महज सोलह दिनों में छह रेल सिग्नल-कर्मचारी कार्य करते हुए हो गए रन-ओवर


 
महज सोलह दिनों में छह रेल सिग्नल-कर्मचारी कार्य करते हुए हो गए रन-ओवर 

ईस्ट सेंट्रल रेलवे इम्प्लाइज यूनियन के जोनल जॉइंट सेक्रेटरी के द्वारा रेलवे बोर्ड चेयरमैन को भेजा गया त्राहिमाम पत्र

जनक्रांति कार्यालय रिपोर्ट


ईस्ट सेंट्रल रेलवे इम्प्लाइज यूनियन के जोनल जॉइंट सेक्रेट्री श्री रतनेश वर्मा ने रेलवे बोर्ड चेयरमैन श्रीमति जया वर्मा के पास पांच सूत्री मांग पत्र भेजकर माँग की

समस्तीपुर, बिहार ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 18 फरवरी, 2024)। इस वर्ष 2024 में दिनांक-22 जनवरी  से 06  फरवरी तक कुल सोलह दिनों में ही पूरे भारतीय रेल में छह (06) सिग्नल स्टाफ कार्य करते हुए ट्रेन से कटकर रन-ओवर हो गए। सिग्नल-कर्मचारियों पर काम का बोझ, आठ घंटे ड्यूटी रोस्टर लागू न होना,नीन्द में काम करना, अधिकारियों द्वारा चार्ज- शीट,सस्पेंशन का डर आदि से कर्मचारी अपने ड्यूटी के प्रति इतना व्यस्त हो जाते हैं कि सतर्कता पर ध्यान नहीं दे पाते और रण ओवर की घटनाएं हो जाती है। 


यदि रेलवे में सिग्नल- कर्मचारी का पर्याप्त संख्या होता तो एक व्यक्ति को सतर्कता पर लगाया जा सकता था। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है।

दिनांक:-06/02/2024 को पूर्व मध्य रेलवे , डी०डी०यू० मण्डल के पुसौली स्टेशन पर डाऊन लाईन से आ रही दुरंतो एक्सप्रेस से सिग्नल कर्मचारी हरदेव चौहान व सुधांशु प्रजापति जो पुसौली स्टेशन पर क्रमशः सहायक व तकनिशियन-1 के पद पर कार्यरत थे कार्य के दौरान रण ओवर का शिकार हो गए।इससे पूर्व दिनांक:- 27/01/2024 को उत्तर मध्य रेलवे ,आगरा मंडल के रणधी स्टेशन के एम०सी०एम०(सिग्नल) संजय कुमार सिन्हा , शोलका यार्ड में कार्य करते हुए मालगाड़ी से रन-ओवर हो गए।दिनांक:-22/01/2024 को पश्चिम रेलवे , मुम्बई सेंट्रल मंडल के बसई-रोड स्टेशन पर कार्य करते हुए एक साथ तीन सिग्नल स्टाफ बासु मित्रा , सीनियर सेक्शन इंजीनियर(सिग्नल) , सोमनाथ उत्तम लाम्बुत्रे ,सिग्नल- तकनीशियन और सचिन बानखेड़े,सिग्नल सहायक रात्रि में ट्रेन न०-VR-90910 UP/LL से रन-ओवर हो गए। इन रन-ओवर की घटनाओं से भारतीय रेल के सिग्नल एवम टेलीकॉम कैडर में रोष एवम आक्रोश ब्याप्त है, क्योंकि सिग्नलकर्मी से आठ घण्टा ड्यूटी करवा लेने के बाद भी बिश्राम भंग करके नींद से जगाकर फेलियर ठीक करवाया एवम संरक्षा कार्य करवाया जाता है।




*ईस्ट सेंट्रल रेलवे इम्प्लाइज यूनियन के जोनल जॉइंट सेक्रेट्री श्री रतनेश वर्मा ने रेलवे बोर्ड चेयरमैन श्रीमति जया वर्मा के पास पत्र भेजकर माँग की है,कि---*
(1)रेलवे बोर्ड के निर्देश संख्या-2015/CE-II/TK/14 , दिनांक:-14/03/2022 के अनुसार ट्रेक क्षेत्र में कार्य करनेवाले सभी *सिग्नल एवम टेलीकॉम स्टाफ को अविलंब "जीवन रक्षक यंत्र" उपलब्ध कराया जाए*, साथ ही रिस्क एवम हार्डशीप भत्ता जारी किया जाए।
(2)सभी दर्दनाक रन-ओवर हादसों की *निष्पक्ष जांच सी०बी०आई० से कराई जाए।*


(3)सभी स्टेशनों पर एस०एंड टी० कर्मियों को *आठ घण्टा ड्यूटी-रोस्टर दिया जाए एवम उन्हें विश्राम भंग करके नीन्द अवस्था मे नहीं बुलाया जाए* ।फेलियर के लिए सभी सेक्शन में *नाइट फेलियर गैंग दिया जाए।*
(4)एस०एंड टी०कर्मियों को चार्जशीट आदि का भय दिखाकर दबाव बनाना बन्द किया जाए । *फेलियर के लिए कोई भी चार्जशीट नही दिया जाए*
(5)सभी रन-ओवर हुए कर्मी के *परिवार को पचास लाख रुपया मुआवजा दिया जाए।*
*रेलवे में निम्न कारणों से सिग्नल स्टाफ लगातार
रणओवर हो रहे हैं।*
निर्देश है कि बड़े स्टेशनों पर सिग्नल बिभाग में नाईट फेलियर गैंग रहेगा जो रात्रि में होनेवाले किसी भी स्टेशन के विफलता को पहुंचकर ठीक करेगा , परंतु कहीं भी नाईट फेलियर गैंग नहीं है , एवम दिन में ड्यूटी करनेवाले कर्मचारी हीं रात में भी फेलियर अटेंड करते रहते है , जिससे संरक्षा भी प्रभावित हो रही है।
किसी भी स्टेशन पर सिग्नल बिभाग में आठ घण्टा ड्यूटी रोस्टर नहीं दिया गया है , एवम कर्मचारियों से चौबीसों घण्टे बंधुआ मजदूर के तरह  काम कराया जाता है।सिग्नल इंजिनीयरिंग मैनुअल भाग-2 के पैरा न० 11:9 में प्रत्येक कर्मचारी को ड्यूटी रोस्टर उपलब्ध कराने की बात लिखी गयी है, जिसका कहीं भी अनुपालन नहीं हो रहा है। रेलवे बोर्ड के निर्देश के बावजूद लाईन में काम करने वाले कर्मचारियों को जीवन रक्षक यंत्र नहीं उपलब्ध कराई जा रही है।



मृत रेलकर्मी , स्थानांतरित रेलकर्मी और सेवानिवृत रेलकर्मी के जगह पर नई बहाली नहीं हो रही है, जिससे चार-पांच लोंगो का काम अकेला एक आदमी पर आ गया है।
अधिकारी एवं सुपरवाइज़र के द्वारा अधीनस्थ कर्मचारी हो येन केन प्रकारेण प्रताड़ित किया जाता है, जैसे छुट्टी नहीं देना रेस्ट नहीं देना । हमेशा चार्जशीट और सस्पेंशन का भय दिखाते रहना , जिसके कारण सिग्नल विभाग के कर्मचारी हमेशा ही डिप्रेशन में रहते हैं , जिससे उनकी रन-ओवर से मृत्यु की घटना बढ़ रही है ।
सिग्नल बिभाग के *सुपरवाइजर स्वयं कोई कार्य नहीं करते है , एवम अपना काम भी कर्मचारी से ही करवाते है , जिससे कर्मचारी दोनों काम के बोझ से हमेशा दबा रहता है एवं उसकी मौत हो जा रही है।*
कार्य अथवा फेलियर ठीक करने के समय *मोबाइल पर सिग्नल- कंट्रोल का एवम अन्य उच्चाधिकारी लोंगों का कॉल आते रहना भी रण-ओवर का एक कारण है।*



ईस्ट सेंट्रल रेलवे इम्प्लाईज यूनियन , हाजीपुर जोन द्वारा प्रेषित--* । जनक्रांति प्रधान कार्यालय से प्रकाशक/सम्पादक राजेश कुमार वर्मा द्वारा प्रकाशित व प्रसारित ।

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