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लाल साहेब को सुभाषवादी समाजवादी पार्टी द्वारा झारखंड के प्रदेश अध्यक्ष किया गया मनोनीत

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  लाल साहेब को सुभाषवादी समाजवादी पार्टी द्वारा झारखंड के प्रदेश अध्यक्ष किया गया मनोनीत जनक्रांति कार्यालय रिपोर्ट बोकारो,झारखण्ड ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन 22 सितंबर,2021 )। नेताजी सुभाष चंद्र बोस बोस जी के विचारधारा को लेकर चलने वाली सुभाषवादी समाजवादी पार्टी ने अपने संगठन विस्तार के अंतर्गत झारखण्ड में भी अपनी वज़ूद को स्थापित करने हेतु राँची के अरविंद कुमार लाल उर्फ लाल साहेब को प्रदेश की कमान सौंपी है ताकि पार्टी को राज्य के सभी जिलों में पहुंचाकर और बुनियादी तौर पर मजबूती प्रदान कर आगामी प्रदेश के विधानसभा चुनाव में राज्य की स्थितियों में कायाकल्प हेतु अपनी उपस्थिति दर्ज कर सके। इस संबंध में पार्टी की ओर से राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक श्रीवास्तव, गाजियाबाद की ओर से पार्टी के लेटर पैड पर एक पत्र जारी की गयी जिसमें प्रदेश की बागडोर सम्भालने हेतु उन्हें शुभकामनाओं के साथ जिम्मेदारी दी गई। विदित हो कि लाल साहेब अखिल भारतीय कायस्थ महासभा में झारखण्ड के प्रदेश संगठन मंत्री भी हैं जिनकी भागीदारी समाज सशक्तिकरण के साथ प्रदेश सशक्तीकरण में बनी रहती है और इनके मनोनयन से इनके मित्रो

बदलाव से समाधान की यात्रा में मूल तत्व कहीं खो न जाये : अजीत सिन्हा

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  ब दलाव से समाधान की यात्रा में मूल तत्व कहीं खो न जाये : अजीत सिन्हा जनक्रान्ति कार्यालय रिपोर्ट  प्रस्तावित नेताजी सुभाष पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक सह प्रवक्ता अजीत सिन्हा राँची,झारखण्ड ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 12 मार्च, 2021) । प्रस्तावित नेताजी सुभाष पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक सह प्रवक्ता अजीत सिन्हा ने आज प्रेस विज्ञप्ति जारी कर देश के राज्यों में होने वाले चुनाव के संबंध में संबंधित राज्यों के वोटरों को सावधान करते हुए कहा कि राष्ट्र में समय - समय पर परिवर्तन की लहर चल पडती है जो कि अच्छा है क्योंकि आम जनमानस के पास इसके सिवा कोई दूसरा विकल्प नहीं होता है लेकिन परिवर्तन की इस लहर में पार्टियों की गुडबिल और क्रेडिबीलिटी को नापने के साथ-साथ आपको यह भी देखनी होगी कि उनका चरित्र और चाल - चलन कैसा है..? अर्थात्‌ क्या वे अपने अपने वादे पर खड़े उतरते या उतरे हैं और यह खासकर पुरानी पार्टियों के सम्बंध में गौर करने की जरूरत है क्योंकि आजकल अधिकतर पार्टियाँ कहती कुछ और है और करती कुछ है।  इसलिये मेरी समझ से पार्टियों के साथ-साथ उनके उम्मीदवार पर ज्यादा गौर करने की ज

योग के प्रतीक शिव सनातन धर्म के मूलाधारों में से एक : अजीत सिन्हा

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  योग के प्रतीक शिव सनातन धर्म के मूलाधारों में से एक : अजीत सिन्हा प्रस्तावित नेताजी सुभाष पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक सह प्रवक्ता अजीत सिन्हा जनक्रान्ति कार्यालय रिपोर्ट  रांची, झारखंड ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 11 मार्च, 2021 ) ।  प्रस्तावित नेताजी सुभाष पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक सह प्रवक्ता अजीत सिन्हा ने स्वयं से जुड़ी सभी संगठनों जैसे राष्ट्रीय अमन महासंघ, नेताजी सुभाष सेना, अमन हिंद फौज, सत्य सनातन रक्षा सेना, राष्ट्रीय सनातन वाहिनी, निष्पक्ष मीडिया फाउंडेशन, लाल बहादुर शास्त्री जन कल्याण केंद्र, अमर तनाव साप्ताहिक समाचार पत्र, किसान मजदूर भावना दैनिक समाचार पत्र, कायस्था फाउंडेशन इत्यादि की ओर से अपने मित्रों सहित राष्ट्रवासियों को "महाशिवरात्रि" के पावन अवसर पर संगठनों से जुड़े तमाम साथियों की ओर से हृदय से बधाई देते हुये प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कहा कि योग के प्रतीक शिव सनातन धर्म के मूलाधारों में से एक हैं और इनकी भक्ति में ही शक्ति है और ये शीघ्र प्रसन्न होने वाले त्रिदेवों में से एक हैं। आगे उन्होंने कहा कि यौगिक क्रिया उत्तम स्वास्

सत्ता में बने रहने के लिए भाजपा - ज़द (यू) की जोड़ी मुस्लिम तुष्टीकरण की राह पर - अजीत सिन्हा

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  सत्ता में बने रहने के लिए भाजपा - ज़द (यू) की जोड़ी मुस्लिम तुष्टीकरण की राह पर - अजीत सिन्हा जनक्रान्ति कार्यालय रिपोर्ट  प्रस्तावित नेताजी सुभाष पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक सह प्रवक्ता अजीत सिन्हा राँची/झारखंड ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 03 मार्च, 2021)। प्रस्तावित नेताजी सुभाष पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक सह प्रवक्ता अजीत सिन्हा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि कहां तो कहा जाता था कि भाजपा अपने सिद्धांतों से सत्ता में बने रहने के लिए समझौता नहीं करती है लेकिन देखा जा रहा है कि बिहार में भाजपा - ज़द (यू) की जोड़ी सत्ता में बने रहने के लिए कॉंग्रेस की तरह मुस्लिम तुष्टीकरण की नीति की राह पर चल पड़ी है और इसका जीता - जागता उदाहरण मुझे उस समाचार को पाकर आश्चर्य हुई कि बिहार सरकार ने अपने राज्य की 1057 मस्जिदों में नमाज पढ़ाने वाले मौलवियों को 15 हजार प्रतिमाह की मानदेय फिक्स की है और अज़ान देने वाले मौलवियों को प्रतिमाह 10 हज़ार रुपये प्रतिमाह की मानदेय फिक्स की है। यह ठीक है कि भारतीय संविधान के अंतर्गत देश के नागरिकों को सुविधाएं देने का अधिकार सत्तासीन सरक