आत्म ज्ञान ...... 📖📚🗞️✍️👉 शिक्षा और विद्या.....।
आत्म ज्ञान ..... . 📖📚🗞️✍️👉 शिक्षा और विद्या.....। गुरूदेव के चरणों में समर्पित रचना जनक्रान्ति कार्यालय सम्प्रति ललन प्रसाद सिन्हा पटना, बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 01 जनवरी, 2021 ) । परमपूज्य गुरुदेव वेदमूर्ति तपोनिष्ट पं० श्री रामशर्मा आचार्य ने शिक्षा व विद्या को दो विभिन्न धाराओं में वर्गीकृत किया है। 01... शिक्षा -👌 संसारिक जानकारियां लौकिक विकास तथा रोजगार परक बातें यह शिक्षा के अंग हैं। 02... विद्या - मनुष्य को नेक व श्रेष्ठ इंसान बनाता है। जीवन दृष्टिकोण में धर्म, अध्यात्म, सदाचार, संयम, सेवा, ईश्वर, परायणता, प्रेम जैसे गुणों का समावेश - ये सब हमें विद्या शक्ति प्रदान करती है। ये विद्या के अंग हैं। 👉 आज हर कोई शिक्षा प्राप्ति का प्रयास तो करता दिखाई पड़ता है, परंतु जीवन की सच्ची शक्ति तो विद्या है। विद्यार्जन के साथ-साथ ज्ञान अर्जन यानी जानने समझने की आकांक्षा भी हमारी बौद्धिक शक्ति में वृद्धि करता है। जो अपनी जानकारी की अल्पता को स्वीकारते हैं और इसकी बुद्धि के लिए निरंतर प्रयत्नशील रहते हैं। 👉✍️ ध्यान दें - भरोसेमंद लोगों की बात मानना और उनस