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राशि अनुसार रंगो का इस्तेमाल करे तो होली का रंग और भी सुहाना होता है। जानते है अपने राशि अनुसार किस रंग से फगुआ के होली को रंगीन करे : पंकज झा शास्त्री

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  राशि अनुसार रंगो का इस्तेमाल करे तो होली का रंग और भी सुहाना होता है। जानते है अपने राशि अनुसार किस रंग से फगुआ के होली को रंगीन करे : पंकज झा शास्त्री जनक्रांति कार्यालय रिपोर्ट   राशि अनुसार किस रंग से फगुआ के होली को रंगीन करे।✍🏻 पंकज झा शास्त्री दरभंगा/मधुबनी/समस्तीपुर, बिहार ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 17 मार्च,2022) । होली पर्व आते ही लोगो में उमंगों का रंग चढ़ने लगता है। वैसे तो होली पर्व से पूर्व बसंत पंचमी के दिन से लोगों में रंगों का मस्ती दिखने लगता है और होली पर्व आते ही यह रंग पूरी तरह से अपने चरम पर रंगीन हो जाती है। यदि अपने राशि अनुसार रंगो का इस्तेमाल करे तो होली का रंग और भी सुहाना होता है। आइए जानते है अपने राशि अनुसार किस रंग से फगुआ के होली को रंगीन करे।✍🏻 पंकज झा शास्त्री 9576281913 मेष और वृश्चिक राशि🌹 मेष एवं वृश्चिक राशि के स्वामी मंगल है जिसका रंग लाल है। इसलिए होली में इन राशियों के लिए लाल, गुलाबी एवं पीले रंग का प्रयोग करना उचित है। वृषभ और तुला राशि 🌹 इन राशि के स्वामी शुक्र हैं। सफेद, गुलाबी और सिल्वर रंग से होली खेलना इनके लिए

होली.. ज्योतिष विचार ..... इस बार होली 18 या 19 ..?, लोग असमंजस में...पंकज झा शास्त्री

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  होली.. ज्योतिष विचार ..... इस बार होली 18 या 19 ..?, लोग असमंजस में...पंकज झा शास्त्री जनक्रांति कार्यालय रिपोर्ट होलिका दहन भद्रा रहित पूर्णिमा की रात में ही किया जाए। दिन में चतुर्दशी या प्रतिपदा में होलिका दहन निषेध है : पंकज झा शास्त्री दरभंगा/मधुबनी/समस्तीपुर, बिहार ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 11 मार्च, 2022) । होली इस बार 19 मार्च को मनाई जाएगी। वहीं, होलिका दहन 17 मार्च की रात्रि किया जाएगा। जानकारी के अनुसार ज्योतिषाचार्य और कर्मकांड के विद्वानों ने संशय को दूर करते हुए एक मत से 19 को ही होली मनाने का निर्णय लिया है।17 मार्च को सूर्योदय 06:03  पर और चतुर्दशी तिथि का मान दिन में 01:11तक, इसके पश्चात संपूर्ण दिन और रात्रि पूर्णिमा है। जो दूसरे दिन 18 मार्च को दिन में 01:02 तक रहेगा। पूर्णिमा तिथि के पूर्वार्द्ध में भद्रा का निवास होता ही है। होलिका दहन के विषय में कहा गया है कि होलिका दहन भद्रा रहित पूर्णिमा की रात में ही किया जाए। दिन में चतुर्दशी या प्रतिपदा में होलिका दहन निषेध है। इसलिए इस वर्ष होलिका दहन 17 मार्च की रात्रि में 01 बजकर 11 मिनट के बाद औ

होली......रंगों का त्यौहार

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  होली......रंगों का त्यौहार   प्रवीण प्रसाद सिंह "वत्स" होली रंगों का त्योहार है, मन-बंधों का त्योहार है, शिष्ट आ-चरणों का त्योहार है, जीवन उत्कर्षों का त्योहार है,  मिलने-जुलने का त्योहार है, प्रेमानंद में आनंदमय होने का त्योहार है, भेद रहित होने का त्योहार है, अखिल सत्ता से एकाकार होने का त्योहार है ।।                                                                                                                                      होली गीत.. होली गीत गाओ मन-बसिया, साथ-साथ गाओ रंग- रसिया, कोयल गाए, पपीहरा गाए, राधा जी, उनकी सखियां गाए,आ भी जाओ मोरे वृन्दावन बसिया, होली गीत गाओ मन बसिया-३, गोकुल के नंद बाबा गाए, यशोदा मैया संग ग्वाल-बाल गाए, भक्त- राज सुदामा गाए, यमुना तट पर नंदी गाए, आ भी जाओ मोरे रंग रसिया, होरी गीत गाओ मन बसिया-२ गोकुल में द्वारपाल गाए, देवकी और सुभद्रा गाए, भैया भीम संग अर्जुन गाए, इन्द्रप्रस्थ से युद्धिष्ठिर गाए, आ भी जाओ मोरे नैनौं के बसिया, होरी गीत गाओ मन बसिया-३ हो$-हो$-हो$-हो$-हो$-हो$ होरी गीत गाओ मन बसिया-३ ।  'वत्स 'अर्पण-समर्

होली विशेष... अध्यात्मिक विचार होली पर क्या करे और क्या न करे

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  होली विशेष...    अध्यात्मिक विचार होली पर क्या करे और क्या न करे जनक्रान्ति कार्यालय से नागेंद्र कुमार सिन्हा द्वारा सम्प्रेषित विचार अध्यात्म डेस्क ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 27 मार्च, 2021 ) । होली का दिन चंद्रमा का प्रागट्य दिन है । जो लोग सदा किसी न किसी दुःख से पीड़ित रहते हो , तो दुःख और शोक दूर करने के लिए विष्णु-धर्मोत्तर ग्रंथ में बताया है कि होली के दिन भगवान के भूधर स्वरुप अर्थात पृथ्वी को धारण करनेवाले भगवान का ध्यान और जप करना चाहिये । मंत्र बोलना चाहिये होली के दिन इनका विशेष माहात्म्य और फायदे है - ।।ॐ भूधराय नम:..... ॐ भूधराय नम: ..... ॐ भूधराय नम: ।। और नीचे श्लोक एक बार बोलना और भगवान को, गुरु को विशेषरूप से प्रणाम और पूजन कर लें – धरणीम् च तथा देवीं अशोकेती च कीर्तयेत् । यथा विशोकाम धरणी कृत्वान्स्त्वां जनार्दन: ।। ( हे भगवान जब जब भी पृथ्वी देवी असुरों से पीड़ित होकर आपको पुकारती है , तब तब आप राक्षसों का वध करते है और पृथ्वी को धारण करके उसका शोक दूर कर देते है । ऐसे आप भगवान मेरे भी शोक, दुःख आदि का हरण करे और मुझे धारण करें । ) खाली होली के दिन य

होली पर्व विशेष.. होली पर 500 वर्ष बाद बन रहे है ऐसा संयोग : पंंकज झा शास्त्री

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  होली पर्व विशेष.. होली पर 500 वर्ष बाद बन रहे है ऐसा संयोग : पंंकज झा  शास्त्री  जनक्रांति कार्यालय से पंकज झा शास्त्री                                     ज्योतिष पंकज झा शास्त्री  पटना/दरभंगा/मधुबनी/समस्तीपुर,बिहार ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय २५ मार्च, २०२१) । फाल्गुन मास आते ही लोगो मे धीरे धीरे रंगो का खुमार चढ़ने लगता है और इसी के साथ होली के दिन रंगो से लावा लव लोगो के अंग अंग रंग गुलाल से ढका हुआ नजर आता है। धर्म ग्रंथों के अनुसार हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को होली का त्योहार बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. यह रंगों का पर्व है. होली आपसी प्रेम और सौहार्द बढ़ाने का त्योहार है । यह आपसी भाईचारा को दर्शाता है । पूर्णिमा की रात को होलिका दहन किया जाता है।  उसकी अगली सुबह यानी कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को रंग वाली होली खेली जाती है । इस बार यह रंगों की होली 29 मार्च 2021 को खेली जाएगी ।  जबकि एक दिन पूर्व अर्थात 28-29 मार्च की रात्रि को होलिका दहन किया जाएगा। इस बार होली पर 500 वर्षों बाद एक बहुत ही दुर्लभ योग बन रहा है. इसके साथ ही दो बहुत