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हिन्दी को राष्ट्रभाषा घोषित करने के साथ ही हिन्दी को वैश्विक स्तर पर स्थापित करने हेतु अजीत सिन्हा ने कसी कमर उठाया बीड़ा

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  हिन्दी को राष्ट्रभाषा घोषित करने के साथ ही हिन्दी को वैश्विक स्तर पर स्थापित करने हेतु अजीत सिन्हा ने कसी कमर उठाया बीड़ा  जनक्रांति कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा विद्यार्थी काल में मैंने अंग्रेजीयत से प्रभावित होकर अंग्रेजी में ही स्नातकोत्तर की है लेकिन सुख की बात यह है कि यह भाषा मेरे हृदय के कभी भी करीब नहीं रही और ज्ञान होने मैंने एक तरह से अंग्रेज़ी का बाॅयकाट ही अपने दैनिक जीवन में किया है : अजीत सिन्हा  समाचार डेस्क, भारत ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 14 सितंबर, 2021 ) । हिन्दी को राष्ट्रभाषा घोषित करने इसके प्रचार - प्रसार के साथ ही हिंदी को वैश्विक स्तर पर स्थापित करने हेतु अजीत सिन्हा ने कसी कमर उठाया बीड़ा । अजीत सिन्हा ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कहा की मित्रों, आज हिन्दी दिवस है और सौभाग्य से मेरी जन्मदिन भी और यह दिवस इसलिये भी ख़ास है कि अँग्रेजीयत के प्रभाव को कम करने के लिए हम सभी ने हिन्दी को राष्ट्रभाषा घोषित कर इसके प्रचार - प्रसार तथा हिन्दी को वैश्विक स्तर पर स्थापित करने हेतु हम सभी ने बीड़ा उठाया है और अँग्रेजीयत की गुलामी से मुक्ति ह

14 सितंबर 2020 हिन्दी दिवस , हिन्दू पंचाग हिन्दी दिवस की आप सभी को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ।

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  14 सितंबर 2020 हिन्दी दिवस , हिन्दू पंचाग हिन्दी दिवस की आप सभी को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ।                             आज १४ सितम्बर हिन्दी दिवस है आइये! हिन्दी को मन वचन कर्म से अपनाने और प्रचार करने का संकल्प लें। हमारा संकल्प हिन्दी को राज भाषा से राष्ट्र भाषा बनाने का हो। हर देश के प्रत्येक नागरिक की भाषा बनाने का हो। ✍️गुलशन कुमार  न ई दिल्ली, भारत ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 14 सितंबर, 2020 ) । 14 सितंबर 2020 हिन्दी दिवस , हिन्दू पंचाग हिन्दी दिवस की आप सभी को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ। इसी के साथ आइये! हिन्दी को मन वचन कर्म से अपनाने और प्रचार करने का संकल्प लें। हमारा संकल्प हिन्दी को राज भाषा से राष्ट्र भाषा बनाने का हो। हर देश के प्रत्येक नागरिक की भाषा बनाने का हो।    स्वामी दयानन्द ने हिन्दी के क्षेत्र में क्रांतिकारी कार्य किया है। स्वामी दयानन्द ने हमारे मुख्य धार्मिक ग्रंथ वेदों को संस्कृत से हिन्दी में अनुवाद करने का इतिहास मे पहला बडा प्रयास किया था।    इससे वेद जन सामान्य के लिए सर्व सुलभ ही नहीं हुए अपितु वेदों के नाम पर धर्म विरोधियों

" हिंदी से दूर होता हमारा भविष्य चिंताजनक बात है ":कवि विक्रम क्रांतिकारी

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" हिंदी से दूर होता हमारा भविष्य चिंताजनक बात है ":कवि विक्रम क्रांतिकारी @Samastipur office Report दोस्तों हिंदी भाषा को प्रचलित तौर पर हम माथे की बिंदी या तिलक कहते हैं ।  भाषा एक माध्यम है ना की किसी का स्टेटस है आप सब से भी मेरा विनम्र निवेदन है कि आप अपने हिंदीभाषा और जो भी आपका मातृभाषा हो उसका अधिक से अधिक प्रयोग करें।:कवि विक्रम क्रांतिकारी (विक्रम चौरसिया-  अंतरराष्ट्रीय चिंतक/ पत्रकार आज विश्व के बहुत से देशों ने हिंदी भाषा को अपना रहा है यही कारण है कि हम राज्य भाषा ,संपर्क भाषा और जन भाषा बनाने के बाद अब हमारी हिंदी विश्व भाषा बनने की ओर जहां अग्रसर है वही उत्तर प्रदेश की परीक्षाओं में अधिकतर बच्चों को हिंदी भाषा में ही फेल हो जाना कहीं ना कहीं चिंता का बात तो है दोस्तों। दोस्तों की उत्तर प्रदेश की जनसंख्या लगभग 21 करोड़ है इनमें से भी 91% मतलब की 19 करोड़ लोगों की बोलने की भाषा हिंदी ही है। फिर भी इतनी अधिक संख्या में हिंदी भाषी राज्य में हिंदी की परीक्षा में छात्रों का फेल होना दुख की बात है ।  New Delhi,India ( Jan_kranti hindi news Bulletin office