सूचना के अधिकार के तहत मुख्यमंत्री के साथ ही केन्द्रीय शिक्षा मंत्री सहित मानव संसाधन विभाग से धरमपुर निवासी राहुल कुमार ने वैश्विक कोरोना महामारी की कहर से जूझ रहे छात्रों की आर्थिक मानसिक तनाव को लेकर आवेदन देकर मांगी सूचना


सूचना के अधिकार के तहत मुख्यमंत्री के साथ ही केन्द्रीय शिक्षा मंत्री सहित मानव संसाधन विभाग से धरमपुर निवासी राहुल कुमार ने वैश्विक कोरोना महामारी की कहर से जूझ रहे छात्रों की आर्थिक मानसिक तनाव को लेकर आवेदन देकर मांगी सूचना

समस्तीपुर कार्यालय 

समस्तीपुर, बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 27 जून,2020 ) । सूचना प्राप्त करने के लिए आवेदन लोक सूचना पदाधिकारी ,मानव संसाधन विकास मंत्रालय केंन्द्रीय शिक्षामंत्री का कार्यालय)पश्चिम ब्लॉक, राम कृष्ण पुरम, नई दिल्ली- 110066 को सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के तहत आवेदन राहुल कुमार ,पिता- कपिलेष्वर राममोहल्ला- पंजाबी कॉलोनी, गली नं0- 1धरमपुर, वार्ड नं0- 1 बाँध साईड )पोस्ट जिला- समस्तीपुर पिन कोड- 8481013 ने माँगी सूचना । श्री राहुल ने सूचना अधिकारी से लोकशिकायत के तहत आवेदन पत्र देकर कहा है कि वैश्विक महामारी कोरोना से जहाँ पुरा देश आर्थिक तंगी से गुजर रहा हैं । वहीं बीपीएल/एपीएल श्रेणी वाले परिवारों , राज्य सरकार अथवा केंन्द्रीय कर्मचारीयों पर भी इस वैशविक महामारी का भयावक असर पड़ा है। इस कोरोना काल ने जहाँ लोगों की आर्थिक रूप से रीढ़ कि हड्डी तोड़ रखी है। वही अब निजी/पब्लिक विद्यालयों द्रारा अभिभावकों को आर्थिक एवं मानशिक रूप से प्रताडि़त करने का कार्य शुरू हो चुँका है। निजी विद्यालयों ने न केवल अपनी मासिक शुल्क में वृद्धि कि है अपितु इस कोरोना काल के दौरान मार्च से जुलाई माह तक का स्कुल फीस आँन लाईन पढाई का हवाला देकर वसूलना चाहती है, और वसूल भी रही हैं। जबकी बहुतों स्कुल ने 45 अथवा 30 दिनों कि ग्रीष्म काल कि छुट्टी भी दे रखी है, उसके बावजूद भी स्कुल फीस माँगने का सिलसिला नही रूक रहा है। जहाँ लोगो के खाने के लाले पड़े हुए है वही कुछ नामित पब्लिक स्कुल मोटी रकम जुटाने का पांखड रच रही हैं। वही कायदे से पब्लिक स्कुल के संचालको को अभिभावकों के हित में कुछ रियायत देनी चाहिए थी। अब दुसरी तरफ कुछ निजी विद्यालय कोरोना महामारी के दौरान आर्थित तंगी से बदहाल होकर अपनी विद्यालयों को सदैव के लिए बंद कर रहे हैं। जो विद्यालय चल रहे है वो इस कोरोना काल में अपना नया नियम मौखिक रूप से बनाया हैं,जो मानवता को शर्मसार करने वाली है, वह नियम अपने अंदर कार्य कर रहे कर्मियों के उपर मढ भी रही है। कोरोना काल/लॉक डाउन के अवधि में किसी तरह का कोई मानदेह/वेतन नही दिया जाएगी और न हि ग्रीष्म काल कि छुट्टी का कोई मानदेह/वेतन विद्यालय में कार्यरत कर्मियों को दिया जाएगा। अब जब समस्या विकराल है और मामला सीधे आम लोगों की जिंदगी से जुड़ा हुआ है। श्री राहुल ने कहा है कि मुझे आपके कार्यालय से सूचना के अधिकार अधिनियम, 2005 के तहत निम्नलिखित सूचनाएँ उपलब्ध कराई जाए :-
क) क्या केंन्द्रीय शिक्षामंत्री/सरकार इस क्रम में अभिभावकों के हित में कोई अहम फैसला लेगी, ताकी जो निजी स्कुल के संचालक स्कुल फिस में बढोतरी कर मोटी रकम अभिभावकों द्रारा जबरन वसुल रही हैं वह न वसुले, ऐसे संचालकों पर कठोर कार्यवाही होगी या नही ? ख) क्या ए.पी.एल एवं बि.पी.एल श्रेणी वाले परिवारों को इस लॉक डाउन काल में निजी विद्यालयों द्रारा तय कि गई मासिक शुल्क हर हाल में भुगतान करना होगा,या वैसे परिवार वालों को आर्थिक सहायता दी जाएगी या काई अन्य विक्लप दिया जाएगा जिस्सें वो निजी विद्यालयों के फिस भुगतान कर सकें ? ग) निजी विद्यालयों द्रारा ग्रीष्म काल कि छुट्टी दे दि गई है, इसके उपरांत गी्रष्म काल का भी मासिक शुल्क विद्यालयों के प्रधानाचार्य द्रारा मांगा जा रहा हैं। क्या यह मासिक शुल्क भी हर हाल में अभिभावकों को भुगतान करना होगा !
( घ) इस वैशविक महामारी के संकट के दौरान कुछ निजी विद्यालयों ने जो गैर जिम्मेदाराना नियम बनाकर अपने अंदर कार्यरत कर्मियों का मानदेह/वेतन भुगतान न करने का फैसला लिया हैं, जो कि सरासर गलत हैं। वैसे निजी स्कुल के प्रधानाचार्य और व्यवस्थापक पर केंन्द्रीय शिक्षामंत्री/सरकार हस्तक्षेप कर क्या एक्षन लेगी ..?
(ड) इस वैशविक महामारी के कारण आर्थिक रूप से तंग आकर बहुत से निजी स्कुल के प्रधानाचार्य और व्यवस्थापक ने अपना स्कुल हमेशा के लिए बंद करने का निर्णय लिया है अथवा ले भी चुँके हैं। क्या वैसे स्कुल के प्रधानाचार्य और व्यवस्थापक को केंन्द्रीय शिक्षामंत्री/सरकार कोई आर्थिक पैकेज/सहायता या कोई अन्य योजना का लाभ देगी जिस्से वह स्कुल पुनः चल सके एवं उन्सें जुड़े कर्मियों कि रोजी-रोटी एवं रोजगार चल सकें ?
4.मैं एतत् द्वारा घोषित करता हूँ कि मेरी पूरी जानकारी में, माँगी गई सूचना, सूचना का अधिकार अध्नियम, 2005 की धारा 8 एवं 9 के अंतर्गत मुक्त नहीं है। यह आपके विभाग/कार्यालय से संबंधित है। फिर भी यदि यह आपके विभाग/कार्यालय से संबंधित न हो तो सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धरा 6 (3) का संज्ञान लेते हुए मेरा आवेदन संबंधित लोक सूचना अधिकारी को पांच दिनों की समयावधि के अंतर्गत हस्तांरित करें। साथ ही अधिनियम के प्रावधनों के तहत सूचना उपलब्ध कराते समय प्रथम अपील अधिकारी का नाम एवं पता अवश्य बताएं।
5. मैं आवेदन-शुल्क के रूप में 10 रूपये अलग से पोस्टल ऑर्डर के रूप में जमा कर रहा हूँ।
संलग्नकः- 1. 10 रू0 का पोस्टल ऑर्डर 2. निजी स्कुल द्रारा एस.स.मेंस के माध्यम से मांगी फीस कि छायाप्रति साथ है । उपरोक्त जानकारी प्रेस को प्रकाशनार्थ राहुल कुमार द्वारा वाट्सएप माध्यम से दिया गया । समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा प्रकाशित । Published by Rajesh kumar verma

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