"पाकिस्तान से आए टिड्डियो से निपटने को सरकार कितनी सक्रिय है"

"पाकिस्तान से आए टिड्डियो से निपटने को सरकार कितनी सक्रिय है"


                                                 कवि विक्रम क्रांतिकारी

                                      दिल्ली विश्वविद्यालय/आईएएस अध्येता

नई दिल्ली, भारत ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 29 मई,2020 ) । फरवरी में पाकिस्तान को इमरजेंसी जैसे हालात में पहुंचा देने वाले टिड्डी दल ने भारत के किसानों के साथ-साथ आम लोगों की मुसीबतें बढ़ा दी हैं l ये फसलों को नुकसान तो पहुंचा ही रहे हैं साथ ही रिहायशी इलाकों में लोगों की मुसीबतों का सबब भी बन गए हैं , अब देश की राजधानी दिल्ली तक इनका हमला करना  शुरू हो गया हैl दोस्तों दुनिया एक और जहां कोरोना वायरस के खौफ में जी रही है तो वहीं दूसरी ओर टिड्डीयो का खतरा परेशान कर रहा  हैl दोस्तों इनके हमले से कई देश परेशान है l इसका कारण है कि टिड्डीयो का एक साथ हमला करना और पल भर में ही सैकड़ों किलोमीटर क्षेत्र की फसलों को चट कर जाना हैं l दोस्तों कुछ समय पहले ही संयुक्त राष्ट्र की संस्था खाद्य एवं कृषि संगठन ने चेताया था, कि इसके कारण दुनिया भुखमरी के कगार पर पहुंच सकती है l दोस्तों ये टिड्डिया होती तो है आधे से 3 सेंटीमीटर तक की लंबाई वाली ही लेकिन इस कदर ये भूखी होती है की अगर  इनका एक छोटा समूह लगभग हो जो चार करोड़ टिड्डियो का एक दल ही उतना खाद्य पदार्थ खा जाती है, जिससे 35 हजार लोगों का पेट दिन में दो बार आसानी से भरा जा सकता हैl जबकि टिड्डियो का मध्यम एवं बड़े दल काफी बड़े होते हैं और नुकसान भी बहुत करते हैं l दोस्तों पाकिस्तान ने इनको रोकने का कोई पहल नहीं किया देखा जाए तो ईरान की ओर से आने वाला टिड्डियो का झुंड पाक  होते हुए भारतीय सीमाओं पर हमला करता है इससे तीनों देशों की खेती व बगवानी को नुकसान होेता हैं l दोस्तों अफ्रीका के अधिकतम देश टिड्डियो के दलों से तंग है वहां खेती नष्ट होने से हर साल हजारों लोग भुखमरी से जूझते हैं l दोस्तों भारत के प्रस्ताव पर इरान साथ काम करने को तैयार हुआ है लेकिन नापाक हरकतों वाला पड़ोसी हमारा पाक का अभी तक इस पर कोई पहल नहीं हुआ है l दोस्तों हमारा भारत टिड्डियो के उन्मूलन के लिए उपयोग किए जाने वाले कीटनाशक की पूरी मात्रा का खर्च उठाने को  तैयार है, और दोस्तों भारत ने ईरान को भी कीटनाशक भेजने का प्रस्ताव रखा है ताकि टिड्डियो को उनकी पैदाइश के स्थल पर ही मार दिया जाए l  जोकि सराहनीय पहल है, दोस्तों किसानों की हालत पहले ही बहुत बुरी थी दिन- रात मेहनत करके किसान अनाज पैदा करता है और उसके लागत मूल्य भी नहीं निकल पाते उस पर से इनका हमला आखिर हमारे अन्नदाता के हालात कब सुधरेंगे l दोस्तों इस पर भी हमारे देश में राजनीति शुरू हो गई ,केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहां की किसानों को निजात दिलाने में केंद्र सरकार सक्रिय हैं लेकिन राज्य सरकार निष्क्रिय हैं, जो भी हो इसमें किसान की कमर टूटेगी और सरकारे  एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करते रहेगी l दोस्तों टिड्डी अपने वजन से बहुत अधिक खाती है फसल के बीज ,फूल इनके पसंद का भोजन है जिस फसल पर बैठ जाती है उसे पूरी तरह साफ कर देती है, दोस्तों इस वैश्विक महामारी में वैसे ही सभी देश परेशान हैं खाद्य पदार्थ की संकट भविष्य में ना बढ़े इसलिए राज्य और केंद्र सरकार को मिलकर सामवेशी तरीके से इनको रोकने के लिए पहल करने की जरूरत है l मेरे आत्मीय मित्रों इस वैश्विक महामारी में भी हमारे अन्नदाता ही हम सभी का पेट भर रहे हैं दिन-रात खेतों में लगे हुए हमारे गिरती हुई अर्थव्यवस्था को भी पटरी पर अन्नदाता ही लाएंगे l  इसलिए जितना हो सके इनके लिए केंद्र और राज्य सरकारों को पहल करने के साथ-साथ हम सबका भी नैतिक जिम्मेदारी है कि इनके लिए और जो भी वंचित तबका है उनको जिस प्रकार से आप मदद कर सके करने का कोशिश जरूर करें l 
कवि विक्रम क्रांतिकारी(विक्रम चौरसिया -अंतरराष्ट्रीय चिंतक) दिल्ली विश्वविद्यालय/आईएएस अध्येता । 
लेखक सामाजिक आंदोलनों से जुड़े रहे हैं व वंचित तबकों के लिए आवाज उठाते रहते हैं-स्वरचित मौलिक व अप्रकाशित लेख । समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा प्रकाशित ।

Published by Rajesh kumar verma 

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