मेरे प्यार का तुम अब इम्तिहान ना लो, यकीन ना हो गर तो खुदा से पूछ लो..!!
प्रमोद कुमार सिन्हा
बेगूसराय, बिहार
बेगूसराय, बिहार ( जनक्रांति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 04 जुलाई,2020 ) ।
मेरे प्यार का तुम अब इम्तिहान ना लो,
यकीन ना हो गर तो खुदा से पूछ लो ,
मोहब्बत में इजाजत ना होती खुदा की
कदम ना बढ़ते इतना दिल से जान लो ,
मेरे प्यार का तुम.........
गर इनायत ना होती शिकायत ना होती
हाले बयां दिल से ये शराफत ना होती ,
हम कहीं और भटक झटक रहे होते ,
तुम्हें पास आने की हिमाकत ना होती ,
मेरे प्यार का तुम......
शुक्र है की मैं बेबफा ना तुमसे की है ,
तेरे लिये मन्नतें खुदा से जो मैंने की है ,
दिल की धड़कन मेरी आबाज तुम हो,
वही बफा की उम्मीद हमनें भी की है,
मेरे प्यार का तुम......
दिल में है अरमान आश लिये तुम पर ,
कश्में बफा की तुम मुझे पहचान लो ,
ऐसा ना हो भीड़ में खो जाओ कहीं,
दिल से दिल की बात प्रमोद मान लो,
मेरे प्यार की. ।।।
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कभी ना कभी हम तुम फिर मिलेंगे ,
शिकबे शिकायतें हम मिल दूर करेंगे ,
कभी ना कभी हम तुम फिर मिलेंगे ,
शिकबे शिकायतें हम मिल दूर करेंगे ..!!
फिर हमारे सामने उन्मुक्त पवन होगा ,
खिला खिला आसमान व चमन होगा ,
बाहें फैलाये एक दूसरे में समां जायेंगे ,
हमारे तुम्हारे प्रेम में साक्षी गगन होगा ,
प्यार हमारा सच्चा फैसला खुदा करेंगे,
प्यार के दुश्मन हजारों होते हैँ जहाँ में ,
खो देते एक दूसरे को इस कह कहाँ में
मुद्दई लाख बुरा चाहे कुछ होता नहीं है
हाँ खुदा जो चाहे वही हम बात करेंगे
दुनियां तो खुद करती है बड़ी मनमानी
सच को झूठ व झूठ को सच क़ुरबानी
मुँह देखकर फैसला जानते सब कोई
जग में है कोई कोई जो आबाद करेंगे
हम तो ठहरे चंद दिनों के मुसाफिर
लोग समझते हैँ हमको यहाँ काफिर
सच होता है बहुत ही कड़वा जग में
हम किसके आगे ये फरियाद करेंगे...।।
कभी ना कभी हम तुम फिर मिलेंगे ,
शिकबे शिकायतें हम मिल दूर करेंगे .....!!!!
समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा प्रमोद कुमार सिन्हा की कविता प्रकाशित । Published by Rajesh kumar verma
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