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व्रत-त्यौहार विशेष : देव उत्थान एकादशी व्रत कथा पूजा महत्व तुलसी विवाह व्रत देवप्रबोधिनी एकादशी व्रत

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  व्रत-त्यौहार विशेष : देव उत्थान एकादशी व्रत कथा पूजा महत्व                         तुलसी विवाह व्रत                देवप्रबोधिनी एकादशी व्रत देवप्रबोधिनी एकादशी को देव उठनी एकादशी और देवुत्थान एकादशी के नाम से भी जाना जाता है : जनक्रांति प्रकाशन परिवार इस वर्ष देवप्रबोधिनी एकादशी स्मार्त मत के अनुयायियों के लिये कल रविवार 14 नवम्बर को और वैष्णव एवं निम्बार्क मत के अनुयायियों द्वारा आज 15 नवम्बर सोमवार के दिन मनाई जाएगी। अध्यात्म डेस्क/जनक्रांति अध्यात्म विचार  ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 15 नवंबर, 2021 )। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार इस दिन से विवाह, गृह प्रवेश तथा अन्य सभी प्रकार के मांगलिक कार्य आरंभ हो जाते हैं। माना जाता है कि भगवान श्रीविष्णु ने भाद्रपद मास की शुक्ल एकादशी को महापराक्रमी शंखासुर नामक राक्षस को लम्बे युद्ध के बाद समाप्त किया था और थकावट दूर करने के लिए क्षीरसागर में जाकर सो गए थे और चार मास पश्चात फिर जब वे उठे तो वह दिन देव उठनी एकादशी कहलाया। इस दिन भगवान श्रीविष्णु का सपत्नीक आह्वान कर विधि विधान से पूजन करना चाहिए। इस दिन उपवास करने का विश

अध्यात्म विचार : श्री चित्रगुप्त महाराज पूजनोत्सव समारोह

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  अध्यात्म विचार : श्री चित्रगुप्त महाराज पूजनोत्सव समारोह श्री चित्रगुप्त महाराज की पूजा पर विशेष धार्मिक ग्रंथो के अनुसार चित्रगुप्त महाराज मनुष्य के पापों का लेखा जोखा करते हैं। इस दिन चित्रगुप्त महाराज की पूजा अर्चना करने से नरक की यातनाओं से मिलती है मुक्ति और सभी पापों का होता है नाश : ✍️पंकज झा शास्त्री मधुबनी, बिहार( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 07 नवंबर, 2021)। माना जाता है की ब्रह्मा जी के काया से हुई चित्रगुप्त महाराज की उत्पत्ति,चित्रगुप्त महाराज को देवलोक में धर्म का अधिकारी भी कहा जाता है। चित्रगुप्त पूजा का सनातन धर्म में विशेष महत्व है खासकर कायस्थ समुदाय में यह अधिक महत्त्वपूर्ण माना जाता है। धार्मिक ग्रंथो के अनुसार चित्रगुप्त महाराज मनुष्य के पापों का लेखा जोखा करते हैं।इस दिन चित्रगुप्त महाराज की पूजा अर्चना करने से नरक की यातनाओं से मिलती है मुक्ति और सभी पापों का होता है नाश। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को चित्रगुप्त पूजा की जाती है। इस बार चित्रगुप्त पूजा का पावन पर्व 06 नवंबर 2021, शनिवार को सम्पन्न हुआ। धार्मिक मान्यताओं के

सुप्रभात् मित्रों

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  सुप्रभात् मित्रों, आजका दिन मॉं संतोषी की कृपा दृष्टि से मंगलमयी हो.. इसी आशा और विश्वास के साथ सुबह सुबह का राम-राम.. जय माता दी.. प्रकाशक

अध्यात्म विचार डेस्क : मृत्यु के कितने प्रकार हैं..?14 प्रकार की मृत्यु के प्रकार हैं!

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  अध्यात्म विचार डेस्क : मृत्यु के कितने प्रकार हैं..?14 प्रकार की मृत्यु के प्रकार हैं! जानते हैं.....जनक्रांति अध्यात्म विचार अध्यात्म डेस्क, भारत ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 05 अक्टूबर, 2021 ) । राम-रावण युद्ध चल रहा था, तब अंगद ने रावण से कहा- तू तो मरा हुआ है, मरे हुए को मारने से क्या फायदा..??? रावण बोला– मैं जीवित हूँ, मरा हुआ कैसे...??? अंगद बोले, सिर्फ साँस लेने वालों को जीवित नहीं कहते - साँस तो लुहार की धौंकनी भी लेती है! तब अंगद ने मृत्यु के 14  प्रकार बताए- कौल कामबस कृपिन विमूढ़ा। अतिदरिद्र अजसि अतिबूढ़ा।। सदारोगबस संतत क्रोधी। विष्णु विमुख श्रुति संत विरोधी।। तनुपोषक निंदक अघखानी। जीवत शव सम चौदह प्रानी।। 01. कामवश: जो व्यक्ति अत्यंत भोगी हो, कामवासना में लिप्त रहता हो, जो संसार के भोगों में उलझा हुआ हो, वह मृत समान है। जिसके मन की इच्छाएं कभी खत्म नहीं होतीं और जो प्राणी सिर्फ अपनी इच्छाओं के अधीन होकर ही जीता है, वह मृत समान है। वह अध्यात्म का सेवन नहीं करता है, सदैव वासना में लीन रहता है। 02. वाममार्गी: जो व्यक्ति पूरी दुनिया से उल्टा चले, जो संसार क

अध्यात्म विचार : श्राद्ध का महत्व जानिए पुराणों के अनुसार श्राद्ध का महत्व

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  अध्यात्म विचार :       श्राद्ध का महत्व जानिए पुराणों के अनुसार श्राद्ध का महत्व जनक्रांति कार्यालय से नागेंद्र कुमार सिन्हा अध्यात्म डेस्क/भारत ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 23 सितंबर, 2021)। जानिए पुराणों के अनुसार श्राद्ध का महत्व क्या हैं..?? कर्मपुराण : कर्मपुराण में कहा गया है कि 'जो प्राणी जिस किसी भी विधि से एकाग्रचित होकर श्राद्ध करता है, वह समस्त पापों से रहित होकर मुक्त हो जाता है और पुनः संसार चक्र में नहीं आता।' गरुड़ पुराण : इस पुराण के अनुसार 'पितृ पूजन (श्राद्धकर्म) से संतुष्ट होकर पितर मनुष्यों के लिए आयु, पुत्र, यश, स्वर्ग, कीर्ति, पुष्टि, बल, वैभव, सुख, धन और धान्य देते हैं। मार्कण्डेय पुराण : इसके अनुसार 'श्राद्ध से तृप्त होकर पितृगण श्राद्धकर्ता को दीर्घायु, सन्तति, धन, विद्या सुख, राज्य, स्वर्ग और मोक्ष प्रदान करते हैं। ब्रह्मपुराण : इसके अनुसार 'जो व्यक्ति श्रद्धा-भक्ति से श्राद्ध करता है, उसके कुल में कोई भी दुःखी नहीं होता।' साथ ही ब्रह्मपुराण में वर्णन है कि 'श्रद्धा एवं विश्वास पूर्वक किए हुए श्राद्ध में पिण्डो

अध्यात्म विचार : हरितालिका तीज व्रत हरितालिका तीज 09 सितंबर को मनाई जाऐगी

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     अध्यात्म विचार :     हरितालिका तीज व्रत       हरितालिका तीज 09 सितंबर को मनाई जाऐगी जनक्रांति कार्यालय से नागेंद्र कुमार सिन्हा                                                         उमापति  अध्यात्म डेस्क,भारत ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 08 सितंबर,2021)। आज मनाई जाएगी हरितालिका तीज व्रत कब और कैसे मनाये और इससे क्या लाभ होता है। जनक्रांति अध्यात्म डेस्क पर अध्यात्मिक विचार से जानते है । भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरितालिका तीज का व्रत किया जाता है। इस बार ये व्रत 09 सितम्बर, गुरुवार को है। विधि-विधान से हरितालिका तीज का व्रत करने से कुंवारी कन्याओं को मनचाहे वर की प्राप्ति होती है, वहीं विवाहित महिलाओं को अखंड सौभाग्य मिलता है। इस व्रत की विधि इस प्रकार है : व्रत विधि इस दिन महिलाएं निर्जल (बिना कुछ खाए-पिए) रहकर व्रत करती हैं। इस व्रत में बालूरेत से भगवान शंकर व माता पार्वती का मूर्ति बनाकर पूजन किया जाता है। घर को साफ-स्वच्छ कर तोरण-मंडप आदि से सजाएं। एक पवित्र चौकी पर शुद्ध मिट्टी में गंगाजल मिलाकर शिवलिंग, रिद्धि-सिद्धि सहित गणेश, पार्वत

अध्यात्म विचार : कुशोत्पाटिनी अमावस्या आज मनाई जाएगी कुशोत्पाटिनी अमावस्या व्रत

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  अध्यात्म विचार :  कुशोत्पाटिनी अमावस्या            आज मनाई जाएगी कुशोत्पाटिनी अमावस्या व्रत जनक्रांति कार्यालय से नागेंद्र कुमार सिन्हा की अध्यात्मिक विचार अध्यात्म डेस्क,भारत ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 07 सितंबर, 2021 )। आज मनाई जाएगी कुशोत्पाटिनी अमावस्या व्रत कब और कैसे मनाये और इससे क्या लाभ होता है। जनक्रांति अध्यात्म डेस्क पर अध्यात्मिक विचार से जानते है । जादू टोने व बुरी नजऱ से बचाएगा आज घर लाया कुश आज यानी 07 सितम्बर को कुशोत्पाटिनी या कुशाग्रहणी अमावस्या है। भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अमावस्या को शास्त्रों में कुशाग्रहणी या कुशोत्पाटिनी अमावस्या कहा जाता है। आज घर लाया कुश जादू-टोने व बुरी नजऱ से बचाता है। जादू-टोने का कोई भी असर घर परिवार पर नहीं पड़ता है। ऐसे दें कुश को निमंत्रण कुश के पास जाएं और श्रद्धापूर्वक उससे प्रार्थना करें, कि हे कुश कल मैं किसी कारण से आआज मनाई जाएगी कुशोत्पाटिनी अमावस्या व्रत पको आमंत्रित नहीं कर पाया था जिसकी मैं क्षमा चाहता हूं। लेकिन आज आप मेरे निमंत्रण को स्वीकार करें और मेरे साथ मेरे घर चलें। फिर आपको ऊं ह्रूं फट् स्वाहा इस मं

अध्यात्म विचार : शनि प्रदोष व्रत का लाभ शनि प्रदोष व्रत पूजा कैसे करें...

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  अध्यात्म विचार : शनि प्रदोष व्रत का लाभ                        शनि प्रदोष व्रत पूजा कैसे करें... जनक्रांति कार्यालय से नागेन्द्र कुमार सिन्हा की अध्यात्म विचार                       जय जय जय शनिदेव महाराज की जय  अध्यात्म डेस्क, भारत ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 04 सितंबर,2021)। जनक्रांति अध्यात्म डेस्क पर अध्यात्मिक विचार से जानते है आज शनि प्रदोष व्रत है कब और कैसे मनाये और इससे क्या लाभ होता है।  शनिवार को प्रदोषकाल में त्रयोदशी तिथि हो तो उसे शनिप्रदोष कहा जाता है। पंचांग के अनुसार, प्रत्येक महिने की दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाता है। ये व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। इस बार 04 सितम्बर, शनिवार को शनि प्रदोष व्रत है। इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है। प्रदोष पर व्रत व पूजा कैसे करें और इस दिन क्या उपाय करने से आपका भाग्योदय हो सकता है, जानिए । ऐसे करें व्रत व पूजा प्रदोष व्रत के दिन सुबह स्नान करने के बाद भगवान शंकर, पार्वती और नंदी को पंचामृत व गंगाजल से स्नान कराएं।* इसके बाद बेल पत्र, गंध, चावल, फूल, धूप,

अध्यात्म विचार : एकादशी व्रत एकादशी वृद्धि तिथि

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  अध्यात्म विचार :          एकादशी व्रत                              एकादशी वृद्धि तिथि जनक्रांति कार्यालय से नागेन्द्र कुमार सिन्हा की रिपोर्ट अध्यात्म डेस्क, भारत ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 02 सितंबर, 2021)। जनक्रांति अध्यात्म डेस्क पर अध्यात्मिक विचार से जानते है आज एकादशी वृद्धि तिथि एकादशी व्रत है कब और कैसे मनाये और इससे क्या लाभ होता है। आज एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l विशेष - हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है l   राम रामेति रामेति । रमे रामे मनोरमे ।। सहस्त्र नाम त तुल्यं । राम नाम वरानने ।। एकादशी के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए। एकादशी को चावल व साबूदाना खाना वर्जित है । एकादशी को शिम्बी (सेम) ना खाएं अन्यथा पुत्र का नाश होता है। जो दोनों पक्षों की एकादशियों को आँवले के रस का प्रयोग कर स्नान करते हैं, उनके पाप नष्ट हो जाते हैं। अजा एकादशी 02 सितम्बर 2021 गुरुवार को सुबह 06:22 से 03 सितम्बर, शुक्रवार सुबह 07:44 तक एकादशी है । विशेष - 03 सितम्बर, शुक्रवार को एक

अध्यात्म विचार : एकादशी व्रत एकादशी व्रत का लाभ

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  अध्यात्म विचार :           एकादशी व्रत                              एकादशी व्रत का लाभ जनक्रांति कार्यालय से नागेन्द्र कुमार सिन्हा की अध्यात्म विचार                                           श्री सत्यनारायण  अध्यात्म डेस्क,भारत ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 01 सितंबर, 2021 ) । जनक्रांति अध्यात्म डेस्क पर अध्यात्मिक विचार से जानते है आज एकादशी व्रत कब और कैसे मनाये और इससे क्या लाभ होता है। एकादशी व्रत के लाभ.... 02 सितम्बर 2021 गुरुवार को सुबह 06:22 से 03 सितम्बर, शुक्रवार सुबह 07:44 तक एकादशी है । **विशेष - 03 सितम्बर, शुक्रवार को एकादशी का व्रत उपवास रखें । एकादशी व्रत के पुण्य के समान और कोई पुण्य नहीं है । जो पुण्य सूर्यग्रहण में दान से होता है, उससे कई गुना अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है । जो पुण्य गौ-दान सुवर्ण-दान, अश्वमेघ यज्ञ से होता है, उससे अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है । एकादशी करनेवालों के पितर नीच योनि से मुक्त होते हैं और अपने परिवारवालों पर प्रसन्नता बरसाते हैं । इसलिए यह व्रत करने वालों के घर में सुख-शांति बनी रहती है ।इसके साथ ही धन-

अध्यात्म विचार :                      आजका अध्यात्म विचार 

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  अध्यात्म विचार :                                   आजका अध्यात्म विचार  जनक्रांति कार्यालय रिपोर्ट अध्यात्म डेस्क/भारत ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 31 अगस्त, 2021 ) । जनक्रांति अध्यात्म डेस्क पर अध्यात्मिक विचार से जानते है आज रोजी रोजगार में बरकत लाने की सरल कुंजियों के साथ ही स्वास्थ्य आरोग्य विचार ग्रह दोष निवारण विचार बरकत लाने की सरल कुंजियाँ बाजार भाव अचानक बढ़ने-घटने से, मंदी की वजह से या अन्य कारणों से कईयों का धंधा बढ़ नहीं पाता । ऐसे में आपके काम-धंधे में भी बरकत का खयाल रखते हुए कुछ सरल उपाय प्रस्तुत कर रही है । 01. ईशान कोण में तुलसी का पौधा लगाने व पूजा- स्थान पर गंगाजल रखने से बरकत होती है । 02.दुकान में बिक्री कम होती हो तो कनेर का फूल घिस के उसका ललाट पर तिलक करके दुकान पर जायें तो ग्राहकी बढ़ेगी । 03.रोज भोजन से पूर्व गोग्रास निकालकर गाय को खिलाने से सुख-समृद्धि व मान-सम्मान की वृद्धि होती है । 04.ईमानदारी से व्यवहार करें । ईमानदारी से उपार्जित किया हुआ धन स्थायी रहता है । स्वास्थ्य प्रसाद – पूज्य बापूजी 01.कइयों को सिर में दर्द रहता है तो क्या करें.

अध्यात्म विचार : कृष्ण जन्माष्टमी पर्व विशेष कृष्ण जन्माष्टमी

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  अध्यात्म विचार : कृष्ण जन्माष्टमी पर्व विशेष                               कृष्ण जन्माष्टमी जनक्रांति कार्यालय से नागेंद्र कुमार सिन्हा                                                जय श्री कृष्णा अध्यात्म डेस्क/भारत ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 27 अगस्त, 2021 )। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अगर इस दिन भगवान श्रीकृष्ण को प्रसन्न करने के लिए विशेष उपाय किए जाएं तो माता लक्ष्मी भी प्रसन्न हो जाती हैं और भक्तों पर कृपा बरसाती हैं। ये उपाय करने से मनोकामना की पूर्ति व धन प्राप्ति के योग भी बन सकते हैं। ये हैं जन्माष्टमी के अचूक 12 उपाय, 1 भी करेंगे तो होगा फायदा 01.आमदनी नहीं बढ़ रही है या नौकरी में प्रमोशन नहीं हो रहा है तो जन्माष्टमी पर 7 कन्याओं को घर बुलाकर खीर या सफेद मिठाई खिलाएं। इसके बाद लगातार पांच शुक्रवार तक सात कन्याओं को खीर या सफेद मिठाई बांटें। 02.जन्माष्टमी से शुरु कर 27 दिन लगातार नारियल व बादाम किसी कृष्ण मंदिर में चढ़ाने से सभी इच्छाएं पूरी हो सकती है। 03.यदि पैसे की समस्या चल रही हो तो जन्माष्टमी पर सुबह स्नान आदि करने के बाद राधाकृष्ण मंदिर जाकर दर

अध्यात्म डेस्क.... सावन में शुक्रवार जीवन में.... सावन के महीने में जितना सोमवार का महत्व होता है उतना ही शुक्रवार का महत्व होता है : पंकज झा शास्त्री

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  अध्यात्म डेस्क.... सावन में शुक्रवार जीवन में.... सावन के महीने में जितना सोमवार का महत्व होता है उतना ही शुक्रवार का महत्व होता है : पंकज झा शास्त्री जनक्रांति कार्यालय रिपोर्ट         सावन में शुक्रवार जीवन में..✍️पंकज झा शास्त्री दरभंगा/मधुबनी,बिहार ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 06 जुलाई,2021) । सावन के महीने में जितना सोमवार का महत्व होता है उतना ही शुक्रवार का महत्व होता है, इस दिन अगर आप माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं तो देवी लक्ष्मी की कृपा आप पर सदैव बनी होने की प्रबलता होती है लेकिन सावन महीने में शुक्रवार के दिन अगर आप इलायची के ये टोटके चुपचाप अपनाते हैं तो आपकी लाभ मिलना संभव हो सकता है। -👍 शुक्रवार के दिन दुर्गा चालीसा का पाठ जरूर करना चाहिए। इस दिन घर में सुगंधित वातावरण बनाना चाहिए, इसके लिए घर में गुगूल और धूप जलाएं। -👍 इलायची या चंदन के पानी से स्नान करना चाहिए। स्नान के दौरान शुक्र देव के मंत्र ॐ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम: का जाप करना चाहिए। ऐसा करने से शुक्र ग्रह का दोष खत्म होता है। - 👍अगर आप दरिद्रता से परेशान हैं और उससे छुटकारा चाहते हैं

अध्यात्म विचार.... आजका शुभ विचार श्रावण मास में सूर्य पूजा

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  अध्यात्म विचार....                             आजका शुभ विचार                          श्रावण मास में सूर्य पूजा जनक्रांति कार्यालय से नागेंद्र कुमार सिन्हा की विचार अध्यात्म डेस्क/नई दिल्ली, भारत ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 29 जुलाई,2021 ) । 🌹 श्रावण मास में सूर्य पूजा 🌹 ✍️ भगवान शिव की भक्ति का महीना श्रावण (सावन) (उत्तर भारत हिन्दू पञ्चाङ्ग के अनुसार) से शुरू हो चुका है। (गुजरात एवं महाराष्ट्र के अनुसार अषाढ़ मास चल रहा है वहां 09 अगस्त, सोमवार से श्रावण (सावन) मास आरंभ होगा)। 👉शिवपुराण के अनुसार श्रावण मास के प्रत्येक रविवार को, हस्त नक्षत्र से युक्त सप्तमी तिथि को सूर्य भगवान की पूजा विशेष फलदायी होती है । श्रावण के रविवार को शिवपूजा पाप नाशक कही गयी है। अतः रविवार को सूर्य भगवान की पूजा जरूर करें। श्रावण में हस्त नक्षत्र से युक्त सप्तमी तिथि मिलना बहुत मुश्किल है। यह योग 26 जुलाई 2031 को बनेगा। 🌹अग्निपुराण के अनुसार🌹 " कृता हस्ते सूर्यवारं नतेन्नाब्दं स सर्वभाक " अर्थात हस्तनक्षत्रीकृत रविवार को एक वर्ष तक नक्तव्यत द्वारा मनुष्य सब कुछ पा लेता है

सावन माह विशेष : अध्यात्म विचार श्रावण मास शिव का मास..??

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  सावन माह विशेष : अध्यात्म विचार                 श्रावण मास शिव का मास..?? जनक्रांति अध्यात्मिक विचार                                 जय हो भोलेनाथ की जय हो अध्यात्म डेस्क/भारत ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 25 जुलाई,2021)। श्रावण मास 🌵 श्रावण हिन्दू धर्म का पञ्चम महीना है। श्रावण मास शिवजी को विशेष प्रिय है । भोलेनाथ ने स्वयं कहा है— द्वादशस्वपि मासेषु श्रावणो मेऽतिवल्लभ: । श्रवणार्हं यन्माहात्म्यं तेनासौ श्रवणो मत: ।। श्रवणर्क्षं पौर्णमास्यां ततोऽपि श्रावण: स्मृत:। यस्य श्रवणमात्रेण सिद्धिद: श्रावणोऽप्यत: ।। 👉 अर्थात मासों में श्रावण मुझे अत्यंत प्रिय है। इसका माहात्म्य सुनने योग्य है अतः इसे श्रावण कहा जाता है। इस मास में श्रवण नक्षत्र युक्त पूर्णिमा होती है इस कारण भी इसे श्रावण कहा जाता है। इसके माहात्म्य के श्रवण मात्र से यह सिद्धि प्रदान करने वाला है, इसलिए भी यह श्रावण संज्ञा वाला है। 🌵 श्रावण मास में शिवजी की पूजाकी जाती है । “अकाल मृत्यु हरणं सर्व व्याधि विनाशनम्” श्रावण मास में अकालमृत्यु दूर कर दीर्घायु की प्राप्ति के लिए तथा सभी व्याधियों को दूर क

गुरू पुर्णिमा विशेष: गुरुपूर्णिमा श्रद्धा के विकास का त्यौहार है..???

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  गुरू पुर्णिमा विशेष:  गुरुपूर्णिमा श्रद्धा के विकास का त्यौहार है..???  जनक्रांति कार्यालय से डॉ०केशव आचार्य गोस्वामी की रिपोर्ट  अध्यात्म डेस्क/मथुरा उत्तरप्रदेश ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 23/24 जुलाई,2021 ) ।  श्रद्धा का आरोपण करने के लिए ही यह गुरुपूर्णिमा का त्यौहार है। श्रद्धा से हमारे व्यक्तित्व का सही मायने में उदय होता है। मैं अन्धश्रद्धा की बात नहीं करता। उसने तो देश को नष्ट कर दिया। श्रद्धा अर्थात् आदर्शों के प्रति निष्ठा। जितने भी ऋषि, सन्त हुए हैं, उनमें श्रेष्ठता के प्रति अटूट निष्ठा देखी जा सकती है। जो कुछ भी आप हमारे अन्दर देखते हैं, श्रद्धा का ही चमत्कार है। आज से ५५ वर्ष पूर्व हमारे गुरु की सत्ता हमारे पूजाकक्ष में आई। हमने सिर झुकाया व कहा कि आप हुक्म दीजिए, हम पालन करेंगे। अनुशासन व श्रद्धा-गुरुपूर्णिमा इन दोनों का त्यौहार है। अनुशासन आदर्शों के प्रति। यह कहना कि जो आप कहेंगे वही करेंगे। श्रद्धा अर्थात् प्रत्यक्ष नुकसान दीखते हुए भी आस्था, विश्वास, आदर्शों को न खोना। श्रद्धा से ही सिद्धि आती है। हमें अपने आप पर घमण्ड नहीं है, पर विनम्रतापूर्वक

अध्यात्म विचार : आजका अध्यात्म शुभ विचार जीवन में गुरु का होना जरूरी हैं...

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  अध्यात्म विचार : आजका अध्यात्म शुभ विचार जीवन में गुरु का होना जरूरी हैं... जनक्रांति कार्यालय से नागेंद्र कुमार सिन्हा की विचार अध्यात्म डेस्क, भारत ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 23 जुलाई,2021 ) । हिंदू धर्म में आषाढ़ पूर्णिमा गुरु भक्ति को समर्पित गुरु पूर्णिमा का पवित्र दिन भी है। भारतीय सनातन संस्कृति में गुरु को सर्वोपरि माना है। वास्तव में यह दिन गुरु के रूप में ज्ञान की पूजा का है। गुरु का जीवन में उतना ही महत्व है, जितना माता-पिता का। माता-पिता के कारण इस संसार में हमारा अस्तित्व होता है। किंतु जन्म के बाद एक सद्गुरु ही व्यक्ति को ज्ञान और अनुशासन का ऐसा महत्व सिखाता है, जिससे व्यक्ति अपने सतकर्मों और सद्विचारों से जीवन के साथ-साथ मृत्यु के बाद भी अमर हो जाता है। यह अमरत्व गुरु ही दे सकता है। सद्गुरु ने ही भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम बना दिया, इसलिए गुरु पूर्णिमा को अनुशासन पर्व के रूप में भी मनाया जाता है।* इस प्रकार व्यक्ति के चरित्र और व्यक्तित्व का संपूर्ण विकास गुरु ही करता है। जिससे जीवन की कठिन राह को आसान हो जाती है। सार यह है कि गुरु शिष्य के बुर

अध्यात्म विचार डेस्क आजका अध्यात्म विचार अद्भुत विद्वता प्राप्त योग के क्या करें...??

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  अध्यात्म विचार डेस्क                  आजका अध्यात्म विचार       अद्भुत विद्वता प्राप्त योग के क्या करें...?? जनक्रांति कार्यालय से नागेन्द्र कुमार सिन्हा की विचार अध्यात्म डेस्क, भारत (जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 22 जुलाई, 2021)। अद्भूत विद्वत्ता प्राप्ति योग विद्यालाभ के लिए मंत्र..... ‘ॐ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं वाग्वादिनि सरस्वति मम जिव्हाग्रे वद वद ॐ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं नम: स्वाहा ।’ 👉यह मंत्र 23 जुलाई 2021 दोपहर 02:26 से रात्रि 11:45 बजे के वीच 108 बार जप लें और फिर मंत्रजप के बाद उसी दिन रात्रि 11 से 12 के बीच जीभ पर लाल चंदन से ‘ह्रीं’ मंत्र लिख दें । 😝जिसकी जीभ पर यह मंत्र इस विधि से लिखा जायेगा उसे विद्यालाभ व अदभुत विद्वत्ता की प्राप्ति होगी । गुरु का मानस-पूजन कैसे करें गुरु पूर्णिमा को 👉गुरुपुर्णिमा के दिन सुबह उठें । नहा-धोकर थोडा-बहुत धूप, प्राणायाम आदि करके श्रीगुरुगीता का पाठ कर लें । फिर इस प्रकार मानसिक पूजन करें 👉"मेरे गुरुदेव ! मन-ही-मन, मानसिक रूप से मैं आपको सप्ततीर्थों के जल से स्नान करा रहा हूँ । मेरे नाथ ! स्वच्छ वस्त्रों से आपका च