सत्ता में बने रहने के लिए भाजपा - ज़द (यू) की जोड़ी मुस्लिम तुष्टीकरण की राह पर - अजीत सिन्हा

 सत्ता में बने रहने के लिए भाजपा - ज़द (यू) की जोड़ी मुस्लिम तुष्टीकरण की राह पर - अजीत सिन्हा

जनक्रान्ति कार्यालय रिपोर्ट 

प्रस्तावित नेताजी सुभाष पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक सह प्रवक्ता अजीत सिन्हा

राँची/झारखंड ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 03 मार्च, 2021)। प्रस्तावित नेताजी सुभाष पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक सह प्रवक्ता अजीत सिन्हा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि कहां तो कहा जाता था कि भाजपा अपने सिद्धांतों से सत्ता में बने रहने के लिए समझौता नहीं करती है लेकिन देखा जा रहा है कि बिहार में भाजपा - ज़द (यू) की जोड़ी सत्ता में बने रहने के लिए कॉंग्रेस की तरह मुस्लिम तुष्टीकरण की नीति की राह पर चल पड़ी है और इसका जीता - जागता उदाहरण मुझे उस समाचार को पाकर आश्चर्य हुई कि बिहार सरकार ने अपने राज्य की 1057 मस्जिदों में नमाज पढ़ाने वाले मौलवियों को 15 हजार प्रतिमाह की मानदेय फिक्स की है और अज़ान देने वाले मौलवियों को प्रतिमाह 10 हज़ार रुपये प्रतिमाह की मानदेय फिक्स की है।

यह ठीक है कि भारतीय संविधान के अंतर्गत देश के नागरिकों को सुविधाएं देने का अधिकार सत्तासीन सरकार को है लेकिन कोई इसके लिये अपने सिद्धांतों से समझौता कर अपनी हिंदूवादी नीतियों से अलग हटकर यदि कोई तुष्टीकरण की नीतिकरण पर चल पड़े तो देश की अन्य राष्ट्र भक्त शक्तियों को आश्चर्य होना लाजमी है और इससे दोनों पार्टियों की चेहरा स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है जो सत्ता में बने रहने के अपनी समझौतावादी नीति को लागू कर रहे हैं जो कि किसी भी मायने में उचित नहीं है और यदि सचमुच में भाजपा का हृदय परिवर्तन हो गया है तो उन्हें सार्वजनिक रूप से स्वीकार करनी पड़ेगी क्योंकि एक ओर वोटों की ध्रुवीकरण हेतु हिंदूवादी चेहरा का मुखौटा और दूसरी ओर मुस्लिम तुष्टीकरण की नीति एक साथ कदापि नहीं चल सकती हैं क्योंकि अब भारत की जनता इतनी बेवकूफ़ नहीं जो ऐसे दलों की राजनीति को नहीं समझेगी और उन पर अपना वोट न्यौछावर करती रहेगी, ऐसा अजीत सिन्हा ने इस प्रकरण पर अपनी अभिव्यक्ति प्रकट की । उपरोक्त जानकारी प्रेस कार्यालय को वाट्सएप माध्यम से ग्रुप में दिया गया ।

जनक्रान्ति्पप्रधान कार्यालय से प्रकाशक/सम्पादक राजेश कुमार वर्मा द्वारा समस्तीपुर कार्यालय से प्रकाशित व प्रसारित ।

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