किसान विरोधी नई कृषि कानून को वापस लेने हेतू भारत बंद का बी.एस.एस.आर. युनियन ने बंद को दिया समर्थन : श्याम सुंदर

 किसान विरोधी नई कृषि कानून को वापस लेने हेतू भारत बंद का बी.एस.एस.आर. युनियन ने बंद को दिया समर्थन : श्याम सुंदर 

श्याम सुंदर, सचिव बी.एस.एस.आर. यूनियन - समस्तीपुर  

जनक्रान्ति कार्यालय रिपोर्ट 

समस्तीपुर,बिहार ( जनक्रान्ति हिन्दी न्यूज बुलेटिन कार्यालय 07 दिसम्बर, 2020 ) । भारत सरकार की किसान विरोधी नई कृषि कानून के वापस हेतु भारत बंद का बी. एस. एस. आर. यूनियन ने दिया समर्थन । उपरोक्त जानकारी बिहार झारखंड सेल्स रिप्रेजेंटेटिव्स यूनियन के समस्तीपुर जिला सचिव श्याम सुंदर ने प्रेस को देते हुऐ कहा की 08 दिसंबर 2020 के भारत बंद का किसानों के आंदोलन का युनियन समर्थन करता है  । उन्होंने कहा कि

1. द फार्मर्स प्रोड्यूस ट्रेड एंड कमर्स  (प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन) एक्ट - 2020 के प्रतिकूल प्रभाव :- ।
नई कृषि कानून के नकारात्मक प्रभाव यह होंगे कि 86% से अधिक छोटे एवं सीमांत किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए बिचौलिए या कारपोरेट के सामने आत्मसमर्पण करने को मजबूर होना पड़ेगा l जल्द खराब होने वाली कृषि उत्पाद तथा प्राकृतिक कारण, जोखिम - गहन खेती संबंधित नुकसान के लिए सुरक्षा उपायों के कोई प्रावधान नहीं है l खेती संबंधित कोई भी जोखिम के लिए काउंटर गारंटी के रूप में , कोई  सार्थक फसल बीमा योजनाओं को सुनिश्चित नहीं किया गया है l आम किसानों को अनुबंधों की भाषा की समझ, कानूनी सहायता प्रणालियों की  समझ, वित्तीय ताकत, बातचीत एवं सौदेबाजी की क्षमता संबंधित कर्मियों के कारण बिचौलिए या बड़े कारपोरेट द्वारा निर्धारित नियमों और शर्तों के अनुसार समझौता करने के लिए बाध्य किया जाएगा l कारपोरेट एकाधिकार और कार्टेल, प्रतिस्पर्धा को आसानी से मार सकते हैं, जिससे किसानों को उचित मूल्य प्राप्त करने की गुंजाइश समाप्त हो जायेंगे l ए.पी.एम.सी. (बाजार समिति) का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा, राज्य सरकार की भूमिका हाशिए पर हो जाएगा l स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुसार न्यूनतम समर्थन मूल्य की अवधारणा को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया है ।

*2. द फार्मर (एंपावरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑन प्राइस इंश्योरेंस एंड फॉर्म सर्विस एक्ट 2020 के प्रतिकूल प्रभाव:-#ब्रिटिश राज्य की तरह अनुबंध खेती के दिन वापस आ जाएंगे l वास्तव में अनुबंध खेती को कारपोरेट खेती में बदल दिया जाएगा l नकदी फसल की खेती को प्रोत्साहित किया जाएगा नकदी फसल की खेती को प्रोत्साहित किया जाएगा और अनाज उत्पादन हाशिए पर चला जाएगा, अनाज अधिक मांगा हो जाएगा l इसमें पशुपालन फॉर्म भी शामिल रहेगा इसलिए दूध अंडा मछली पालन मांस का उत्पादन और विपणन कारपोरेट के हाथों में चला जाएगा, लाखों स्वरोजगार करने वाले अपनी आजीविका खो देंगे l

*3. द एसएनसीएल कमोडिटीज  (amendment) एक्ट 2020 के प्रतिकूल प्रभाव :-* 
आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकारी नियामक संस्थाओं की भूमिका समाप्त हो जाएगी l बाजार की गतिविधियों की देखरेख करने के लिए सरकारी नियामक संस्थाओं की भूमिका समाप्त हो जाएगी l  जमाखोरी और कालाबाजारी कई गुना बढ़ जाएगी l सामान्य मूल्य स्तर में वृद्धि से औद्योगिक क्षेत्रों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा जो तैयार उत्पादों के लिए कृषि और आदानो की आवश्यकता है ।

उपरोक्त खामियों के विरोध में किसान पूरे भारतवर्ष में आंदोलनरत हैं l क्योंकि यह कृषि कानून पूंजीपतियों के हित में बनाया गया है l साथ ही साथ आंदोलनरत किसानों पर जो दमनात्मक कार्यवाही लाठीचार्ज, वॉटर कैनल , आशु गैस आदि चलाए गए हैं इन क्रियाकलापों l सरकार के दमनात्मक कार्रवाई का हमारा यूनियन बी.एस.एस.आर. यूनियन विरोध करता है l 

अखिल भारतीय किसानों के आंदोलन जिसमें अखिल भारतीय किसान सभा सहित 263 से ज्यादा किसान संगठन शामिल हैं l 08 दिसंबर भारत बंद का समर्थन करता है । इसके साथ ही लोगों से सफल बनाने की पुरजोर तरीके से अपील किया है । 

जनक्रान्ति प्रधान कार्यालय से प्रकाशक राजेश कुमार वर्मा द्वारा कार्यालय रिपोर्ट प्रकाशित व प्रसारित ।

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