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चित्रगुप्त महापरिवार लोहिया नगर बेगूसराय द्वारा श्रद्धांजलि सभा का किया गया आयोजन

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  चित्रगुप्त महापरिवार लोहिया नगर बेगूसराय द्वारा श्रद्धांजलि सभा का किया गया आयोजन  जनक्रान्ति कार्यालय रिपोर्ट                    श्रद्धांजलि सभा में शामिल चित्रांश परिवार बेगूसराय, बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 28 फरवरी, 2021 ) । अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं आदि चित्रगुप्त मंदिर पटना सिटी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष माननीय रवि नंदन सहाय के एवं जिला कार्यालय प्रभारी रजनी रंजन सिन्हा के निधन पर आज दिनांक 28फरवरी 2021को 2:00 बजे दिन से चित्रगुप्त महापरिवार लोहिया नगर बेगूसराय चित्रगुप्त मंदिर के प्रांगण में श्रद्धांजलि सभा जिला उपाध्यक्ष अनिल कुमार सिन्हा जी की अध्यक्षता में आयोजित की गयी । मालूम हो की माननीय रवि नंदन सहाय का दिनांक 24 फरवरी 2021 को ईलाज के दौरान असामयिक निधन हो गया स्वर्गीय रवि नंदन सहाय जी अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के अलावे तिरहुत शारीरिक शिक्षण महाविद्यालय, श्याम नंदन सहाय महाविद्यालय, के. एन. सहाय इंस्टिट्यूट ऑफ इनभारमेंट एंड अर्बन डेवलपमेंट, एसोसिएट पिगमेंट लिमिटेड, सहाय प्रॉपर्टीज एंड इन्व

पौराणिक कथा... कायस्थो का ननिहाल : नागवंश

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  पौराणिक कथा... कायस्थो का ननिहाल : नागवंश  💲🙋आरती कुमारी वर्मा  जनक्रान्ति कार्यालय से  समस्तीपुर, बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 25 दिसम्बर, 2020 ) ।  भगवान चित्रगुप्त की दो शादियाँ हुईं, । जिनसे 12 पुत्र थे । और पुत्रों का विवाह नागराज बासुकी की बारह कन्याओं से सम्पन्न हुआ, जिससे कि कायस्थों की  ननिहाल नागवंश मानी जाती है। उनकी  *पहली पत्नी सूर्यदक्षिणा* /नंदनी जो ब्राह्मण कन्या थी, इनसे 04 पुत्र हुए जो भानू, विभानू, विश्वभानू और वीर्यभानू कहलाए।  *दूसरी पत्नी एरावती* /शोभावति नागवन्शी क्षत्रिय कन्या थी, इनसे 08 पुत्र हुए जो चारु, चितचारु, मतिभान, सुचारु, चारुण, हिमवान, चित्र,और अतिन्द्रिय कहलाए। जिसका उल्लेख अहिल्या, कामधेनु, धर्मशास्त्र एवं पुराणों में भी दिया गया है । श्री चित्रगुप्तजी महाराज के बारह पुत्रों का विवाह नागराज बासुकी की बारह कन्याओं से सम्पन्न हुआ, जिससे कि कायस्थों की ननिहाल नागवंश मानी जाती है और नागपंचमी के दिन नाग पूजा की जाती है । *माता सूर्यदक्षिणा / नंदिनी* ( श्राद्धदेव की कन्या ) के चार पुत्र काश्मीर के आस -पास जाकर बसे तथा ऐरावत