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🌷ओ३म् का संक्षेप में अर्थ ।🌷✍️Gulshan kumar

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                                 🌷ओ३म् का संक्षेप में अर्थ ।🌷                  👉🌹🙏🌵🕉️ओ३म्🕉️🌵🌹🙏👈 ✍️🙏 Jankranti- Gulshan kumar समस्तीपुर, बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 24 सितंबर, 2020 ) ।                       🌷ओ३म् का संक्षेप में अर्थ । 🌷 🌷सर्वरक्षक, सर्वव्यापक, सर्वगतिदाता, सर्वप्रकाशक , पाप विनाशक, दाता, भगवान, तृप्तिकारक, शक्तिमान, न्यायकारी, श्रोता ,बुद्धि-पुष्टि-सुगन्ध देने हारा, शत+चित्त +आनन्द (सच्चिदानंद ) ।👉👇      भगवान  श्री कृष्ण जी ने गीता में, वेदव्यास ने महाभारत में, सभी पुराणों में, उपनिषदों में तथा  ब्राह्मण ग्रन्थों में , मनुस्मृति में इसी ओ३म्  नाम का ही उल्लेख मिलता है। महर्षि दयानंद सरस्वती जी ने सत्यार्थ प्रकाश, ऋगवेदादिभाष्यभूमिका, पंचमहायज्ञ विधि में ओ३म् ही को परमेश्वर के सब नामों में उत्तम् बताया है।        ' ओ३म्' - तीन अ-उ-म अक्षरों का समुदाय है।  इससे अकार, उकार, मकार का बोध होता है, जो मनुष्य इसे समझ लेता है वह ऋषि की श्रेणी में आ जाता है। इसे समझना ही कठिन कार्य है । सत्यार्थ प्रकाश में ऋषि  दयानंद सरस्व

🔥 ओ३म् 🔥 🌷धर्म और मजहब(सम्प्रदाय) में अन्तर : गुलशन कुमार

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  🔥 ओ३म् 🔥 🌷धर्म और मजहब(सम्प्रदाय) में अन्तर : गुलशन कुमार जनक्रान्ति कार्यालय  समस्तीपुर, बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 11 सितम्बर, 2020) । 🔥 ओ३म् 🔥 🌷धर्म और मजहब(सम्प्रदाय) में अन्तर : गुलशन कुमार   १.धर्म का आधार ईश्वर और मजहब का आधार मनुष्य है,धर्म उस ज्ञान का नाम है जिसे मनुष्यों और प्राणिमात्र के कल्याण के लिए परमात्मा ने आदि सृष्टि में प्रदान किया, मजहब वह है जिसे मनुष्यों ने समय समय पर अपनी आवश्यकताओं को पूर्ण करने के लिए स्वीकार किया और पुन: स्वार्थ सिद्धि के लिए उसका विस्तार किया।   २.धर्म ईश्वर प्रदत्त है इसलिए एक है इसमें हिन्दू, मुसलमान, सिख, ईसाई, यहूदी, पारसी किसी के लिए भी भेद भाव नहीं, इसके विपरित मत मतान्तर अनेक मनुष्यों के बनाये होने के कारण अनेक हैं और अपने अनुयायियों के पक्षपात से भरे पडे हैं। इसलिए मुहम्मद अली ने सन् १९२४ में कहा था कि बुरे से बुरा मुसलमान गांधी जी से अच्छा है क्योंकि वह पैगम्बर पर ईमान लाया है, गांधी जी ईमान नहीं लाये इसलिए स्वर्ग का दरवाजा उनके लिए बन्द है।   ३.धर्म सबका साझा है क्योंकि ईश्वर की देन है। मजहब अपन