हाउसिंग सोसाइटीज के एकल या अविवाहित किरायेदारों को किराए पर लेने पर रोक
हाउसिंग सोसाइटीज के एकल या अविवाहित किरायेदारों को किराए पर लेने पर रोक जनक्रांति कार्यालय से संजय पांडे अधिवक्ता, उच्च न्यायालय, बॉम्बे की रिपोर्ट क्या हाउसिंग सोसायटी अविवाहित लोगों को घर किराए पर लेने से रोक सकता है..?: संजय पांडे समाचार डेस्क/भारत ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 22 अगस्त, 2022) । कई मकान मालिकों का कुंवारे या अकेले रह रहे लोगों को घर किराये पर देने का अनुभव अच्छा होता है । साथ ही, कुंवारे लोगों को किराए पर लेना फ्लैट मालिक के लिए अधिक फायदेमंद होता है क्योंकि वे आपस में खर्चों को विभाजित करके अधिक भुगतान करने को तैयार होते हैं। लेकिन शहरों में हाउसिंग सोसाइटी अक्सर यह नियम बनाती है कि कोई भी मकान मालिक किसी अविवाहित पुरुष या महिला को - 'बॅचलर्स का बुरा अनुभव है, लड़कियों या लड़कों को लाना, शराब पीना, देर रात पार्टी करना या सुरक्षा गार्डों से बहस करना, अपराधी हो सकते हैं, आदि बहानों से उन्हें घर किराए पर देने से रोका जाता है । फ्लैट मालिकों की भी आमतौर पर यह धारणा होती है कि अगर कोई परिवार फ्लैट में रहता है, तो वे फ्लैट की बेहतर देखभाल करेंगे।