जिंदगी में मुश्किलें तमाम हैँ , फिर भी इन ओठों पर मुस्कान है

जिंदगी में मुश्किलें तमाम हैँ ,

फिर भी इन ओठों पर मुस्कान है  

प्रमोद कुमार सिन्हा 

बेगूसराय, बिहार 

बेगूसराय, बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 24 जून,2020 ) ।

जिंदगी में मुश्किलें तमाम हैँ ,

फिर भी इन ओठों पर मुस्कान है  , 
जीना जब हर हाल में है  ,

फिर मुस्कुराकर जीने में क्या नुकसान है , 
बुजदिल होते हैँ जो  ,

रो रोकर जीवन अपना व्यतीत करते हैँ  , 
बरे से बरे संकट में भी ,

हंसकर जीवन जीनेवाले इंसान हैँ  , 
जिंदगी में मुश्किलें.......... 
नदियों की धारा पत्थरों से टकराकर ही  ,

आगे आगे रास्ता पकड़ती है  , 
पत्थरों के अहम् चकनाचूर करके ही  , 
धारा सरपट निकलती है  , 
हौसले बुलंद होते हैँ जिनके ,

पग बढ़ाने में करते नहीं कोताही , 
मंजिलें अति सुलभ होते हैँ उनको  ,

जो लक्ष्य के लिये कुर्बान हैँ  , 
जिंदगी में मुश्किलें........... 
दुख आना और जाना होता है हरदम ,

जानकर भी हम परेशान हैँ  , 
इस जग में ही मिलते हैँ कोई  साधु  ,

और कोई कोई शैतान भी हैँ  ,      

 जीना उसका जीना है जगत में  ,

जिसने जीने का है मर्म जान लिया  , 
होती हैँ चर्चाएं उनकी पग पग पर  ,

और कर्मों से पाते सम्मान है , 
जिंदगी  में मुश्किलें......... 
सत्य , दया , धर्म , और  परहित से है , प्रकृति भी करती कद्रदान है , 
अपनी विद्या , बुद्धि , बल और पौरुष पर कायम ,

ईश उस पर मेहरबान है , 
केंकड़े की तरह पैर खींचने बाले ,

की है जग में कमी नहीं , 
दिग्गज पुरुषों की भी कमी नहीं धरा पर ,

करते कभी नहीं परेशान है !

जिन्दगी में मुश्किलें.....।।

समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा प्रमोद कुमार सिन्हा की रचना प्रकाशित । 

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