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हरतालिका(तीज) पूजन के लिए शुभ मुहूर्त दिन के 08:50 से दिन के 03:09 तक अति उत्तम रहेगा कारण इसके उपरांत राहु काल आरम्भ रहेगा : पंकज झा शास्त्री

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  हरतालिका(तीज) पूजन के लिए शुभ मुहूर्त दिन के 08:50 से दिन के 03:09 तक अति उत्तम रहेगा कारण इसके उपरांत राहु काल आरम्भ रहेगा : पंकज झा शास्त्री जनक्रांति कार्यालय रिपोर्ट मिथिला में प्रसिद्ध पर्व चौरचन(चौठ चन्द्र) पर्व चाँद से सम्बंधित है और यह प्रथम संध्याकालीन उदित चाँद पर्व है अतः यह पर्व 30 अगस्त, 2022 मंगलवार को ही मनाया जाएगा : पंकज झा शास्त्री दरभंगा/मधुबनी,बिहार ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 29 अगस्त, 2022 ) । मिथिला क्षेत्रीय पंचांग अनुसार 30 अगस्त, 2022 रोज मंगलवार को तृतीया तिथि दिन के 02 बजकर 45 मिनट तक रहेगा,इसके उपरांत चौथ तिथि आरम्भ होगा। हरतालिका(तीज) पूजन के लिए शुभ मुहूर्त दिन के 08:50 से दिन के 03:09 तक अति उत्तम रहेगा कारण इसके उपरांत राहु काल आरम्भ रहेगा जो दिन के 04:45 तक रहेगा। मिथिला में प्रसिद्ध पर्व चौरचन(चौठ चन्द्र) पर्व चाँद से सम्बंधित है और यह प्रथम संध्याकालीन उदित चाँद पर्व है अतः यह पर्व 30 अगस्त, 2022 मंगलवार को ही मनाया जाएगा। 31 अगस्त् 2022 बुधवार को चौठ तिथि दिन के 02 बजकर 04 मिनट तक है। शास्त्र अनुसार गणेश जी का जन्म दिन के म

पर्व-त्यौहार विशेष: इस बार तीज और चौठ चंद्र 30 अगस्त को जबकि गणेश पुज्नोत्सव समारोह 31 को मनाया जाएगा... पंकज झा शास्त्री

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  पर्व-त्यौहार विशेष: इस बार तीज और चौठ चंद्र 30 अगस्त को जबकि गणेश पुज्नोत्सव समारोह 31 को मनाया जाएगा... पंकज झा शास्त्री जनक्रांति कार्यालय रिपोर्ट हरितालिका तीज पर व्रतधारी महिलाएं पूरे दिन और रात में निराहार और निर्जल व्रत कर शिव की आराधना में रहती हैं मग्न अध्यात्म डेस्क/दरभंगा/मधुबनी/समस्तीपुर, बिहार ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 28 अगस्त, 2022)। अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए विवाहित महिलाएं सालभर में कई व्रत-उपवास करती हैं। उन्हीं में से एक है हरितालिका तीज ।  हिंदू धर्म में हरितालिका तीज को बहुत महत्वपूर्व व्रत माना गया है । भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरितालिका तीज का व्रत रखा जाता है । इस साल हरितालिका तीज का व्रत 30 अगस्त 2022 को रखा जाएगा। हरितालिका तीज पर व्रतधारी महिलाएं पूरे दिन और रात में निराहार और निर्जल व्रत कर शिव की आराधना में मग्न रहती हैं। वहीं पौराणिक मान्यता के अनुसार माता पार्वती भगवान शिव के वरण की कामना के लिए अन्न, जल त्यागकर हरतालिका तीज का व्रत किया था । भोलेनाथ मां पार्वती की कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने