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Showing posts with the label #02 जून रोटी की त्रासदी

किसानों ने किया जिलाधिकारी से किसान फसल क्षति मुवावजा देने की मांग

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  किसानों ने किया जिलाधिकारी से किसान फसल क्षति मुवावजा देने की मांग जनक्रान्ति कार्यालय रिपोर्ट  बहेड़ी/दरभंगा, बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 29 अगस्त,2020 )। राजद पंचायती राज के प्रदेश उपाध्यक्ष भाग्य नारायण यादव समेत सैकड़ों किसानो ने जिलाधिकारी डॉ एस एम त्याग राजन को किसानों को फसल क्षति मुआवजा भुगतान करने के लिए आवेदन सौपा है । श्री यादव ने आरोप लगाया है कि बहेरी प्रखंड के अटहर उत्तरी और अटहर दक्षिणी पंचायत का फसल क्षति मुआवजा जिला कृषि पदाधिकारी और बहेरी प्रखंड विकास पदाधिकारी किसानो को भुगतान नही कर रहे हैं । वहीं वर्ष 2018 - 19 मेंं ओलावृष्टी से 90% रबी फसल का नुकसान हुआ था जिस भुगतान से हम किसानो को अभी तक वंचित रखा गया है, बार बार कहने के बाद भी हर बार एक सप्ताह मे भुगतान हो जाने का आश्वासन देते रहे लेकिन भुगतान नही किये है। उन्होने आवेदन मे लिखा है कि जिलाधिकारी  पे हमलोग को पूर्णतः विश्वास है कि हम किसानो को भुगतान वो अविलंब करवाने का काम करेंगे।इस  अवसर पर पुर्व मुखिया रामचन्द्र यादव,पैक्स अध्यक्ष गणेश यादव, पूर्व जिप सदस्य सह राजद नेता बीरेन्द्र कु

"कोरोना काल में कैसे माना रहे है विश्व आदिवासी दिवस" : कवि विक्रम क्रांतिकारी

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"कोरोना काल में कैसे माना रहे है विश्व आदिवासी   दिवस" : कवि विक्रम क्रांतिकारी  पूरी दुनिया में 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। इसके लिए आदिवासी समाज में बहुत पहले से ही अपनी तैयारियां शुरू कर देते हैं,  भारत में रहने वाला हर व्यक्ति आदिवासी है दोस्तों , लेकिन विकासक्रम में भारतीय वनों में रहने वाले आदिवासियों ने अपनी शुद्धता बनाए रखें और वे जंगलों के वातावरण में खुले में ही रहते आए  हैं ,तो उनकी शारीरिक संवरचना , रंग रूप, परंपरा और रीति-रिवाज में कोई खास बदलाव नहीं हुआ है : कवि विक्रम क्रांतिकारी (विक्रम चौरसिया - चिंतक /पत्रकार/ आईएएस मेंटर /दिल्ली विश्विद्यालय - अध्येता  अपने भारत में लगभग 461 जनजातियां है। देखा जाए तो इन सभी आदिवासियों का धर्म हिंदू ही है, लेकिन धर्मांतरण के चलते अब यह ईसाई ,मुस्लिम और बौद्ध हो गए। पूरी दुनिया में 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। इसके लिए आदिवासी समाज में बहुत पहले से ही अपनी तैयारियां शुरू कर देते हैं,  ✍️ Jankranti office Report हालांकि इस वर्ष वैश्विक महामारी क

"खाद्यान्न से भरा गोदाम और भुखमरी का दाग " बोलो जय सिया राम !!!

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"खाद्यान्न से भरा गोदाम और भुखमरी का दाग " बोलो जय सिया राम !!!                                                                                      कवि विक्रम क्रांतिकारी  "खाद्यान्न से भरा गोदाम और भुखमरी का दाग " बोलो जय सिया राम !! जिस देश का एक पावं तरक्की के चांद पर पहुंचने को आतुर है, वही दूसरा पांव  गरीबी के दलदल में गहरे फंसा हो तो इसके लिए गरीबी विषय पर ही शोध  के लिए दिया जाने वाला नोबेल पुरस्कार विशेष मायने रखता है।  कोविड़ 19 से उपजी वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया के लगभग आधी आबादी गरीबी काल  में पहुंच जाएगी  पिछले वर्ष में ही हमारे देश में खाद्यान्न भंडारण फटने की हद तक भरे पड़े हुए थे। ऐसे में भी हमने देखा कि 2019 के लिए जारी किए गए वैश्विक भुखमरी सूचकांक सूची में हमारा भारत 117 देशों में 102 में स्थान पर था जो कि हैरानी वाली बात है।  जनक्रान्ति कार्यालय रिपोर्ट "दोस्तों मेरे बात को याद रखना गरीबी से मुक्ति पाना भी गुलामी से मुक्ति पाने जितना महत्वपूर्ण ही है " : कवि विक्रम क्रांतिकारी ( विक्रम चौ

"जब हमारे अन्नदाता ही नहीं होंगे तो हम खाएंगे क्या ??" : कवि विक्रम क्रांतिकारी

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"जब हमारे अन्नदाता ही नहीं होंगे तो हम खाएंगे क्या ??" : कवि विक्रम क्रांतिकारी  हाल ही में जो सभी का पेट भरते है हमारे किसान उनकी हत्या बिहार के कटिहार जिले में कर दी गई । आखिर दोस्तों कब थमेगी हमारे अन्नदाता पर ज़ुल्म : कवि विक्रम क्रांतिकारी (चिंतक/पत्रकार / आईएएस मेंटर/अध्येता दिल्ली विश्वविद्यालय - अध्येता  समस्तीपुर कार्यालय रिपोर्ट  आप भी जानते हैं कि देश में हरित क्रांति के जनक प्रोफेसर एम.एस.स्वामीनाथन की अध्यक्षता में 18 नवंबर 2004 को राष्ट्रीय किसान आयोग का गठन किया गया था।  हमारे अन्नदाता उनके लागत का उचित मूल्य और अत्यधिक कर्ज होने व फसल बर्बाद हो जाने के कारण आए दिन खुदकुशी जैसे कदम उठाने को मजबूर होते हैं ,तो वही दूसरी तरफ हमारे अन्नदाता का इस प्रकार से खुलेआम हत्या आखिर क्यों नहीं सरकार हमारे किसानों के लिए सुरक्षा कानून बनाती है...? कोविड 19 जैसी वैश्विक महामारी के कारण गिरती अर्थव्यवस्था को भी हमारे कृषक वर्ग ही पटरी पर लाएंगे। ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इकनोमिक कोऑपरेशन एंड डेवलपमेंट और इसके साथ ही इंडियन काउंसिल फॉर रिसर्च ऑन इंटरनेशनल इकोनामिक रिलेशं

विरनामा तुला पंचायत के वार्ड 01 में बसे बंजारा परिवार के लोगों के लिए भाकपा माले प्रखंड सचिव द्वारा सहायता मांग किऐ जाने पर जिला प्रशासन ने खाद्य सामग्री गेहूं, चावल चना का कराया वितरण

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विरनामा तुला पंचायत के वार्ड 01 में बसे बंजारा परिवार के लोगों के लिए भाकपा माले प्रखंड सचिव द्वारा सहायता मांग किऐ जाने पर जिला प्रशासन ने खाद्य सामग्री गेहूं, चावल चना का कराया वितरण   समस्तीपुर कार्यालय  बंजारा परिवार के बीच ग्राम पंचायत द्वारा मुफ्त राशन वितरण किया गया समस्तीपुर कार्यालय रिपोर्ट  उजियारपुर/समस्तीपुर, बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 17 जुलाई,2020 ) । विरनामा तुला पंचायत के वार्ड 01 में बसे बंजारा परिवार के लोगों के लिए भाकपा माले प्रखंड सचिव द्वारा सहायता मांग किऐ जाने पर जिला प्रशासन ने खाद्य सामग्री गेहूं, चावल चना का कराया वितरण  । मिली जानकारी के अनुसार बताया जाता है कि उजियारपुर प्रखंड पंचायत के विरनामा तुला वार्ड नं 01 में करीब 15 वर्षों से बसे बंजारा के 28 परिवार के कुल 145 लोग इस कोरोना काल में भूखमरी के कगार पर पहुँच चुके थे। इस समस्या से सभी अधिकारियों को भाकपा माले प्रखंड सचिव सह जिला परिषद सामाजिक न्याय समिति के सदस्य महावीर पोद्दार ने अवगत कराया था ।जिला समाहर्ता ने सन्ज्ञान लेते हुए अविलंब राहत और सुविधाएं उपलब्ध कराने का आदेश

"चुनाव , सत्ता और माफिया लूट के लोकतंत्र का सच है भूख और गरीबी" : कवि विक्रम क्रांतिकारी

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"चुनाव , सत्ता और माफिया लूट के लोकतंत्र का सच है भूख और गरीबी" : कवि विक्रम क्रांतिकारी कोविड 19 से उपजी वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से दुनिया के लगभग सभी लोग त्राहिमाम है : कवि विक्रम क्रांतिकारी (विक्रम चौरसिया -अंतरराष्ट्रीय चिंतक) दिल्ली विश्वविद्यालय/आईएएस अध्येता/मेंटर  जब देश में लॉकडाउन लगाया गया था तो हमारे प्रवासी मजदूर जो कभी रोटी के लिए अपना घर छोड़कर दूसरे राज्यों और महानगरों में गए थे लोकतंत्र का मतलब चुनाव है बोले तो फिर गरीबी का मतलब चुनावी वादा ही होगा । जिस प्रकार से कानपुर के कुख्यात अपराधी विकास दुबे जोकि पिछले दिनों हमारे 8 पुलिसकर्मियों को भी मार डाला था ।  @ समस्तीपुर कार्यालय   जब सभी राजनैतिक पार्टियों को लगा कि अब उनका राज खुलने वाला है तो विकास दुबे को मुठभेड़ में मार दिया गया । क्या यही लोक कल्याणकारी राज्य है.. ? अगर लोकतंत्र का मतलब सत्ता की लूट है, माफिया पैदा करना है तो फिर नागरिकों के पेट का निवाला छीन कर लोकतंत्र के रईस होने का राग होगा ही और अपने देश में गरीबी और अमीरी का भेदभाव होगा ही।  नई दिल्ली,भारत ( जनक्रान्ति हिन्दी न

कोरोना महामारी लॉकडाउन से उत्पन्न हुई गांवों में भुखमरी की स्थिति से बंजारा परिवार के 200 से उपर है आहत

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कोरोना महामारी लॉकडाउन से उत्पन्न हुई गांवों में भुखमरी की स्थिति से बंजारा परिवार के 200 से उपर है आहत   समस्तीपुर कार्यालय                               बंजारा परिवार के भूखे प्यासे बच्चे सरकारी प्रमाण पत्र के अभाव में जिल्लत की जिन्दगी जीने को विवश है : महावीर पोद्दार समस्तीपुर, बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 12 जुलाई,2020 ) । कोरोना महामारी लॉकडाउन से उत्पन्न हुई गांवों में भुखमरी की स्थिति से 200 से उपर परिवार है आहत । बताया जाता है कि  उजियारपुर प्रखंड के विरनामा तुला अन्तर्गत सुपौल गाँव के वार्ड नं 01 में करीब पचास वनजारा परिवार के करीब 200 लोग कोरोना काल में भूखमरी के कगार पर पहुँच चुके हैं। लाॅक डाउन और कोरोना वायरस के कारण इनके परम्परागत जीविका के साधन बन्द है। भाकपा माले प्रखंड सचिव महावीर पोद्दार के नेतृत्व में भाकपा माले की सुपौल शाखा सचिव उमेशकुमार राय, कपिलेश्वर पासवान, विष्णुदेव साह,दिनेश पासवान, शिवचन्द्र राय, राम चन्द्र राय,राम बलि पासवान, ठक्कन पासवान सहित अन्य लोगों ने सभी बंजारा परिवार से मिल कर उनके स्थितियों की जायजा लिया।   विदित हो कि स

"हमारे अन्नदाता ही हमारा असली योद्धा है ": कवि विक्रम क्रांतिकारी

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"हमारे अन्नदाता ही हमारा असली योद्धा है ": कवि विक्रम क्रांतिकारी                                             कवि विक्रम क्रांतिकारी               (विक्रम चौरसिया- अंतरराष्ट्रीय चिंतक)         दिल्ली विश्वविद्यालय /आईएएस अध्येता/मेंटर अगर मैं यह कहता हूं कि किसान पूरे जगत का पालनहार होते है तो गलत नहीं कह रहा हूं। आप गौर करें तो आज वैश्विक महामारी कोविड -19 से उपजी कोरोना वायरस से पूरे विश्व में से जितने लोग नहीं मरते उससे कहीं ज्यादा भुखमरी से लोग मारे जाते । अगर हमारे अन्नदाता दिन -रात एक करके खेतों में अनाज नहीं उपजाते  तो सोचो क्या होता.. ? समस्तीपुर कार्यालय  नई दिल्ली, भारत ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 03 जून,2020 ) । अगर मैं यह कहता हूं कि किसान पूरे जगत का पालनहार होते है तो गलत नहीं कह रहा हूं। आप गौर करें तो आज वैश्विक महामारी कोविड -19 से उपजी कोरोना वायरस से पूरे विश्व में से जितने लोग नहीं मरते उससे कहीं ज्यादा भुखमरी से लोग मारे जाते , अगर हमारे अन्नदाता दिन -रात एक करके खेतों में अनाज नहीं उपजाते  तो सोचो क्या होता.. ? हम सब ने देखा अपने ही देश मे

सूचना के अधिकार के तहत मुख्यमंत्री के साथ ही केन्द्रीय शिक्षा मंत्री सहित मानव संसाधन विभाग से धरमपुर निवासी राहुल कुमार ने वैश्विक कोरोना महामारी की कहर से जूझ रहे छात्रों की आर्थिक मानसिक तनाव को लेकर आवेदन देकर मांगी सूचना

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सूचना के अधिकार के तहत मुख्यमंत्री के साथ ही केन्द्रीय शिक्षा मंत्री सहित मानव संसाधन विभाग से धरमपुर निवासी राहुल कुमार ने वैश्विक कोरोना महामारी की कहर से जूझ रहे छात्रों की आर्थिक मानसिक तनाव को लेकर आवेदन देकर मांगी सूचना समस्तीपुर कार्यालय  समस्तीपुर, बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 27 जून,2020 ) । सूचना प्राप्त करने के लिए आवेदन लोक सूचना पदाधिकारी ,मानव संसाधन विकास मंत्रालय केंन्द्रीय शिक्षामंत्री का कार्यालय)पश्चिम ब्लॉक, राम कृष्ण पुरम, नई दिल्ली- 110066 को सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के तहत आवेदन राहुल कुमार ,पिता- कपिलेष्वर राममोहल्ला- पंजाबी कॉलोनी, गली नं0- 1धरमपुर, वार्ड नं0- 1 बाँध साईड )पोस्ट जिला- समस्तीपुर पिन कोड- 8481013 ने माँगी सूचना । श्री राहुल ने सूचना अधिकारी से लोकशिकायत के तहत आवेदन पत्र देकर कहा है कि वैश्विक महामारी कोरोना से जहाँ पुरा देश आर्थिक तंगी से गुजर रहा हैं । वहीं बीपीएल/एपीएल श्रेणी वाले परिवारों , राज्य सरकार अथवा केंन्द्रीय कर्मचारीयों पर भी इस वैशविक महामारी का भयावक असर पड़ा है। इस कोरोना काल ने जहाँ लोगों की आर्थिक र