दीनबंधु दीनानाथ..... विश्वाश के साथ तुझे ही पुकारा....
दीनबंधु दीनानाथ.....
विश्वाश के साथ तुझे ही पुकारा....
रचनाकार प्रमोद कुमार सिन्हा
जनक्रांति कार्यालय रिपोर्ट
दीनबंधु दीनानाथ.....
विश्वाश के साथ तुझे ही पुकारा.....
दीनबंधु दीनानाथ तुम कहाते हो ,
ह्रदय में आने से क्यों कतराते हो ,
दीनबंधु दीनानाथ......!
क्या तुम्हें दीनबंधु लोग कहना छोड़ दे ,
या तुम्हारे तरफ से लोग मुँह मोड़ ले ,
पुकारने पर भी इतना तुम इतराते हो ,
दीनबंधु दीनानाथ......!!
क्या दिन की तरफ तेरा ध्यान नहीं ,
या दिन के रहे अब तू भगवान नहीं ,
लोगों की फरियाद से अब घबराते हो
दीनबंधु दीनानाथ.....!!!
हे नाथ सबों का अंतिम है तेरा सहारा
अति विश्वाश के साथ तुझे ही पुकारा
प्रमोद के विश्वाश को क्यों ठुकराते हो
दीनबंधु दीनानाथ.....!!!!
जनक्रांति प्रधान कार्यालय से प्रकाशक/सम्पादक राजेश कुमार वर्मा द्वारा कार्यालय से रचनाकार प्रमोद कुमार सिन्हा की रचना प्रकाशित व प्रसारित ।
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