबूतरों को खाना खिलाते हैं। मानवीय आधार, खाना न खिलाएं तो वो मर जाएँगे, दया जैसे कारणों के आलावा कबूतरों को खिलाना समृद्धि की धार्मिक मान्यताओं से जुड़ा है, अधिकांश भोजन केंद्रों में पूजा स्थलों या सामुदायिक स्थानों के पास कबूतरों का जमावड़ा होता है। लेकिन इनमें से ज्यादातर जगहें और कबूतरखाने अवैध हैं। ऐसी जगहों का विस्तार कर स्थानीय किराना व्यापारी रोजाना हजारों रुपये का कारोबार करते हैं। इस तरह