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अध्यात्म विचार : एकादशी व्रत एकादशी वृद्धि तिथि

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  अध्यात्म विचार :          एकादशी व्रत                              एकादशी वृद्धि तिथि जनक्रांति कार्यालय से नागेन्द्र कुमार सिन्हा की रिपोर्ट अध्यात्म डेस्क, भारत ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 02 सितंबर, 2021)। जनक्रांति अध्यात्म डेस्क पर अध्यात्मिक विचार से जानते है आज एकादशी वृद्धि तिथि एकादशी व्रत है कब और कैसे मनाये और इससे क्या लाभ होता है। आज एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l विशेष - हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है l   राम रामेति रामेति । रमे रामे मनोरमे ।। सहस्त्र नाम त तुल्यं । राम नाम वरानने ।। एकादशी के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए। एकादशी को चावल व साबूदाना खाना वर्जित है । एकादशी को शिम्बी (सेम) ना खाएं अन्यथा पुत्र का नाश होता है। जो दोनों पक्षों की एकादशियों को आँवले के रस का प्रयोग कर स्नान करते हैं, उनके पाप नष्ट हो जाते हैं। अजा एकादशी 02 सितम्बर 2021 गुरुवार को सुबह 06:22 से 03 सितम्बर, शुक्रवार सुबह 07:44 तक एकादशी है । विशेष - 03 सितम्बर, शुक्रवार को एक

अध्यात्म विचार : एकादशी व्रत एकादशी व्रत का लाभ

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  अध्यात्म विचार :           एकादशी व्रत                              एकादशी व्रत का लाभ जनक्रांति कार्यालय से नागेन्द्र कुमार सिन्हा की अध्यात्म विचार                                           श्री सत्यनारायण  अध्यात्म डेस्क,भारत ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 01 सितंबर, 2021 ) । जनक्रांति अध्यात्म डेस्क पर अध्यात्मिक विचार से जानते है आज एकादशी व्रत कब और कैसे मनाये और इससे क्या लाभ होता है। एकादशी व्रत के लाभ.... 02 सितम्बर 2021 गुरुवार को सुबह 06:22 से 03 सितम्बर, शुक्रवार सुबह 07:44 तक एकादशी है । **विशेष - 03 सितम्बर, शुक्रवार को एकादशी का व्रत उपवास रखें । एकादशी व्रत के पुण्य के समान और कोई पुण्य नहीं है । जो पुण्य सूर्यग्रहण में दान से होता है, उससे कई गुना अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है । जो पुण्य गौ-दान सुवर्ण-दान, अश्वमेघ यज्ञ से होता है, उससे अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है । एकादशी करनेवालों के पितर नीच योनि से मुक्त होते हैं और अपने परिवारवालों पर प्रसन्नता बरसाते हैं । इसलिए यह व्रत करने वालों के घर में सुख-शांति बनी रहती है ।इसके साथ ही धन-