सावन माह विशेष : अध्यात्म विचार श्रावण मास शिव का मास..??

 सावन माह विशेष : अध्यात्म विचार

                श्रावण मास शिव का मास..??

जनक्रांति अध्यात्मिक विचार

                               जय हो भोलेनाथ की जय हो

अध्यात्म डेस्क/भारत ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 25 जुलाई,2021)।
श्रावण मास
🌵 श्रावण हिन्दू धर्म का पञ्चम महीना है। श्रावण मास शिवजी को विशेष प्रिय है । भोलेनाथ ने स्वयं कहा है—
द्वादशस्वपि मासेषु श्रावणो मेऽतिवल्लभ: ।
श्रवणार्हं यन्माहात्म्यं तेनासौ श्रवणो मत: ।।
श्रवणर्क्षं पौर्णमास्यां ततोऽपि श्रावण: स्मृत:।
यस्य श्रवणमात्रेण सिद्धिद: श्रावणोऽप्यत: ।।
👉 अर्थात मासों में श्रावण मुझे अत्यंत प्रिय है। इसका माहात्म्य सुनने योग्य है अतः इसे श्रावण कहा जाता है। इस मास में श्रवण नक्षत्र युक्त पूर्णिमा होती है इस कारण भी इसे श्रावण कहा जाता है। इसके माहात्म्य के श्रवण मात्र से यह सिद्धि प्रदान करने वाला है, इसलिए भी यह श्रावण संज्ञा वाला है।


🌵 श्रावण मास में शिवजी की पूजाकी जाती है । “अकाल मृत्यु हरणं सर्व व्याधि विनाशनम्” श्रावण मास में अकालमृत्यु दूर कर दीर्घायु की प्राप्ति के लिए तथा सभी व्याधियों को दूर करने के लिए विशेष पूजा की जाती है। मरकंडू ऋषि के पुत्र मारकण्डेय ने लंबी आयु के लिए श्रावण माह में ही घोर तप कर शिव की कृपा प्राप्त की थी, जिससे मिली मंत्र शक्तियों के सामने मृत्यु के देवता यमराज भी नतमस्तक हो गए थे।
👉 श्रावण मास में मनुष्य को नियमपूर्वक नक्त भोजन करना चाहिए ।
👉 श्रावण मास में सोमवार व्रत का अत्यधिक महत्व है..
🌹“स्वस्य यद्रोचतेऽत्यन्तं भोज्यं वा भोग्यमेव वा।
सङ्कल्पय द्विजवर्याय दत्वा मासे स्वयं त्यजेत् ।।”
🌹 श्रावण में सङ्कल्प लेकर अपनी सबसे प्रिय वस्तु (खाने का पदार्थ अथवा सुखोपभोग) का त्याग कर देना चाहिए  और उसको ब्राह्मणों को दान देना चाहिए।
🌹 “केवलं भूमिशायी तु कैलासे वा समाप्नुयात”
👉 श्रावण मास में भूमि पर शयन का विशेष महत्व है। ऐसा करने से मनुष्य कैलाश में निवास प्राप्त करता है।
👉 शिवपुराण के अनुसार श्रावण में घी का दान पुष्टिदायक है।


श्रावण सोमवार
🌵26 जुलाई 2021 को श्रावण मास का सोमवार है।
🌵भगवान शिव का पवित्र श्रावण (सावन) मास शुरू हो चुका है, (उत्तर भारत हिन्दू पञ्चाङ्ग के अनुसार) (गुजरात एवं महाराष्ट्र के अनुसार आषाढ़ मास चल रहा है वहां 09 अगस्त, सोमवार से श्रावण (सावन) मास आरंभ होगा) भारत में आज 25 जुलाई से सावन मास की शुरुआत है।
🌵भगवान शिव श्रावण सोमवार के बारे में कहते हैं ....
“मत्स्वरूपो यतो वारस्ततः सोम इति स्मृतः।
प्रदाता सर्वराज्यस्य श्रेष्ठश्चैव ततो हि सः।
समस्तराज्यफलदो वृतकर्तुर्यतो हि सः।।”
👉 अर्थात सोमवार मेरा ही स्वरूप है, अतः इसे सोम कहा गया है। इसीलिये यह समस्त राज्य का प्रदाता तथा श्रेष्ठ है। व्रत करने वाले को यह सम्पूर्ण  राज्य का फल देने वाला है।
🌵भगवान शिव यह भी आदेश देते हैं कि श्रावण में “सोमे मत्पूजा नक्तभोजनं” अर्थात सोमवार को मेरी पूजा और नक्तभोजन करना चाहिए।
🌵पूर्वकाल में सर्वप्रथम श्रीकृष्ण ने ही इस मंगलकारी सोमवार व्रत को किया था।
“कृष्णे नाचरितं पूर्वं सोमवारव्रतं शुभम्”
स्कन्दपुराण, ब्रह्मखण्ड में सूतजी कहते हैं,
शिवपूजा सदा लोके हेतुः स्वर्गापवर्गयोः ।।
सोमवारे विशेषेण प्रदोषादिगुणान्विते ।।
केवलेनापि ये कुर्युः सोमवारे शिवार्चनम् ।।
न तेषां विद्यते किंचिदिहामुत्र च दुर्लभम् ।।
उपोषितः शुचिर्भूत्वा सोमवारे जितेंद्रियः ।।
वैदिकैर्लौकिकैर्वापि विधिवत्पूजयेच्छिवम् ।।
ब्रह्मचारी गृहस्थो वा कन्या वापि सभर्त्तृका।।
विभर्तृका वा संपूज्य लभते वरमीप्सितम्।।
👉 प्रदोष आदि गुणों से युक्त सोमवार के दिन शिव पूजा का विशेष महात्म्य है। जो केवल सोमवार को भी भगवान शंकर की पूजा करते हैं, उनके लिए इहलोक और परलोक में कोई भी वस्तु दुर्लभ नहीं। सोमवार को उपवास करके पवित्र हो इंद्रियों को वश में रखते हुए वैदिक अथवा लौकिक मंत्रों से विधिपूर्वक भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए। ब्रह्मचारी, गृहस्थ, कन्या, सुहागिन स्त्री अथवा विधवा कोई भी क्यों न हो, भगवान शिव की पूजा करके मनोवांछित वर पाता है।
👉🏻 शिवपुराण, कोटिरुद्रसंहिता के अनुसार

🌹निशि यत्नेन कर्तव्यं भोजनं सोमवासरे ।
उभयोः पक्षयोर्विष्णो सर्वस्मिञ्छिव तत्परैः ।।
👉दोनों पक्षों में प्रत्येक सोमवार को प्रयत्नपूर्वक केवल रात में ही भोजन करना चाहिए। शिव के व्रत में तत्पर रहने वाले लोगों के लिए यह अनिवार्य नियम है।
🌹अष्टमी सोमवारे च कृष्णपक्षे चतुर्दशी।।
शिवतुष्टिकरं चैतन्नात्र कार्या विचारणा।।
🙏🏻सोमवार की अष्टमी तथा कृष्णपक्ष चतुर्दशी इन दो तिथियों को  व्रत रखा जाए तो वह भगवान शिव को संतुष्ट करने वाला होता है, इसमें अन्यथा विचार करने की आवश्यकता नहीं है।


जनक्रांति प्रधान कार्यालय से प्रकाशक/सम्पादक राजेश कुमार वर्मा द्वारा कार्यालय से नागेंद्र कुमार सिन्हा की संप्रेषित रिपोर्ट प्रकाशित व प्रसारित ।

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