जगत है केवल नर नारी का खेला , एक दूजे बिन जिंदगी रहता अकेला ,
जगत है केवल नर नारी का खेला ,
एक दूजे बिन जिंदगी रहता अकेला ,
बेगूसराय, बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 09 अगस्त,2020 ) ।
जगत है केवल नर नारी का खेला ,
एक दूजे बिन जिंदगी रहता अकेला ,
सृष्टि निर्माण हेतु ईश्वर बनाया जोड़ी ,
एक जोड़ी रच डाला संसार का मेला ,
जगत है केवल.........
कल्पना भगवान का बहुत निराला ,
कोई गोरा है तो नजर में कोई काला ,
किसी से मिलता है ना कोई विश्व में ,
सूरत अलग अलग है सब मतवाला ,
जगत है केवल........
मूरत बनाने बाला है कैसा अलबेला ,
बिना प्रयास के ही जगत रच डाला ,
स्वमेव सम बनाया मानव तन अद्भुत ,
जड़ चेतन है चौरासी लाख का पाला ,
जगत है केवल.........
भिन्न भिन्न योनि अलग थलग रेला ,
गठीला है कोई तो है कोई शर्मिला ,
बिना पैर भी सरपट है दौरनेबाला ,
एक से बढ़कर है एक भरोसेबला ,
जगत है केवल......।।
समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा प्रकाशित । Published by jankranti....
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