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अदालतों में बदलते ब्यानों के खिलाफ 120बी,201, 182, 191, 193, 420, 499, 500, 506-आईपीसी के आरोपियों ने किया कानून से खिलवाड़ सीबीआई जांच जारी

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  अदालतों में बदलते ब्यानों के खिलाफ 120बी,201, 182, 191, 193, 420, 499, 500, 506-आईपीसी के आरोपियों ने किया कानून से खिलवाड़ सीबीआई जांच जारी अदालतों को धोखा देने वाले अधिवक्ता मैहर चंद प्रेमी ने एयरफोर्स से किस-कारणवश त्याग किया कब और कहाँ से डिग्री प्राप्त की जांच करने में दिल्ली पुलिस नाकामयाब मामला सीबीआई के हवाले जनक्रांति कार्यालय रिपोर्ट समाचार डेस्क/नई दिल्ली,भारत (जनक्रांति हिन्दी न्यूज़ बुलेटिन 16 अगस्त, 2021)। स्वतंत्रता सेनानी परिवार के सदस्य जगदीश सक्सेना ने प्रेस विद्यापति के माध्यम से कहा की उनकी हत्या करवाने की साजिशकर्ताओं में शामिल अदालतों में झूठी फर्जी याचिका दायर करवा झूठे फर्जी बदलते ब्यानों के बिहाफ पर स्वतंत्रता सेनानी परिजनों के जीवनकाल का अंत करवाने में बराबर के भागीदार कांग्रेसियों के चाटूकार अधिवक्ता मैहर चंद प्रेमी ने एयरफोर्स से किस-कारणवश त्याग किया । उन्होंने वकालत की डिग्री कहाँ से कैसे कब प्राप्त की उपरोक्त मामले की तह तक जाने के लिए दिल्ली पुलिस की नाकामयाबी आपसी मिलीभगत को देखते हुए मामला पहुंचा सीबीआई के डीएसपी प्रवीण कुमार के हवाले। जिन्हें बताय

बिहार में आज जिस तरह से भ्रष्टाचार अपने शिखर पर है और न्यायपालिका से लोगों का विश्वास उठता जा रहा है : ऋषि सिंह पटेल

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  बिहार में आज जिस तरह से भ्रष्टाचार अपने शिखर पर है और न्यायपालिका से लोगों का विश्वास उठता जा रहा है : ऋषि सिंह पटेल जनक्रांति कार्यालय से ब्यूरो चीफ अनील कुमार की रिपोर्ट                     जदयू प्रदेश प्रवक्ता ऋषि सिंह पटेल  खगड़िया, बिहार ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 09 जुन, 2021)। अखिल भारतीय कुर्मी क्षत्रिय महासभा बिहार सह जदयू प्रदेश प्रवक्ता ऋषि सिंह पटेल ने प्रेस वार्ता के दरम्यान कहा की बिहार में आज जिस तरह से भ्रष्टाचार अपने शिखर पर है । जिसके कारण आज न्यायपालिका से लोगों का विश्वास उठता जा रहा है । इसे बनाए रखने के लिए कॉलेजियम सिस्टम को हटाना बहुत ही जरूरी है । आंकड़ों के मुताबिक बात करें तो हर चार जज में से तीसरा जज एक दूसरे का रिश्तेदार होते हैं, जिसके कारण गरीब, दलित, अति पिछड़ा वर्ग के लोगों को यहां तक पहुंचने का मौका नहीं मिल रहा है । इसी लिए प्रधानमंत्री से विनम्र निवेदन किया है कि औपनिवेशिक काल की कॉलेजियम व्यवस्था को अविलंब समाप्त कर सभी के लिए उच्च न्यायालयों और उच्चतम न्यायालय का बंद दरवाजा खोल दें। कॉलेजियम व्यवस्था के तहत जज के वारिस ही जज बनते

न्याय के मंदिर न्यायालय कटघरे मेंं एक अकेली मजदूर लड़की की दर्दभरी दास्तां

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न्याय के मंदिर न्यायालय कटघरे मेंं..... एक अकेली मजदूर लड़की की दर्दभरी दास्तां                                न्याय कटघरे में  समस्तीपुर कार्यालय  समस्तीपुर, बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 16 जुलाई,2020 ) । जिसकी शादी नहीं हुई थी, पर सौतेली मां और बाप के घर से निकाल आयी। उसके परिचित ने ही उसे गुंडों के हाथ मे सौंप दिया। चार गुंडों ने उससे सामूहिक बलात्कार किया। फिर कई दिनों तक  पुलिस मौखिक बलात्कार करती रही। उसका चरित्र हनन करने के लिए अखबारों में उसका पूरा परिचय छपा दिया गया। उसने अपराधियों से समझौता करने और शादी तक करने से मना कर दिया। अंत मे जब न्यायालय में भी उसके साथ अन्याय हुआ तो वह तन गई। भले ही उसे और उसके मददगारों को जेल जाना पड़ा, पर उसने अपनी बहादुरी साबित कर दी।        10 जुलाई 2020 को उसे अररिया (बिहार) के न्यायालय में धारा 164 के अंतर्गत अपना बयान लिखवाने के लिए पेश किया गया। न्यायिक पदाधिकारी महिला नहीं पुरुष थे। उसके किसी मददगार को वहां मौजूद नहीं रहने दिया गया, जबकि अपराधियों मे से एक कोर्ट कैम्पस मे पहले से घूम रहा था। चार घंटे तक बयान लिखा जाता रहा।