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संविधान कितना भी श्रेष्ठ क्यों न हो यदि न्यायपालिका योग्य एवं निष्पक्ष नही होगी तो संविधान कुछ नहीं : शारीक इब्राहिम

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  संविधान कितना भी श्रेष्ठ क्यों न हो यदि न्यायपालिका योग्य एवं निष्पक्ष नही होगी तो संविधान कुछ नहीं : शारीक इब्राहिम जनक्रांति कार्यालय रिपोर्ट नागरिक अधिकारों के लिए योग्य(योग्यता समय अनुसार होनी चाहिए) एवं स्वतंत्र न्यायपालिका अति आवश्यक है। समाचार डेस्क, बिहार ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 08 फरवरी, 2022)। संविधान कितना भी श्रेष्ठ क्यों न हो यदि न्यायपालिका योग्य एवं निष्पक्ष नही होगी तो संविधान कुछ नहीं । वहीं कमजोर संविधान के बावजूद योग्य एवं निष्पक्ष न्यायपालिका, कार्यपालिका द्वारा नागरिकों के अधिकारों का हनन एवं शोषण नहीं होने देगी और भारत मे स्वतंत्र न्यायपालिका का मतलब है जजों द्वारा जजों की नियुक्ति (कॉलेजियम) जिसमे न तो योग्यता को परखा जाता है न ही नियुक्ति में सभी को अवसर की समानता दी जाती है। इसकी सर्वाधिक कीमत समाज का बहुजन वर्ग सहित वंचित वर्ग भी चुकाता है पर मजाल क्या इस वर्ग के बुद्धजीवी इस पर प्रश्न उठाये और इस बात पर जोर दे कि राजनैतिक दलों से जुड़े परिवार का व्यक्ति उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय में जज के पद हेतु पात्र नहीं माना जायेगा साथ ही

शोषित एवं कमजोरों की आवाज़ है भारतीय संविधान : रवि शंकर चौधरी

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  शोषित एवं कमजोरों की आवाज़ है भारतीय संविधान : रवि शंकर चौधरी जनक्रांति कार्यालय रिपोर्ट आजादी के 75 वर्षों बाद भी हमारा संविधान, हमारा राष्ट्र विश्व के मानचित्रों पर सर्वाधिक लोकतांत्रिक बना हुआ है।  पटना, बिहार ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 26 नवंबर, 2021 )। भारतीय संविधान जितना लचीला है, उतना ही कठोर एवं न्यायवादी भी। जब पहली बार संविधान सभा की बैठक हुई, उसमें निर्वाचित 296 सदस्यों में से केवल 211 सदस्यों ने ही हिस्सा लिया। क्योंकि मुस्लिम लीग ने बैठक का बहिष्कार किया और अलग पाकिस्तान की माँग पर बल दिया। इस घटना के बाद से ही बुद्धिजीवियों, इतिहासकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, राजनीतिज्ञों और रियासतदारों द्वारा अनुमान लगाया जाने लगा कि विविधताओं से भरी इस देश में स्वाधीनता प्राप्ति के बाद नव-निर्मित संविधान कितना प्रभावी होगा बहुत सारे विरोधों एवं कितने अटकलों के बाद सात सदस्यीय प्रारूप समिति का गठन किया गया। जिसके अध्यक्ष बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर हुए। अब बाबा पर एक किताब में विविधताओं से भरे इतने बड़े जनसंख्या वाले देश को पिरोने की जिम्मेदारी थी। शोषितों को न्याय दिलान

संविधान दिवस पर समस्तीपुर जिला जज बटेश्वर नाथ पाण्डेय ने न्यायिक दण्डाधिकारियों सहित पदाधिकारियों को दिलाई शपथ

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  संविधान दिवस पर समस्तीपुर जिला जज बटेश्वर नाथ पाण्डेय ने न्यायिक दण्डाधिकारियों सहित पदाधिकारियों को दिलाई शपथ जनक्रांति कार्यालय से विधि ब्यूरो चीफ रविशंकर चौधरी अधिवक्ता की रिपोर्ट संविधान दिवस के अवसर पर व्यवहार न्यायालय परिसर में स्थित सेन्ट्रल पार्क परिसर में न्यायिक पदाधिकारी एंव न्यायधीशों को संविधान की शपथ दिलाते जिला जज बटेश्वर नाथ पाण्डेय समस्तीपुर, बिहार ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 26 नवंबर, 2021 ) । समस्तीपुर व्यवहार न्यायालय परिसर में स्थित सेन्ट्रल पार्क में स्थापित संविधान शिलापट्ट के सामने समस्तीपुर जिला एव सत्र न्यायाधीश बटेश्वर नाथ पाण्डेय ने व्यवहार न्यायालय के न्यायाधीश एंव न्यायिक पदाधिकारियों को संविधान दिवस के अवसर पर संविधान की अनुपालन हेतू शपथ दिलाई । संविधान दिवस के अवसर पर आयोजित सभा में मुख्य रूप से बटेश्वर नाथ पाण्डेय जिला एवं सत्र न्यायाधीश, समस्तीपुर धर्मशील श्रीवास्तव प्रधान न्यायाधीश, कुटुम्ब न्यायालय, सुजीत कुमार श्रीवास्तव प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश,सत्य भूषण आर्या द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, प्रणव कुमार झा तृतीय अप

समस्तीपुर व्यवहार न्यायालय के जिला जज बटेश्वर नाथ पांडेय और न्यायिक पदाधिकारियों ने मिलकर मनाया संविधान दिवस

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  समस्तीपुर व्यवहार न्यायालय के जिला जज  बटेश्वर नाथ पांडेय और न्यायिक पदाधिकारियों ने मिलकर मनाया संविधान दिवस संविधान दिवस एक तरह से देश के पहले कानून मंत्री डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि देने का भी प्रतीक है : जिला जज जनक्रान्ति कार्यालय से राज्य विधि संवाददाता चीफ ब्यूरो रविशंकर चौधरी की रिपोर्ट     समस्तीपुर, बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 27 नवंबर, 2020 ) । देश आज मना रहा है संविधान दिवस 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने औपचारिक रूप से भारत के संविधान को अपनाया था । जिसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया ।  इसे बनाने के कुल 02 साल 11 महीने और 17 दिन का समय लगा था ।  19 नवंबर 2015 को सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने नागरिकों के बीच संविधान के मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया । डॉक्टर अंबेडकर की संविधान बनाने में अहम भूमिका ।  संविधान दिवस एक तरह से देश के पहले कानून मंत्री डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि देने का भी प्रतीक है ।  भारतीय संविधान के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई

संविधान दिवस की ७१ वीं वर्षगांठ धुमधाम के साथ गांधी स्मारक पर मनाई गई

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  संविधान दिवस की ७१ वीं वर्षगांठ धुमधाम के साथ गांधी स्मारक पर मनाई गई जनक्रान्ति कार्यालय रिपोर्ट  भारतीय संविधान दिवस के अवसर पर गांधी स्मारक पर संविधान दिवस मनाते हुऐ शिक्षाविद्  समस्तीपुर,बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 27 नवंबर, 2020 ) । संविधान दिवस की ७१ वीं वर्षगांठ धुमधाम के साथ गांधी स्मारक पर मनाई गई । बताते हैं कि गांधी स्मारक समिति के तत्वावधान में भारतीय संविधान के अवसर पर भारतीय संविधान का संविधान दिवस की ७१ वीं वर्षगांठ धुमधाम के साथ मनाई गई। इस पावन अवसर पर सर्वप्रथम राष्ट्र पिता महात्मा गांधी की प्रतिमा पर उन्हें माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि अर्पित किया गया। मौके पर सर्वश्री शिक्षाविद् रामसंजीवन पांडे ने अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारतीय संविधान विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है।सभा का संचालन करते हुए समिति के सचिव विनय कृष्ण ने कहा कि भारत का संविधान विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक संविधान है। लोकतांत्रिक व्यवस्था में भारतीय संविधान की महती भूमिका है। जिसमें भारत के नागरिकों को बिना किसी भेद भाव के सबों को समानता प्रदान किया गया है। मौके पर सर्वश्री प्