रक्षा बंधन विषेश 2021✍️ आंतरिक भय को नष्ट करने और आत्मबल के विस्तार का पर्व है रक्षाबंधन : पंकज झा शास्त्री
रक्षा बंधन विषेश 2021✍️ आंतरिक भय को नष्ट करने और आत्मबल के विस्तार का पर्व है रक्षाबंधन : पंकज झा शास्त्री जनक्रांति कार्यालय रिपोर्ट दरभंगा/मधुबनी, बिहार ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय २१ अगस्त,२०२१)। आंतरिक भय को नष्ट करने और आत्मबल के विस्तार का पर्व है श्रावण मास की पूर्णिमा, जो विश्व में भारतवंशियों के बीच रक्षाबंधन के रूप में प्रख्यात है। श्रावण मास की इस पूर्णिमा को कुछ जगह बलेव और नारियल पूर्णिमा के रूप में जाना जाता है। मान्यता है कि इसी दिन भगवान विष्णु ने वामन अवतार धारण कर बलि राजा के अहंकार को ज़मींदोज़ कर दिया था। इसलिए यह पर्व ‘बलेव’ नाम से भी जाना जाता है। एक अन्य पौराणिक मान्यता के अनुसार अदिति के पुत्रों देवों और दिति के पुत्रों दैत्यों के युद्ध में जब देव कमज़ोर होने लगे, तब भयभीत देवों के हाथ में इंद्राणी ने रक्षासूत्र बाँध कर अभय का वरदान दिया था। शहर के जानें माने ज्योतिष के जानकार पंडित पंकज झा शास्त्री के अनुसार रक्षासूत्र प्रचलित रक्षाबंधन पर्व का प्रमुख घटक है। ये जहां अंतर्मन के भय को नष्ट करता है, वहीं विपरीत लिंगी सहोदरों यानी भाई बहन को